Sarguja Division Goods Price Increased: सरगुजा संभाग के कई जिलों से जमाखोरों की मनमानी की खबर सामने आने लगी है. कोरोना के तीसरे वेब की संभावना या फिर कहें चर्चा मात्र से जमाखोर एक्टिव मोड पर आकर गए हैं. संभाग के लगभग सभी जिलों में पान मसाला, गुड़ाखू जैसे तमाम उत्पाद प्रिंट रेट से ज्यादा कीमत में बिकने लगे हैं. लेकिन फिलहाल प्रशासन ऐसे लोगों पर नकेल कसने के बजाय मामले को अनदेखा कर रहा है.


पान मसाला और गुड़ाखू पर सबसे ज्यादा नजर


सरगुजा संभाग मुख्यालय अम्बिकापुर के साथ सूरजपुर, बलरामपुर, जशपुर, कोरिया जिलों में जमाखोर तेजी से सक्रिय हुए हैं. तीसरे वेब में लॉकडाउन की बनती संभावनाओं के बीच जमाखोर लंबी पूंजी बनाने के जुगाड़ में बहुत से उत्पादों को दबाने लगे हैं, जिससे बहुत से उत्पाद बढ़े हुए दामों पर बिकने लगे हैं. इसका सबसे अधिक असर पान मसाला और गुड़ाखू जैसे उत्पाद पर दर्ज किया गया है. आलम ये है बीस रूपए में चार नग यानी प्रति पांच रूपए बिकने वाला पान मसाला सात से आठ रूपए में बिक रहा है. लगभग यही स्थिति गुड़ाखू की भी है. गुड़ाखू भी 5-10 रूपए ज्यादा कीमत में बिकने लगा है. इतना ही नहीं स्थिति यहां तक है कि कुछ फुटकर विक्रेता तो ये कह रहे हैं कि ये दोनों उत्पाद डीलर और होल सेलर द्वारा दबा लिया गया है. जिसकी वजह से अभी तो ये उत्पाद बाजार में नहीं मिल रहा है, पर कुछ दिनों में जब इन उत्पादों की बाजार में किल्लत ज्यादा बढ़ जाएगी. तब डीलर और होल सेलर द्वारा पान मसाला और गुड़ाखू को डीलर प्राइज से दोगुना कीमत पर बेचा जाएगा.


थोक विक्रेताओं का कुछ और कहना है


संभाग के एक बड़े थोक विक्रेता ने बताया कि कुछ डीलर होल सेलर ऐसा कर सकते हैं, पर पिछले कुछ दिनों से पान मसाला और गुड़ाखू की मांग बहुत बढ गई है. आलम ये है कि पहले जो फुटकर कारोबारी दिन में दो तीन पैकेट पान मसाला लेते थे. वो आज लॉकडाउन की संभावना पर एक दिन में एक झाल (100 पैकेट) पान मसाला की मांग कर रहा है. जिससे ये संभावना है कि वो प्रोडक्शन बंद होने से भयभीत होकर ज्यादा सामान जमा कर लेना चाह रहा है. जिससे एक खासकर एक विशेष कंपनी के पान मसाला की किल्लत हो गई है. इतना ही नहीं थोक विक्रेता ने बताया कि कुछ दिन पहले पड़ोसी राज्य में सबसे अधिक सेलिंग वाले पान मसाला कि फैक्ट्री में आग लगने थे कारण वहां की फैक्ट्री बंद हो गई है और वहां पर पान मसाला की खेप छत्तीसगढ़ से भेजी जा रही है. ये दोनों परिस्थितियों के कारण ये स्थिति पैदा हुई है.


प्रशासन ने ये कहा


मसला जमाखोरी और उसके बाद कालाबाजारी का है. लिहाजा एबीपी ने सरगुजा के प्रभारी कलेक्टर विनय लंगेह से इस संबध में जानकारी ली तो उन्होंने कहा कि आज टाइम लिमिट की मीटिंग में इस संबध में चर्चा हुई है. साथ ही उन्होंने कहा कि एसडीएम को इस संबध में व्यापारियों से बात कर ये जानकारी देने को कहा गया है कि लॉक डाउन में विभिन्न भीड़ भाड़ वाले संस्थान बंद रहेंगे, लेकिन व्यवासायिक प्रतिष्ठान बंद करने की अभी कोई बात नहीं हैं. और इस संबध में सामग्रियों को होल्ड करने वाले लोगों पर कार्रवाई करने के निर्देश भी दिए गए हैं. इधर अम्बिकापुर एसडीएम प्रदीप कुमार साहू से बात करने पर उन्होंने कहा कि जमाखोरी और कालाबाजारी करने वाले लोगों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी. इतना ही नहीं उन्होंने कहा कि उनको भी इस संबध मे शिकायत मिली है. कल एक टीम बनाकर ऐसे लोगों पर कार्रवाई की जाएगी.


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