Chhattisgarh School News: छत्तीसगढ़(Chhattisgarh) में भीषण गर्मी (Heat) का प्रकोप जारी है. चिलचिलाती धूप में बच्चों की पढ़ाई मुश्किल हो गई है. इसी लिए स्कूल शिक्षा विभाग ने स्कूली बच्चों को बड़ी राहत दे दी है. पहली से 8वीं के बच्चों को 15 अप्रेल के बाद स्कूल में उपस्थिति की अनिवार्यता समाप्त कर दी गई है. इससे बच्चे अपने इच्छा अनुसार स्कूल जा सकते है.

 

बच्चों के लिए स्कूल में उपस्थिति की अनिवार्यता समाप्त

कोरोना के चलाते पढ़ाई में हुए नुकसान की भरपाई के लिए इस वर्ष शैक्षणिक सत्र को 15 मई तक बढ़ाया गया है और गर्मियों की छुट्टी को 15 में से 15 जून तक किया गया है. लेकिन, तेज धूप के स्कूल शिक्षा विभाग ने नया आदेश जारी किया है. इसके अनुसार प्रदेश में संचालित सभी शासकीय स्कूलों में कक्षा पहली से 8वीं तक के विद्यार्थियों की उपस्थिति 15 अप्रैल के बाद अनिवार्य नहीं होगी, पालक चाहें तो अपने बच्चों को अध्यापन के लिए विद्यालय भेज सकते हैं. लेकिन इस बीच बच्चो को पढ़ाने वाले शिक्षकों की उपस्थिति अनिवार्य होगी.

 

नई शिक्षा नीति लागू

स्कूल संचालन और बच्चों, शिक्षकों की उपस्थिति के संबंध में लोक शिक्षण संचालनालय ने सभी संभागीय संयुक्त संचालक शिक्षा और जिला शिक्षा अधिकारियों को निर्देश जारी कर दिया गया है. इसमें राष्ट्रीय शिक्षा नीति के अनुपालन में छत्तीसगढ़ राज्य में पहले से ही ये नीति है कि कक्षा पहली से 8वीं तक के बच्चों को परीक्षा के आधार पर पिछली कक्षा में नहीं रोका जाता है. कक्षा पहली से 8वीं तक के समस्त बच्चों को सामान्य रूप से वर्तमान शिक्षा सत्र में अगले कक्षा में प्रवेश दिया जाता है. प्रदेश के सभी विद्यालयों में बच्चों की अकादमिक उपलब्धियों का मूल्यांकन किया जाता है. इसके आधार सभी बच्चों को आवश्यक शिक्षण देने की व्यवस्था की जाती है. इस वर्ष भी राज्य में कक्षा पहली से 8वीं तक के बच्चों के लिए यह नीति लागू रहेगी.

 


 

15 मई तक होगी बच्चों की पढ़ाई
गौरतलब है कि, इससे पहले स्कूल शिक्षा विभाग ने वर्तमान शैक्षणिक सत्र में 31 मार्च के स्थान पर 30 अप्रैल तक वृद्धि की गई है और आगामी शैक्षणिक सत्र 1 मई से 15 दिन के अतिरिक्त शैक्षणिक कार्य के लिए प्रारंभ किए जाने के निर्देश दिए गए हैं. पढ़ाई इसी निर्देश के मुताबिक होगी लेकिन बढ़ते गर्मी के चलते पहली से 8वीं तक के बच्चों को सहूलियत दी गई है.

 

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