Chhattisgarh School News: छत्तीसगढ़ के दुर्ग में कोरोना काल में हुए पढ़ाई के नुकसान की ऐसे होगी भरपाई, जानिए- क्या है प्लान
Durg Schools To Adopt New Plan For Education: छत्तीसगढ़ के दुर्ग में स्कूलों में कोरोना काल के दौरान हुए पढ़ाई के नुकसान की भरपाई के लिए प्रशासन ने नई योजना तैयार की है. जानिए डिटेल्स.
Chhattisgarh Durg Administration Plans To Cover Up Study Loss During Corona Times: कोरोना काल में शिक्षा के क्षेत्र में बच्चों को बहुत नुकसान हुआ है. बच्चों के शिक्षा की भरपाई के लिए शासन और प्रशासन कई तरह के प्रयास कर रहे हैं. छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) की बात करें तो छत्तीसगढ़ के दुर्ग (Durg Chhattisgarh) जिले में नए शिक्षा सत्र में बच्चों के कोरोना काल के समय जो शिक्षा का नुकसान हुआ है, उसकी भरपाई करने के लिए एक नया प्लान तैयार किया गया है. इस प्लान के तहत बच्चों को बेहतर से बेहतर शिक्षा देने की तैयारी की गई है. दुर्ग (Durg) के कलेक्टर डॉ सर्वेश्वर नरेंद्र भूरे ने शिक्षा के स्तर को और बेहतर कैसे बनाया जा सके इसे लेकर शिक्षकों को नए सत्र के लिए जरूरी रणनिति तैयार करने की सलाह दी.
स्कूलों में चलाया जाएगा वालेंटियर कार्यक्रम –
दुर्ग जिले के सभी स्कूलों में विषय विशेषज्ञों द्वारा वालेंटियर आधारित कार्यक्रम की शुरूआत जल्द की जाएगी. इस कार्यक्रम में ट्युटर, कोचिंग संस्थान से जुड़े हुए लोग, शिक्षा के क्षेत्र से जुडे़ हुए लोग और प्रतिभावान युवक भी अपनी सेवा वालेंटियर बनकर दे सकते हैं. वांलेंटियर आधारित इस कार्यक्रम का उद्देश्य जिले में शिक्षा के स्तर को और बेहतर करना है.
बच्चों को फिर से शिक्षा के साथ जोड़ना प्राथमिकता - कोरोना काल के चलते पिछले दो सालों में छात्रों की शिक्षा का बड़ा नुकसान हुआ है. हालांकि कोरोना काल में बच्चों को ऑनलाइन पढ़ाया गया लेकिन स्कूलों के माध्यम से बच्चों के लिए जो माहौल पैदा किया जा सकता है, उसे ऑनलाइन नहीं पाया जा सकता.
दुर्ग कलेक्टर डॉक्टर सर्वेश्वर नरेंद्र भूरे ने कहा कि इसलिए आने वाले सत्र में बच्चों को शिक्षा के साथ जोड़ना हमारी प्राथमिकता की श्रेणी में होना चाहिए. ये सत्र छात्रों के साथ - साथ शिक्षकों के लिए भी बहुत महत्वपूर्ण है.
नए शिक्षा सत्र के लिए ये है योजना –
जिला शिक्षा अधिकारी अभय जायसवाल ने बताया कि शिक्षा के नये सत्र के लिए विभाग द्वारा नया रोडमैप तैयार किया गया है. इसमें बच्चों की मॉनिटरिंग के साथ - साथ शिक्षकों की ट्रेनिंग और मॉनिटरिंग भी की जाएगी. शिक्षक, बच्चों को संबंधित विषय को बेहतर तरीके से समझा सकें इसके लिए उन्हें भाषाई कौशल के स्तर पर भी दक्ष किया जाएगा. शिक्षक रोज बच्चों से मौखिक सवाल जवाब करके उनसे तालमेल बढ़ायेंगे. बच्चों का आंकलन कॉन्सेप्ट के आधार पर किया जाएगा. मास्टर ट्रेनरों द्वारा शिक्षकों की आवश्यकता के हिसाब से उन्हें ट्रेनिंग दी जाएगी.
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