Bastar News: मानसून का मौसम आते ही छत्तीसगढ़ के बस्तर (Bastar) में भी एसडीआरएफ (SDRF) की टीम ने भारी बारिश और  बाढ़ से निपटने की तैयारी पूरी कर ली है. बीते साल सुकमा जिले के कोंटा और बीजापुर के अलावा कांकेर और बस्तर जिले में भारी बारिश के बाद बाढ़ ने भारी तबाही मचाई थी. इस वजह से इसबार एसडीआरएफ की टीम में संसाधनों को बढ़ाने के साथ नये उपकरण को भी शामिल किया गया है. दरअसल, हर साल मानसून के दौरान इंद्रावती नदी और शबरी नदी पूरे उफान पर रहती है. इसके साथ ही जगदलपुर शहर का कई इलाका जलमग्न हो जाता है.


बीते साल बस्तर संभाग में बाढ़ की वजह से हुए आठ मौतों के बाद इस बार SDRF की टीम पूरी तरह से बाढ़ से निपटने मुस्तैद हो गई है. साथ ही बस्तर संभाग के सातों जिलों में टीम को तैनात भी कर दिया है. हालांकि, राहत वाली बात यह है कि अब तक बस्तर संभाग में भारी बारिश नहीं हुई है, लेकिन मौसम विभाग के वैज्ञानिकों ने अनुमान जताया है कि आने वाले दिनों में बस्तर संभाग में भारी बारिश की पूरी संभावना है. इधर बाढ़ से निपटने के लिए SDRF की टीम ने बकायदा जगदलपुर शहर में मौजूद अर्न्तराष्ट्रीय स्तर के स्विमिंग पूल में और इंद्रावती नदी में अपनी तैयारी को लेकर मॉक ड्रिल भी किया है.


SDRF के संसाधनों में की गई बढ़ोतरी


SDRF के बस्तर संभाग में सेनानी एन.एस बोर्बरकर ने बताया कि, पूरे बस्तर संभाग में एसडीआरएफ की कुल सात टीम बनाई गई है और एक- एक टीम में 20 जवानों को शामिल करने के साथ संभाग के सातों जिलों में इनकी तैनाती कर दी गई है. अगर किसी जिले में आपात स्थिति होती है तो स्थानीय टीम के अलावा जगदलपुर से भी SDRF की अतिरिक्त बल को रवाना किया जाएगा. SDRF के सेनानी ने बताया कि बस्तर मे SDRF के पास पर्याप्त संसाधन है, जिसमें बाढ़ में डूबते हुए लोगों की जान बचाने के साथ राहत कार्य किया जा सकता है. साथ ही इस साल नाइट विजन की उपलब्धता को भी बढ़ाया गया है, जिससे रात में भी SDRF की टीम अपनी सेवा दे सकती है. उन्होंने बताया कि इस साल मोटर बोट की संख्या में भी बढ़ोतरी की गई है. साथ ही अंडर वाटर कैमरा को भी बढ़ाया गया है.


इसके अलावा 100 लाइफ जैकेट, 30 सर्च लाइट, 10 आसका लाइट टीम के पास उपलब्ध है. टीम के पास कुल 25 मोटर बोट उपलब्ध है, जिसमें संभाग के पांच जिलों के लिए एक-एक मोटर बोट दिया गया है. साथ ही सुकमा जिले के कोंटा में शबरी नदी के बैक वाटर से आने वाली बाढ़ और सबसे ज्यादा डुबान क्षेत्र होने की वजह से सुकमा जिले में चार मोटर बोट दिया गया है.  इसके अलावा बीजापुर में भी अतिरिक्त तीन मोटर बोट टीम को दिया गया है. सेनानी बोर्बरकर ने बताया कि लगातार नगर सेना और SDRF के जवानों की टीम बाढ़ से निपटने के लिए मॉक ड्रिल कर रही है, ताकि विषम परिस्थिति में बाढ़ से निपटने के लिए जवान पूरी तरह से तैयार रहें. उन्होंने बताया कि बीते साल एसडीआरएफ की टीम ने अलग-अलग जगहों में बाढ़ में फंसे करीब 400 लोगों की जिंदगी बचाई थी.


बीते साल कोंटा में बाढ़ से हुई थी तबाही 


गौरतलब है कि, बस्तर संभाग में हर साल भारी बारिश की वजह से तबाही का मंजर देखने को मिलता है. खासकर आंध्रा और छत्तीसगढ़ के सीमा पर बने पोलावरम बांध में शबरी नदी का बैक वाटर सुकमा जिले के कोंटा क्षेत्र को काफी प्रभावित करता है. बीते साल कोंटा में बाढ़ से सबसे ज्यादा घर तबाह हुए थे. साथ ही नेशनल हाईवे भी कई दिनों तक बंद रहा. वहीं सबसे ज्यादा मौतें भी कोंटा विधानसभा क्षेत्र में हुई. इस वजह से इस साल राज्य सरकार ने बस्तर संभाग के इन इलाकों में SDRF को खास नजर बनाए रखने के साथ उनके संसाधनों में भी बढ़ोतरी की है. ताकि बाढ़ के समय किसी भी विषम परिस्थिति में लोगों की जान बचायी जा सके.


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