Chhattisgarh: बीजेपी को कोसने वाले के साथ बीजेपी के वरिष्ठ नेता निकालेंगे स्वाभिमान यात्रा, यहां जानिए पूरा मामला
Chhattisgarh में विधानसभा चुनाव में अब करीब एक साल का समय बचा है. इसक देखते हुए बीजेपी और कांग्रेस दोनों ही जनता को साधने के लिए ग्राउंड पर उतर रही हैं.
Chhattisgarh News: छत्तीसगढ़ में 2023 विधानसभा चुनाव के लिए करीब एक साल का समय बचा है, इसलिए राजनीति पार्टियां सक्रिय हो गई हैं. बीजेपी और कांग्रेस दोनों ही जनता को साधने के लिए ग्राउंड पर उतर रही हैं. इसी कड़ी में अब छत्तीसगढ़ वित्त आयोग के पूर्व अध्यक्ष वीरेंद्र पांडेय और बीजेपी के वरिष्ठ आदिवासी नेता नंदकुमार साय एक साथ मिलकर छत्तीसगढ़ के गांव-गांव तक स्वाभिमान यात्रा निकालने की तैयारी कर ली है. वहीं बीजेपी नेता नंदकुमार साय, पार्टी को कोसने वाले नेता के साथ स्वाभिमान यात्रा का नेतृत्व करने वाले हैं, इस पर अब सवाल उठने लगे हैं.
दरअसल रविवार को स्वाभिमान यात्रा को लेकर वीरेंद्र पांडेय और नंदकुमार साय ने प्रेस कॉफ्रेंस किया है. इसमें बताया गया है कि दीवाली के बाद ये स्वाभिमान यात्रा निकाली जाएगी. इसके लिए रोड मैप तैयार किया जा रहा है. लेकिन ये तय कर दिया गया है की यात्रा की शुरूआत बिलासपुर संभाग से की जाएगी, पर सबसे बड़ा सवाल ये है कि बीजेपी के वरिष्ठ आदिवासी नेता नंदकुमार साय उस व्यक्ति के साथ यात्रा में जा रहे है जो खुद उनके सामने बीजेपी पार्टी के नीतियों को लेकर सवाल उठा रहे हैं. वे रमन सिंह और उनके परिवार पर चिटफंड को बढ़ावा देने का आरोप लगा रहे हैं.
प्रेस कॉन्फ्रेंस में नंदकुमार साय ने क्या कहा?
नंदकुमार साय ने कहा कि छत्तीसगढ़ के गठन के दशकों बीत जाने के बाद आज छत्तीसगढ़ के स्वाभिमान की रक्षा करने की आवश्यकता आन पड़ी है. छत्तीसगढ़ कर्ज में डूबता जा रहा है, रमन सिंह के शासनकाल में लगभग 42000 करोड़ रुपए का कुल कर्ज था, जो अब बढ़कर 1 लाख तीन हजार करोड़ रुपए के लगभग हो चुका है. कर्ज में डूबा प्रदेश और कर्ज में डूबी जनता कभी स्वाभिमान से सिर नहीं उठा सकती है.
वीरेंद्र पांडेय ने कांग्रेस और बीजेपी दोनों को कोसा
छत्तीसगढ़ वित्त आयोग के पूर्व अध्यक्ष वीरेंद्र पांडेय ने इस प्रेस कांफ्रेंस में बीजेपी और कांग्रेस दोनों ही पार्टियों को जमकर कोसा है. उन्होंने कहा कि "भाजपा और कांग्रेस ओछी राजनीति कर रही हैं. रमन सिंह की सरकार और उनके अधिकारियों ने चिटफंड को बढ़ावा दिया. उनके परिवार के लोगों ने भी बढ़ावा दिया. इसके बाद कांग्रेस की भूपेश बघेल सरकार ने बजट से पैसे से वापसी का झूठा वादा किया. रायपुर में तत्कालीन बीजेपी सरकार में स्काई वॉक बनाया जा रहा था तब भी इसके जरूरत पर सवाल उठाया गया था उसके बाद भी ये बनाया गया."
वीरेंद्र पांडेय ने कहा नेता सत्ता के माध्यम से लूट खसोट कर रहे है
वीरेंद्र पांडेय ने पूर्ण शराबबंदी पर कांग्रेस सरकार जमकर निशाना साधा है. उन्होंने कहा कि कांग्रेस शराब पर पूर्ण प्रतिबंध के लिए कसम खाकर सत्ता में आई है. सत्ता में आने के बाद कांग्रेस सरकार न तो कोई नीति बना पा रही है और न ही पूर्ण रूप से शराब प्रतिबंधित कर पा रही है. इसके बाद वीरेंद्र पांडेय ने बीजेपी पर आरोप लगाते हुए कहा कि छत्तीसगढ़ की जनता ने कांग्रेस और भाजपा के नेतृत्व में सरकारों के कामकाज को देख और परख लिया है. आम जनता स्वयं को हताश और परेशान महसूस कर रही है. नेता व्यवसाई हो गए हैं. सत्ता के माध्यम से लूट खसोट करना और किसी भी कीमत पर खुद को बनाए रखना ही आज की राजनीति का अंतिम लक्ष्य है.
बीजेपी पर आरोप लगाने वाले के साथ क्यों नंदकुमार साय
प्रेस कांफ्रेंस के बाद बीजेपी नेता नंदकुमार साय को लेकर एक बड़ा सवाल उठ रहा है. क्योंकि उनकी बगल की कुर्सी में बैठे वीरेंद्र पांडेय कांग्रेस पर तो आरोप लगा रहे थे, साथ ही बीजेपी पर जमकर हमला बोल रहे हैं. इस पर सियायत शुरू हो गई. कांग्रेस ने इन नेताओं को उपेक्षित भाजपाई कहा है. छत्तीसगढ़ कांग्रेस के संचार विभाग प्रमुख सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि अपने ही दल में उपेक्षित भाजपाइयों का नया प्रपंच है. रमन सरकार में छत्तीसगढ़ की संस्कृति तीज त्योहार इतिहास सबको उपेक्षित किया जा रहा था, तब इन मनुभावों का स्वाभिमान कहा चला गया था? तब दलीय और वैचारिक प्रतिबद्धता में गूंगी गुड़िया बन गए थे.
साय के इस कदम से बीजेपी का रुख साफ नहीं
इधर, बीजेपी ने इस मामले अबतक अपना रुख साफ नहीं किया है. बीजेपी एक नेता ने एबीपी न्यूज को बताया कि पार्टी के भीतर इस मामले में चर्चा चल रही है. वहीं नंदकुमार साय पार्टी के वरिष्ठ नेता है जो भी करेंगे अच्छा करेंगे. फिलहाल खबर लिखे जाने तक बीजेपी को तरफ इस मामले आधिकारिक बयान सामने नहीं आया है.