Liquor Scam: छत्तीसगढ़ में कथित 2000 करोड़ रुपए के शराब घोटाले और मनी लॉन्ड्रिंग के केस में ईडी का एक्शन जारी है. अनवर ढेबर के बाद अब दो और लोगों को ईडी ने गिरफ्तार किया है. इसमें नितेश पुरोहित और त्रिलोक सिंह ढिल्लों का नाम शामिल है. इसके साथ ईडी ने 28 करोड़ रुपए की संपत्ति सीज किया है. इसकी जानकारी ईडी ने अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल में ट्वीट कर दी है.
दरअसल गुरुवार (11मइ) को ईडी ने त्रिलोक सिंह ढिल्लों को रायपुर के स्पेशल कोर्ट में पेश किया है. इसके बाद कोर्ट ने ईडी को 4 दिन की रिमांड दी है. अब 15 मई को तीनों की एक साथ कोर्ट में पेशी होगी. आपको बता दें 9 मई को भिलाई के कई स्थानों पर ईडी ने तलाशी की थी. इसके बाद ईडी ने शराब घोटाले में मनी लॉन्ड्रिंग के मामले नितेश पुरोहित और त्रिलोक सिंह ढिल्लों को गिरफ्तार किया है. नितेश पुरोहित को 10 मई को कोर्ट में पेश किया गया था, आज 11 मई को त्रिलोक सिंह ढिल्लों को पेश किया गया है.
नगदी पैसे लाने ले जाने का काम करता था नितेश
आपको बता दें कि बीते 9 मई को ईडी ने हवाला कारोबारियों से जुड़े विभिन्न स्थानों पर तलाशी ली थी. इसके बाद से छत्तीसगढ़ में हलचल तेज है. आशंका जताई जा रही है शराब घोटाले के पैसे हवाला में लगाया गया है. इसके अलावा बताया जा रहा है कि ईडी ने अपनी जांच में पता लगाया है कि अनवर ढेबर का करीबी सहयोगी नितेश पुरोहित अवैध रूप से जमा की गई नकदी को संभालने और ले जाने में शामिल था. वह अनवर ढेबर के निर्देश के अनुसार नगदी का परिवहन कर रहा था.
ईडी ने आज 28 करोड़ रुपए की संपत्ति सीज किया
त्रिलोक सिंह ढिल्लों पर आरोप लगे है कि उसने अपने स्वेच्छा से और जानबूझकर अपने बैंक खातों और फर्मों को बड़ी मात्रा में घोटाले पैसे के लिए उपयोग करने की अनुमति दी है. इस मामले में प्रमुख लाभार्थी है. ईडी ने मनी लॉन्ड्रिंग में शामिल उनके फर्मों के नाम पर 27.5 करोड़ रुपए की एफडी फ्रिज कर दी है और 52 लाख रुपए नगदी भी जब्त की है.
छत्तीसगढ़ में 2 हजार करोड़ का शराब घोटाला
गौरतलब है कि ईडी ने शराब में राज्य में 2 हजार करोड़ रुपए से अधिक रुपए के भ्रष्टाचार और मनी लांड्रिंग का दावा किया है. इसमें कांग्रेस के नेता और रायपुर मेयर एजाज ढेबर के भाई अनवर ढेबर को गिरफ्तार किया गया है.ईडी ने दावा किया है कि राज्य में 2019 से 2022 तक 2 हजार करोड़ रुपए का घोटाला हुआ है. इसमें राज्य के बड़े नेताओं और अधिकारियों का समर्थन था. कच्ची शराब सरकारी शराब दुकान बेचने और इससे मुनाफा कमाने का आरोप अनवर ढेबर पर लगाया गया है.