Chhattisgarh News: बीजापुर जिले के सिलगेर गांव में हुए गोलीकांड को लेकर डेढ़ साल बीतने को है, लेकिन इस मामले में हुई न्यायिक जांच की रिपोर्ट अब तक सार्वजनिक नहीं की गई है. साथ ही पुलिस की गोली से मारे गए 6 ग्रामीणों के परिवारों को किसी प्रकार का मुआवजा भी नहीं मिला है, जिसको लेकर सिलगेर गांव के सैकड़ों ग्रामीण अपनी मांग को लेकर लगातार आंदोलनरत है.
इस आंदोलन के समर्थन में CPI के पूर्व विधायक और वर्तमान में सीपीआई महासभा के संभागीय संयोजक मनीष कुंजाम भी प्रभावित ग्रामीणों के साथ न्याय की मांग कर रहे हैं, लेकिन डेढ़ सालों से सरकार की अनदेखी के चलते मनीष कुंजाम ने प्रभावित ग्रामीणों के साथ पदयात्रा की शुरुआत की है, बीजापुर के सिलगेर से सुकमा जिला तक लगभग 100 किलोमीटर की पदयात्रा मनीष कुंजाम ने निकाली है.
नक्सल प्रभावित क्षेत्रों से होकर गुजरने वाली इस पदयात्रा को सुरक्षागत कारणों से जिला प्रशासन द्वारा अनुमति नहीं दी गई है. बावजूद इसके मनीष कुंजाम ने सैकड़ों ग्रामीणों के साथ बीजापुर के सिलगेर से सुकमा जिले के लिए पदयात्रा शुरू कर दिया है,यह पदयात्रा 7 दिनों में सुकमा पहुंचेगी, वहीं इस पदयात्रा में CPI राष्ट्रीय महासचिव एनी राजा भी शामिल हुईं हैं. एनी राजा ने सरकार पर वादाखिलाफी का आरोप लगाया है. साथ ही कहा है कि छत्तीसगढ़ में मानवाधिकार का जमकर उल्लंघन किया जा रहा है.
प्रशासन के बिना अनुमति के शुरू हुई पदयात्रा
पूर्व विधायक और आदिवासी महासभा के संभागीय संयोजक मनीष कुंजाम के नेतृत्व में इस पदयात्रा में सिलगेर के सैकड़ो ग्रामीणों के साथ CPI के कार्यकर्ता भी इसमें शामिल हुए हैं. मनीष कुंजाम ने कहा कि जैसे-जैसे यह पदयात्रा आगे बढ़ेगी लोगों की भीड़ भी इस यात्रा में बढ़ती जाएगी.
उन्होंने इस पदयात्रा के माध्यम से सिलगेर गोली कांड में मारे गए ग्रामीणों को मुआवजा देने, दोषी पुलिस कर्मियों को सजा देने समेत विभिन्न मांगों को लेकर पदयात्रा निकालने की बात कही है. ये पदयात्रा जगरगुंडा के रास्ते होते हुए सुकमा पहुंचेगी. मनीष कुंजाम ने कहा कि आदिवासियों से पेसा कानून, आरक्षण, आदिवासी इलाकों में सुरक्षा बलों के कैंप हटाने, रोजगार देने, ग्राम सभा की प्रमुखता जैसे वादे किए गए थे, जिन्हें भूला दिया गया. उन्हीं वादों को दोबारा याद दिलाने पदयात्रा किया जा रहा है. इस पदयात्रा के लिए स्थानीय प्रशासन ने अनुमति नहीं दी है.
मानव अधिकार का हो रहा उल्लंघन
CPI की राष्ट्रीय महासचिव एनी राजा ने कहा कि कैम्प खुलने का विरोध कर रहे आदिवासी फोर्स की गोलीबारी का शिकार हो रहे हैं.आदिवासियों को उनके मौलिक अधिकारों का हनन किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि राज्य और केंद्र के मानवाधिकार संगठनों को यहां के हालात को खुद संज्ञान में लेना चाहिए. बस्तर में जितने भी गोलीकांड हुए, और आदिवासी ग्रामीणों पर अत्याचार हुए हैं उनमें हो रही न्यायिक जांच की रिपेार्ट के आधार पर पीड़ितों को न्याय दिया जाना चाहिए.
इसे भी पढ़ें: