Chhattisgarh News: रायपुर से तिरंगा लेकर पैदल दिल्ली रवाना हुए धावक सैनी, इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड में दर्ज है उनकी पदयात्रा
Raipur News: गरियाबंद जिले के राजिम नयापारा निवासी धावक कृष्ण कुमार सैनी रायपुर से दिल्ली की पदयात्रा पर निकले हैं. सैनी 16 दिन में ये पदयात्रा पूरी कर 21 अगस्त को दिल्ली पहुंचेंगे.
Azadi Ka Amrit Mahotsav: देश में इस साल आजादी का अमृत महोत्सव बड़े उत्साह से मनाया जा रहा है. स्वतंत्रता दिवस पर ''हर घर तिरंगा'' फहराने के आह्वान को जन-जन तक पहुंचाने के लिए कई तरह से अभियान चलाया जा रहा है. आज छत्तीसगढ़ के एक ऐसे राष्ट्रभक्त की कहानी बताने जा रहे हैं जिसके जुनून की कोई सीमा नहीं है.
छत्तीसगढ़ का एक युवक जिसका नाम कृष्म कुमार सैनी है रायपुर से तिरंगा लेकर दिल्ली पैदल निकल पड़ा है. सैनी ने बताया कि अपनी पदयात्रा के पांचवें दिन वो करीब 350 किमी. का सफर तय कर चुके हैं और जबलपुर पहुंच चुके हैं.
रायपुर से दिल्ली तक तिरंगा लेकर पदयात्रा
दरअसल गरियाबंद जिले के राजिम नयापारा निवासी धावक कृष्ण कुमार सैनी रायपुर से दिल्ली की पदयात्रा पर निकले हैं. हर घर तिरंगा अभियान के बीजेपी छत्तीसगढ़ प्रभारी पूर्व मंत्री बृजमोहन अग्रवाल ने एक सप्ताह पहले 5 अगस्त को रायपुर के भारत माता चौक से हरी झंडी दिखाकर उन्हें रवाना किया. इसके बाद कृष्ण कुमार सैनी 16 दिन में ये पदयात्रा पूरी कर 21 अगस्त को दिल्ली के राष्ट्रीय युद्ध स्मारक पहुंचेंगे.
रोजाना 70 से 75 किलोमीटर चलने का लक्ष्य
के के सैनी ने पदयात्रा को लेकर कहा कि छत्तीसगढ़ से मध्यप्रदेश, उत्तरप्रदेश, राजस्थान और हरियाणा होते हुए कुल 1150 किमी का सफर तय कर दिल्ली पहुंचेंगे. रोजाना 70 से 75 किमी. पैदल चलने का लक्ष्य रखा है.उन्होंने यह उम्मीद भी जताई है कि पदयात्रा इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड में भी दर्ज हो सकती है. सैनी ने आगे कहा कि मैं खुशनसीब हूं जो आजाद भारत मे पैदा हुआ.
इसका पूरा श्रेय स्वतंत्रता सेनानियों को जाता है. सैनी ने बताया कि वो अब तक 300 किलोमीटर का सफर तय कर चुके हैं.
इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड में भी दर्ज हो चुका है सैनी का नाम दर्ज
रायपुर के कृष्ण कुमार सैनी इससे पहले दो पदयात्राएं कर चुके है और अब वे अपनी तीसरी पदयात्रा पर निकले है. उन्होंने बताया कि 12-13 जून को उन्होंने राजिम महामाया मंदिर से डोंगरगढ़ बम्लेश्वरी माता मंदिर तक नॉनस्टॉप 140 किमी की पदयात्रा 26 घंटे में पूरी की है. वहीं दूसरी पदयात्रा 1 जुलाई को माता कौशल्या मंदिर चंदखुरी से शुरू कर 11 जुलाई को जगन्नाथ धाम पूरी पहुंचकर संपन्न की.
इस दौरान उन्होंने 10 दिन में 600 किमी की दूरी तय की है. उनकी दोनों पदयात्राएं इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड में भी दर्ज है. उनकी तीसरी पदयात्रा लगभग 1150 किमी. की है जिसे उन्होंने 16 दिन में पूरा करने का लक्ष्य रखा है.