Chhattisgarh: कैमेस्ट्री में 90 फीसदी फेल, 40 को मिले जीरो नंबर, SGGU पर लगा लापरवाही का आरोप
Chhattisgarh News: प्रदर्शन के दौरान एनएसयूआई कार्यकर्ताओं ने कहा कि कैमेस्ट्री तथा बॉटनी विषय में फेल हुए विद्यार्थियों के परिणाम का पुनः मूल्यांकन कराते हुए मूल्यांकन शुल्क माफ किया जाना चाहिए.
Surguja News: छत्तीसगढ़ के सरगुजा जिले में स्थित संत गहिरा गुरू विश्वविद्यालय (SGGU) के द्वारा बीएससी द्वितीय वर्ष के परीक्षा परिणाम में कैमेस्ट्री विषय में 90 फीसदी विद्यार्थियों को अनुत्तीर्ण घोषित करते हुए 40 विद्यार्थियों को शून्य अंक दिए जाने से विद्यार्थियों के द्वारा विश्वविद्यालय प्रबंधन के खिलाफ त्रुटिपूर्ण परिणाम जारी करने और उनके भविष्य के साथ खिलवाड़ करने का आरोप लगा विश्वविद्यालय की प्रशासनिक भवन के समक्ष जमकर नारेबाजी की गई और कुलपति को ज्ञापन सौंपा गया. इधर विश्वविद्यालय प्रबंधन के द्वारा विद्यार्थियों के आरोपों का खंडन करते हुए लिखे गए उत्तर पुस्तिका के अनुसार ही परिणाम जारी करने की जानकारी दी गई है.
विद्यार्थियों ने आरोप लगाया कि विश्वविद्यालय प्रबंधन के द्वारा कभी प्रश्न पत्र में तो कभी परिणाम में त्रुटि की जा रही है. विधि संकाय की परीक्षा में कोर्स से बाहर के प्रश्न पूछे जाने का भी आरोप लगा था. परीक्षा परिणाम विलंब से घोषित किए जाने के बावजूद त्रुटि की जा रही है. बीएससी द्वितीय वर्ष के परिणाम में प्रायोगिक परीक्षा में अनुपस्थित बताया गया है. इन त्रुटियों के चलते विद्यार्थियों को बार-बार विश्वविद्यालय का चक्कर लगाना पड़ रहा है.
मूल्याकंन शुल्क माफ किए जाने की मांग
प्रदर्शन के दौरान एनएसयूआई कार्यकर्ताओं ने कहा कि कैमेस्ट्री तथा बॉटनी विषय में फेल हुए विद्यार्थियों के परिणाम का पुनः मूल्यांकन कराते हुए मूल्यांकन शुल्क माफ किया जाना चाहिए. विद्यार्थियों की शिकायतों को सुनने के लिए विश्वविद्यालय परिसर में पूछताछ और सहायता केंद्र बनाए जाना चाहिए. इस दौरान एनएसयूआई के अम्बिकापुर ब्लॉक अध्यक्ष अभिषेक सोनी, शिवम सिंह, साक्षी गुप्ता, काजल विश्वकर्मा, साक्षी ठाकुर, अखिलेश कुशवाहा, प्रिंस सोनी, उमेश्वर गुर्जर, अकाश ठाकुर, सोनी दिवाकर, गरिमा गुप्ता सहित अन्य छात्र उपस्थित थे.
रैंडम जांच में गलत उत्तर लिखने का हुआ था खुलासा
इस संबंध में विश्वविद्यालय के कुल सचिव प्रो. विनोद एक्का ने कहा कि इसके पूर्व अंग्रेजी व कैमेस्ट्री विषय के परिणाम पर भी सवाल उठाते हुए अभाविप कार्यकर्ताओं के द्वारा शिकायत की गई थी. उस दौरान उन कक्षाओं के परिणाम का रैंडम जांच किया गया था. जिसमें विशेषज्ञों के द्वारा यह पुष्टि की गई थी कि अधिकांश बच्चों के द्वारा पूछे गये प्रश्न का गलत उत्तर दिया गया था. जिससे उक्त उत्तर पर शून्य अंक दिया गया, जबकि जिन प्रश्नों का उत्तर विद्यार्थियों ने सही दिया था. उस पर पूर्ण अंक दिए गये थे. कुल सचिव ने बताया कि वे अभी हाई कोर्ट में है वापस लौटने के बाद बीएससी द्वितीय वर्ष के परिणाम का परीक्षण कराया जाएगा.
यह भी पढ़ें: Chhattisgarh: सीएम बघेल का 'युवा भेंट' कार्यक्रम दुर्ग में, संभाग के 7 जिले का यूथ होगा शामिल