Chhattisgarh News: छत्तीसगढ़ में राजकीय पशु का दर्जा प्राप्त और बस्तर (Bastar) की शान कहे जाने वाले जंगली वन भैंसा (Wild Forest Buffalo) विलुप्त होने के कगार पर हैं. वन विभाग (Forest Department) के लाख दावों के बावजूद भी बस्तर में लगातार वन भैंसों की संख्या घटती जा रही है. खास बात यह है कि देश में वन भैंसा केवल बस्तर और असम में ही पाया जाता है, लेकिन बस्तर से लगातार इनकी संख्या घट रही है. हालांकि वन विभाग के अधिकारी वन भैंसों के संरक्षण और संवर्धन के लिए लगातार प्रयास करने की बात कह रहे हैं, लेकिन यह प्रयास जमीनी स्तर पर होती नहीं दिख रही है. लिहाजा जंगली वन भैंसा बस्तर में विलुप्त के कगार पर पहुंच गए हैं.


राजकीय पशु का प्राप्त है दर्जा
छत्तीसगढ़ का बस्तर अत्यधिक वनसंपदा के कारण वन्य जीवों के मामले में भी संपन्न रहा है, लेकिन पिछले 50 सालों में अंधाधुंध शिकार के कारण बस्तर में अब बहुत से वन्य जीव लुप्त हो चुके हैं और अधिकांश विलुप्त के कगार पर हैं. बस्तर में हाथी, सिंह, बाघ, जंगली वन भैंसा, गौर, नीलगाय जैसे बड़े स्तनपायी वन्य जीव बहुतायत में थे, लेकिन धीरे धीरे ये सभी जानवर शिकार और विभाग के अनदेखी के चलते विलुप्त हो गए हैं. वन भैंसा भी छत्तीसगढ़ के दुर्लभ और संकटग्रस्त प्रजातियों में से एक है. एक समय में ये प्रजाति अमरकंटक से लेकर बस्तर तक बहुत अधिक संख्या में पाये जाते थे, लेकिन अब मात्र इन्हें बस्तर के इंद्रावती राष्ट्रीय उद्यान में ही पाया जाता है. कभी कभी इनके झुंड जगंलों में विचरण करते हुए दिखायी पड़ते हैं. 


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लगातार घट रही है संख्या
बीजापुर जिले के कुटरु में स्थित इंद्रावती राष्ट्रीय उद्यान में भी वन भैंसों के झुंडों की विचरण की जानकारी मिलती रहती है. छत्‍तीसगढ़ राज्‍य के वन भैंसे का विशेष महत्व है. इस कारण से छत्तीसगढ़ शासन द्वारा इसे राज्य पशु का दर्जा दिया गया है, लेकिन पिछले कुछ सालों से लगातार वन भैंसों  की संख्या घटती जा रही है और छत्तीसगढ़ की राजकीय पशुओं के संरक्षण और संवर्धन के लिए भी कोई खास पहल नहीं की जा रही है. लिहाजा बस्तर से  वन भैंसों की कमी होते जा रही है. फिलहाल वन विभाग के अधिकारी इनकी संख्या में बढ़ोतरी के लिए लगातार प्रयास करने की बात कह रहे हैं. साथ ही इन भैंसों का शिकार ना हो इसके लिए भी खास सुरक्षा व्यवस्था पार्क के भीतर की गई है. फिलहाल अधिकारियों का कहना है कि इनके संरक्षण और संवर्धन के लिए लगातार प्रयास जारी है.


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