Chhattisgarh: भारतीय संविधान (Indian Constitution) में सभी भारतीय नागरिकों को समानता का अधिकार है, हालांकि इस वैज्ञानिक युग में आज भी लोगों के बीच अक्सर सामाजिक अलगाव देखने को मिल जाता है. इस सामाजिक दूरी को कम करने लिए छत्तीसगढ़ सरकार (Chhattisgarh Government) अंतर्जातीय विवाह (Inter Caste Marriage) को प्रोत्साहन दे रही है.
इस योजना के अनुसार अनुसूचित जाति (Scheduled Caste) और गैर अनुसूचित जाति के लड़के और लड़की के विवाह पर ढाई लाख रुपए का प्रोत्साहन राशि दिया जाता है. आज इस योजना के बारे आपको बताएंगे की आखिर इस योजना का लाभ कैसे उठा सकते है.
अंतर्जातीय विवाह करने पर मिलेंगे ढाई लाख रुपए
दरअसल अस्पृश्यता को समाप्त करने के लिए छत्तीसगढ़ शासन के जरिये अंतर्जातीय विवाह को प्रोत्साहन दिया जाता है. अंतर्जातीय विवाह प्रोत्साहन योजना के तहत दंपत्तियों में से लड़का या लड़की किसी एक को अनुसूचित जाति संवर्ग का तथा दूसरे को गैर अनुसूचित संवर्ग का होना चाहिए. ऐसे विवाह करने वाले दंपत्तियों को शासन के जरिये पुरस्कृत और सम्मानित किया जाता है.
इस संबंध में आदिवासी विकास विभाग के अधिकारी ने बताया कि, "अंतर्जातीय विवाह योजना के तहत ढ़ाई लाख रुपए पात्र आवेदकों को मिलता है. इसमें से एक लाख रूपये की राशि दंपत्तियों के संयुक्त बैंक खाते में एन.ई.एफ.टी. के माध्यम से जमा कराई जाती है. बाकी डेढ़ लाख रुपए दंपत्ति के संयुक्त नाम पर राष्ट्रीयकृत बैंक में तीन वर्ष के लिए फिक्स डिपोजिट कराई जाती है.
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योजना के लिए कौन है पत्र
योजना के तहत आवेदक या आवेदिका को छत्तीसगढ़ राज्य का मूल निवासी होना अनिवार्य है. इसमें से एक अनुसूचित जाति संवर्ग का और दूसरा गैर अनुसूचित संवर्ग का होना चाहिए. कानून के जरिये विवाह के लिए निर्धारित न्यूनतम आयु, अनुसूचित जाति प्रमाण पत्र की आवश्यकता होगी. इसके अलावा अनूसूचित जाति वर्ग के लड़का या लड़की के द्वारा सामान्य वर्ग (सवर्ण) के लड़की या लड़के से विवाह करने पर इस योजना का लाभ दिया जाता है.
कैसे करें आवेदन
योजना का लाभ लेने के पात्र आवेदक या आवेदिका आदिवासी विकास विभाग के जिला या विकासखंड कार्यालय में विधिवत प्रपत्र में आवेदन कर कर सकते है. अपको बता दें कि, इस योजना को 2019 में संशोधन किया गया है, जिसके तहत दंपत्ति को मिलने वाली राशि 50 हजार रूपये को बढ़ाकर ढाई लाख रूपये किया गया है. योजना का संचालन राज्य शासन के आदिवासी विकास विभाग द्वारा किया जाता है.
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