Jagdalpur News: छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) को प्लास्टिक कचरा (Plastic Waste) मुक्त बनाने के लिए जगदलपुर (Jagdalpur) शहर में प्रदेश की पहली रिवर्स वेंडिंग मशीन (Reverse Vending Machine) लगाई गई है. इस मशीन की खासियत ये है कि जैसे ही आप मशीन में कचरा डालेंगे वैसे ही मशीन से एक कूपन निकलेगा. यह एक डिस्काउंट कूपन होगा जिसका इस्तेमाल आप सामान की खरीद पर कर सकते हैं.
बस्तर कैफे में मिलेगा 5% का डिस्काउंट
यह वेंडिंग मशीन दलपत सागर के किनारे लगाई गई है. प्रशासनिक अधिकारियों का मानना है कि रिवर्स वेंडिंग मशीन से लोगों में प्लास्टिक मुक्त शहर के लिए जागरूकता आएगी. उन्होंने कहा कि बस्तर जिले में प्रयोग सफला रहा तो मशीनों को अन्य शहरों में भी लगाया जाएगा. इसके अलावा एक मशीन चित्रकोट वाटरफॉल परिसर में भी लगाई गई है. जानकारी के मुताबिक मशीन से निकलने वाले कूपन पर बस्तर कैफे में 5% का डिस्काउंट दिया जाएगा.
ऐसे काम करेगी रिवर्स वेंडिंग मशीन
बस्तर कलेक्टर चंदन कुमार ने बताया कि दरअसल इन मशीनों में लोग इस्तेमाल की गई खाली पीईटी, बोतलें जैसे पानी, जूस, कोल्ड ड्रिंक्स की बोतलें, मल्टी लेयर प्लास्टिक, एमएलपी के खाली पैकेट, स्नेक्स, बिस्किट के प्लास्टिक रैपर आदि डाल सकते हैं और बदले में मशीन से एक कूपन प्राप्त कर सकते हैं.
प्लास्टि कचरे से मिलेगी निजात
उन्होंने कहा कि इन मशीनों के लग जाने के बाद सिंगल यूज प्लास्टिक को शहर से खत्म करने में मदद मिलेगी और प्लास्टिक का उचित प्रबंधन किया जा सकेगा. चंदन कुमार ने कहा कि इससे नालियों को साफ रखने और सड़कों पर कूड़े को जमा होने से रोका जा सकेगा. निगम प्रशासन द्वारा जगदलपुर शहर में और चित्रकोट वाटरफॉल में लगाई गई इन मशीनों की जमकर तारीफ ही रही है. मशीनों को लेकर लोगों से भी अच्छा रिस्पांस मिल रहा है.
जगदलपुर में लगाई जा रही रिसाइकल वेस्ट मैनेजमेंट फैक्ट्री
बस्तर कलेक्टर ने कहा कि प्रदेश में पहली बार प्लास्टिक को गलाकर इसे फिर से उपयोग में लाने वाली रिसाइकल वेस्ट मैनेजमेंट फैक्ट्री जगदलपुर के बाबू सेमरा गांव में लग रही है. रिवर्स वेंडिंग मशीन में आने वाले प्लास्टिक के कचरे को इसी फैक्ट्री में गलाया जाएगा. उन्होंने कहा कि इस सरकारी फैक्ट्री से पर्यावरण प्रदूषित होने से तो बचेगा ही, साथ ही इलाके के कई स्थानीय महिला समूहों को रोजगार भी मिलेगा. कलेक्टर ने कहा कि इस फैक्ट्री को शुरू करने के लिए साढ़े 3 करोड़ खर्च किए जा रहे हैं. चंदन कुमार ने कहा कि ग्रामीण और शहरी क्षेत्र को सूखे कचरे और प्लास्टिक कचरे से मुक्त रखने के लिए ये फैक्ट्री लगाई जा रही हैं.
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