Ambikapur News: पशुपालकों की लापरवाही और निगम प्रशासन की अनदेखी के चलते सरगुजा संभाग मुख्यालय अंबिकापुर की सड़कें गौठान में तब्दील हो गई हैं. शहर से लगे प्रमुख राष्ट्रीय राजमार्गों के अलावा ग्यारह किलोमीटर रिंग रोड, भितरी व्यावसायिक मार्गों में दिन भर मवेशियों का जमावड़ा बना रहता है. जिसके चलते आए दिन दुर्घटनाएं हो रही हैं. वहीं जाम की भी स्थिति बनी रहती है. कभी तेज रफ्तार वाहनों की चपेट में आने से मवेशी घायल हो रहे हैं. वाहन चालक भी हादसे का शिकार हो रहे हैं. अंबितापुक शहर के अधिकांश पशुपालकों की तरफ से मवेशियों को दूध देना बंद करने पर कचरा खाने के लिए खुला छोड़ दिया जाता है. जिसके चलते मवेशी न सिर्फ सड़क पर बल्कि प्रमुख गुदरी बाजार, फल बाजार में भी दिन भर मंडराते रहते हैं. प्रमुख मार्गों में जमावड़ा के चलते कई बार पैदल चलने वालों को भी असुविधाओं का सामना करना पड़ता है.


अंबिकापुर शहर के गुदरी बाजार में आवारा मवेशियों का झुंड मंडराता रहता है. आए दिन मवेशी लोगों के झोले में मुंह मार रहे हैं, जिससे लोगों को नुकसान उठाना पड़ रहा है. सब्जी विक्रेता भी हलकान हैं. आवारा मवेशियों के हमले से लोग चोटिल भी हो रहे हैं. वहीं प्रमुख मार्गों में भी कई बार दो सांडों के बीच लड़ाई से लोगों की जान भी आफत में फंसी, जिसके चलते लोग चोटिल होने के साथ ही वाहनें भी क्षतिग्रस्त हुई हैं. प्रमुख मागों में देर रात तक मवेशियों के जमावड़े के चलते दुर्घटनाएं भी होती है.


नगर निगम की काउ कैचर टीम हुई लापता


आवारा मवेशियों की धरपकड़ और कांजी हाउस भेजने के लिए नगर निगम की तरफ से काठ कैचर टीम भी बनाया गया है, मगर यह टीम कभी कभार ही कार्रवाई करती नजर आती है. मौजूदा समय में शहर का कांजीघर मठपारा खाली है. विदित हो कि नगर निगम की तरफ से सड़क पर मवेशियों को खुला छोड़ने वाले पशुपालकों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई का प्रावधान किया गया है. जुर्माना वसूलने के अलावा मवेशियों को कांजीघर में रखने के निर्धारित अवधि बाद मवेशियों को नीलाम करने का भी प्रावधान किया गया है, मगर इसका पालन नहीं होने से पशुपालक बेपरवाह बने हुए हैं.


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