Sukma News: सुकमा में मुआवजा राशि को लेकर फूटा बाढ़ पीड़ितों का गुस्सा, गड़बड़ी के आरोप पर डीएम ने दिए जांच के आदेश
Chhattisgarh: बाढ़ प्रभावितों का आरोप है कि जिनका बाढ़ में कुछ नहीं बिगड़ा उन्हें लाखों रुपए का मुजावजा दिया गया है, जबकि असल प्रभावितों को पांच सौ, हजार और तीन हजार देकर खानापूर्ति की गयी है.
![Sukma News: सुकमा में मुआवजा राशि को लेकर फूटा बाढ़ पीड़ितों का गुस्सा, गड़बड़ी के आरोप पर डीएम ने दिए जांच के आदेश Chhattisgarh: Sukma flood victims allege irregularities in compensation amount, DM ordered investigation ann Sukma News: सुकमा में मुआवजा राशि को लेकर फूटा बाढ़ पीड़ितों का गुस्सा, गड़बड़ी के आरोप पर डीएम ने दिए जांच के आदेश](https://feeds.abplive.com/onecms/images/uploaded-images/2022/08/31/b7d8eb5a345d30ecfee7ef9d638093e51661948677035371_original.jpg?impolicy=abp_cdn&imwidth=1200&height=675)
Sukma News: छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) के सुकमा (Sukma) जिले में जुलाई महीने में भारी बारिश की वजह से आई बाढ़ से कोंटा ब्लॉक (Konta Block) के करीब 5 हजार लोग प्रभावित हुए थे, इस बाढ़ ने जमकर तबाही मचाई, जिससे हजारों की संख्या में लोग बेघर हो गए. आलम यह था कि उनके घर से लेकर दुकानों में रखा सामान पूरी तरह से तबाह हो गया और कुछ लोगों की जान भी चली गई थी. इस क्षेत्र के विधायक और प्रदेश के आबकारी मंत्री कवासी लखमा (Kawasi Lakhma) ने खुद बाढ़ प्रभावित इलाकों का बाकायदा दौरा भी किया था, लेकिन अब सरकार की ओर से इस आपदा में प्रभावित लोगों के नुकसान के भरपाई को लेकर भारी लापरवाही बरती जा रही है. मुआवजा राशि (Compensation Amount) के नाम पर उन्हें कुछ रकम देकर खानापूर्ति की जा रही है, जिससे प्रभावित लोगों का गुस्सा सरकार और स्थानीय प्रशासन पर फूट पड़ा है.
धरना प्रदर्शन कर किया मुआवजा राशि का विरोध
दरअसल सुकमा जिले के कोण्टा इलाके में जुलाई महीने में बाढ़ ने भारी तबाही मचाई थी. कोंटा नगर पंचायत के 15 वार्डों में से 12 वार्ड पूर्ण रूप से प्रभावित हुए थे और यहां रहने वाले करीब 4 हजार से अधिक परिवारों का जीवन अस्त-व्यस्त हो गया था, जिसके बाद स्थानीय प्रशासन ने बस्तर संभागायुक्त के नेतृत्व में नुकसान का अनुमान लगाने के लिए अलग-अलग जिलों में सर्वे टीम गठित की थी. एक सर्वे टीम ने कोण्टा पहुंचकर अलग-अलग वार्डों में सर्वे भी किया, पर एक महीने बाद जब पीड़ितों के खाते में राहत राशि डाली गयी तो बाढ़ प्रभावितों का गुस्सा राज्य सरकार और जिला प्रशासन पर फूट पड़ा. प्रभावितों ने कुछ दिन पहले बाकायदा धरने पर बैठकर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और सुकमा जिला प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी भी की और अपनी नाराजगी व्यक्त की.
मुआवजे के नाम किसी को पांच सौ तो किसी को 1 हजार
पीड़ितों का कहना है कि बाढ़ में उनका सब कुछ तबाह हो गया लेकिन मुआवजा के नाम पर किसी को 500, 3 हजार, 1 हजार तो किसी के खाते में रोटी-कपड़ा और मकान के नाम पर 3800 रुपए डाले गए हैं. उन्होंने कहा कि सर्वे के बाद एक उम्मीद जागी थी कि सरकार उनके नुकसान की भरपाई सही मुआवजा राशि देकर करेगी, लेकिन जिनका इस बाढ़ में कुछ नुकसान नहीं हुआ उन्हें लाखों रुपये का मुआवजा दिया गया है लेकिन जिस गरीब का सब कुछ छिन गया उसे हजार-पांच सौ रुपए देकर खानापूर्ति की गई है. पीड़ितों ने मुआवजा राशि में गड़बड़ी को सुधार कर पीड़ितों को सही-सही मुआवजा देने की मांग की है. वहीं इस पूरे मामले में सुकमा कलेक्टर हरीश एस ने कहा कि मुआवजा राशि में गड़बड़ी की जानकारी उन्हें भी मिली है जिसको लेकर सही सर्वे नहीं करने वाले कर्मचारी पर कार्यवाही करने और सर्वे में पुनः जांच कराने के निर्देश दिए गए हैं
यह भी पढ़ें:
![IOI](https://cdn.abplive.com/images/IOA-countdown.png)
ट्रेंडिंग न्यूज
टॉप हेडलाइंस
![ABP Premium](https://cdn.abplive.com/imagebank/metaverse-mid.png)
![अनिल चमड़िया](https://feeds.abplive.com/onecms/images/author/4baddd0e52bfe72802d9f1be015c414b.jpg?impolicy=abp_cdn&imwidth=70)