Sukma Naxalite Released Kidnapped People: छत्तीसगढ़ के सुकमा जिले में बीते रविवार (11 फरवरी) को नक्सलियों ने टेकलगुड़ेम गांव से अगवा किए चारो युवको को रिहा कर दिया है. करीब 40 घंटे तक अपने साथ रखने और जंगल जंगल घूमने के बाद उन्हें बिना किसी तरह का नुकसान पहुचाये रिहा कर दिया है. लेकिन इन युवकों के साथ साथ अपने साथ ले गए जेसीबी मशीन को नक्सलियों ने नहीं लौटाया है,  मंगलवार (13 फरवरी) को चारों युवक रिहाई के बाद सीधे टेकलगुड़ेम पुलिस कैंप पहुंचे. जहां सीआरपीएफ के जवानों द्वारा उनका स्वास्थ्य परीक्षण किया गया, इसके बाद वे जवानो के साथ सुकमा शहर पहुंचे,  युवकों ने नक्सलियों द्वारा किसी तरह की मारपीट और दुर्व्यवहार करने से इंकार किया है. करीब 40 घंटे तक नक्सलियों के कब्जे में रहे चारों युवक सही सलामत वापस पहुंच गए है.


नक्सलियों के चंगुल से रिहा होने के बाद युवकों ने बताया कि रविवार की दोपहर करीब डेढ़ बजे टेकलगुड़म गांव में नल जल योजना के तहत पाइप लाइन बिछाने का काम चल रहा था. इसी दौरान 20 से 25 की संख्या में ग्रामीण वेशभूषा में नक्सली आ धमके, नक्सली बिना किसी अनुमति से गांव में काम करने को लेकर नाराजगी जताई. उसके बाद काम बंद करवाते हुए अपने साथ चलने को कहा. मौके पर जेसीबी मशीन भी खड़ी थी उसे भी नक्सली अपने साथ लेकर चले गए थे. 


टेकलगुड़म से करीब 3 किमी दूर जंगल में 4 युवकों को ले जाकर बैठा दिया, शाम ढलते ही चारों को पास के किसी गांव ले गए, रिहा हुए युवकों ने बताया कि नक्सलियों ने उनसे किसी तरह की मारपीट नहीं की, और ना ही दुर्व्यवहार किया. बिना जानकारी दिए उस इलाके में काम चालू करने से वे काफी नाराज चल रहे थे, हालांकि युवको ने बताया कि अभी भी जेसीबी मशीन और 500 लीटर डीजल नक्सलियों के पास है और उसे वापस करने को लेकर नक्सलियों ने अब तक कुछ नहीं कहा है.


कैंप खुलने के बाद याद आया विकास कार्य
रिहा हुए युवको ने यह भी बताया कि नक्सली एक ही बात पर नाराजगी जताते रहे, युवकों ने बताया कि नक्सली बार-बार यही कह रहे थे कि कैंप खुलने से पहले आप लोग कहां थे, बुनियादी सुविधाओं को तरसते ग्रामीणों की सुध कैंप खुलने से पहले क्यों नहीं ली गई, अब जब पुलिस कैंप खुल गया है तो गांव में विकास कार्य करने पहुंच रहे हैं, वर्तमान प्रदेश की बीजेपी सरकार की कार्यशैली पर भी नक्सलियों ने नाराजगी जताई है. युवकों ने यह भी बताया कि नक्सलियों ने कभी उनसे दुर्व्यवहार नहीं किया, दो रात और एक दिन वे नक्सलियों के साथ बिताये, इस बीच नक्सली लगातार अपना लोकेशन बदलते रहे, दिन में झोपड़ी में रहते थे और रात को पैदल चलाते थे, कहां और किस गांव में उन्हें ले जाया जाता था इसकी जानकारी नहीं है, हर गांव एक जैसा ही नजर आता था.


परिजनों ने की थी रिहाई की अपील...
दरअसल रविवार 11 फरवरी को नक्सलियों द्वारा चारों युवकों का अपहरण करने की खबर के बाद परिजनों ने नक्सलियों से रिहा करने की अपील की थी, मीडिया में खबर चलने के बाद नक्सलियों ने मंगलवार को सभी को रिहा कर दिया, रिहाई के बाद अपहृत युवक शेख निजाम ने अपने पिता को फोन कर अपने कुशल होने की सूचना दी थी.


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