Surajpur News: छत्तीसगढ़ के सूरजपुर जिला मुख्यालय के समीप से होकर गुजरने वाली रेण नदी पर करोड़ों की लागत से पुल का निर्माण कराया गया है. पुल निर्माण का कार्य पूरा हुए लगभग 5 साल बीत चुके हैं. पुल पर आवागमन भी शुरू कर दिया है, लेकिन पुल के दोनों तरफ की सड़क कच्ची है. जिससे हर दिन ग्रामीण क्षेत्रों से जिला मुख्यालय सूरजपुर जाने वाले लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ता है. पुल के दोनों ओर पक्की सड़क बनाने को लेकर कई बार स्थानीय जनप्रतिनिधियों और स्थानीय नेताओं ने प्रशासन को आवेदन दिया. 


लेकिन इसके बाद भी अब तक सड़क नहीं बन सकी है. जिससे इस मार्ग से जिला मुख्यालय सूरजपुर जाने वाले विद्यार्थी, किसान, ग्रामीण, व्यवसायी सभी को परेशानी होती है. इसके अलावा खराब कच्छी सड़क के दोनों ओर किसानों के खेत है, जिसमें सालभर कुछ न कुछ फसल और सब्जियों की खेती की जाती है. ऐसे में कच्ची सड़क से उड़ने वाली धूल से उनके फसलों और सब्जियों को नुकसान होता है.


दरअसल, जिला मुख्यालय सूरजपुर के समीप सरस्वतीपुर में रेण नदी पर पुल बनने के बाद सूरजपुर ब्लॉक अंतर्गत सरस्वतीपुर, रामपुर, रामनगर, रुनियाडीह, दतिमा, कुमदा, गांगीकोट, बतरा, राई, करंजी, सोहागपुर समेत दर्जनों गांव के हजारों लोगों की जिला मुख्यालय से दूरी कम हो गई. इन गांव के लोग पहले जहां विश्रामपुर मार्ग से 20-25 किलोमीटर की दूरी तय कर जिला मुख्यालय सूरजपुर पहुंचते थे. 


अब सरस्वतीपुर में पुल बन जाने से 10 से 15 किलोमीटर की दूरी कम हो गई है, लेकिन सरस्वतीपुर से पुल तक पहुंचने का लगभग दो किलोमीटर का रास्ता बेहद खराब है. जिससे इस मार्ग से आवागमन करने वाले मुसाफिरों को परेशानियों का सामना करना पड़ता है. इस मार्ग पर जगह जगह गड्ढे है. जिससे हर समय दुर्घटना की संभावना बनी रहती है. वहीं इस मार्ग से जिला मुख्यालय जल्दी पहुंचा जा सकता है, इसलिए हर कोई इसी मार्ग पर ज्यादातर सफर करता है. लेकिन गर्मी में इस सड़क पर धूल के गुब्बारे उड़ते है, जबकि बारिश के दिनों में सड़क कीचड़ से सन जाता है.


बता दें कि रेण नदी पर पुल बने 5 साल पूरे हो चुके हैं. पुल निर्माण का काम जब से पूरा हुआ तब से क्षेत्र के लोग सरस्वतीपुर-सूरजपुर मार्ग को पक्की सड़क में रूप में उन्नयन करने की मांग कर रहे हैं. लेकिन प्रशासन द्वारा हर बार यह कहा जाता है कि प्रशासनिक स्तर पर सड़क के लिए इस्टीमेट बनाकर शासन को भेज दिया गया है.


जैसे ही स्वीकृति मिलेगी सड़क निर्माण का कार्य किया जाएगा. लेकिन पुल बने पांच साल हो गए. अब तक सड़क का कुछ नहीं हो सका है. खस्ताहाल सड़क पर लोगों का आवागमन जारी है. कुछ साल पहले सरस्वतीपुर पंचायत की ओर से ऊबड़-खाबड़ सड़क को प्लेन करने के लिए उक्त मार्ग पर मोरम डलवाया गया था. जिससे गर्मी के समय में हालत तो कुछ ठीक थे, लेकिन बारिश में सड़क कीचड़ से सन गया. जगह-जगह गड्ढे हो गए. जो हर वक्त हादसे को न्योता देते हैं.


गौरतलब है कि पुल बनने के बाद जिला मुख्यालय के उत्तर दिशा में बसे कई गांव के लोगों की दूरी मुख्यालय से कम हो गई. ऐसे में शासकीय कर्मचारी, छात्र, किसान, व्यवसायी, प्राइवेट कर्मचारी सैकड़ों लोग इसी मार्ग से आना जाना सुलभ समझने लगे. जिससे यह मार्ग काफी व्यस्त होता चला गया.


इसको लेकर क्षेत्र के जनप्रतिनिधियों ने प्रशासन को कई बार पक्की सड़क के लिए ज्ञापन सौंपा. लेकिन हर बार आश्वासन मिला, लेकिन काम नहीं हुआ. इस वर्ष जून महीने में सूरजपुर के रामनगर में आए मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को क्षेत्र के लोगों इस सड़क को बनवाने के लिए आवेदन दिया. जिस पर सीएम ने मंच से ही सरस्वतीपुर-सूरजपुर मार्ग को बनाए जाने की घोषणा की है. लेकिन अब तक उनकी घोषणा पर अमल नहीं हो सका है.


इस संबंध में पीडब्ल्यूडी विभाग के ईई महादेव कावरे ने एबीपी न्यूज से कहा, उक्त सड़क का ड्राफ्ट एनालिटिक्स सीई ऑफिस में भेज दिए है. वो अभी ईएनसी में जाएगा. वहां से टेंडर लगेगा. टेंडर में कम से कम डेढ़ से दो महीने लगेगा. क्योंकि बड़ा काम है.


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