Chhattisgarh News: छत्तीसगढ़ के सरगुजा में दो भाइयों ने मिलकर सरकारी भूमि को अपना बताकर छलपूर्वक अनुबंध तैयार कर बेच दिया. जिला प्रशासन को इस बात की जानकारी तब हुई जब प्रशासनिक टीम अम्बिकापुर शहर से लगे अजिरमा अतिक्रमण हटवाने के लिए गई थी. इसके बाद कलेक्टर कुंदन कुमार ने अम्बिकापुर एसडीएम प्रदीप साहू को तत्काल कार्रवाई करने के निर्देश दिए. अब जांच पड़ताल के बाद सरकारी भूमि को फर्जी तरीके से बेचने वाले दोनों भाइयों के खिलाफ गांधीनगर थाना में अपराध दर्ज कराया गया है. एसडीएम प्रदीप साहू ने बताया कि प्रशासन शासकीय भूमि पर अवैध कब्जे को लेकर बिल्कुल सख्त है और इस तरह की किसी भी शिकायत पर तत्काल कार्रवाई करने के लिए कलेक्टर द्वारा निर्देशित किया गया है.


फर्जी रूप से अनुबंध पत्र बनाकर बेची गई भूमि
मामला जिला मुख्यालय अंबिकापुर से सटे ग्राम अजिरमा का है. यहां कुछ दिनों पूर्व शासकीय भूमि पर अवैध कब्जाधारियों के खिलाफ अतिक्रमण हटाने की चेतावनी देकर शासकीय भूमि से अवैध कब्जा मुक्त कराया गया था. इस दौरान मौके पर पता चला कि गोपाल वर्मन द्वारा अवैध रूप से फर्जी अनुबंध पत्र बनाकर विभिन्न व्यक्तियों को शासकीय भूमि बेचा गया है. मौके पर दो नोटरीकृत कब्जा हस्तांतरण अनुबंध पत्र जब्त किया गया. जिसमें गोपाल वर्मन और संतोष वर्मन द्वारा सोनू गुप्ता को 1 लाख 25 हजार रुपए में अवैध रूप से शासकीय भूमि पर कब्जा कर बेचा गया. बिक्री अनुबंध पत्र में गोपाल वर्मन और संतोष वर्मन द्वारा सोनू गुप्ता और सोनू कुमार शाह को 2 लाख 75 हजार रुपए में शासकीय भूमि का कब्जा बेचा गया. उक्त जमीन पर खरीददारों ने मकान निर्माण करा लिया है.


दोनों भाईयों के खिलाफ दर्ज किया गया मामला
इस मामले में आरोपी गोपाल वर्मन और संतोष वर्मन द्वारा धोखाधड़ी करते हुए अनुचित लाभ प्राप्त करने के उद्देश्य से अजिरमा स्थित शासकीय भूमि खसरा क्रमांक 330 और 331 भूमि का कब्जा हस्तांतरण अनुबंध पत्र निष्पादित किया गया. उक्त शासकीय भूमि पर निर्माण कार्य कर शासकीय संपत्ति का स्वरूप बिगाड़ दिया गया है. इसलिए दोनों आरोपी गोपाल वर्मन और संतोष वर्मन के खिलाफ धोखाधड़ी करने और शासकीय संपति को क्षति पहुंचाने की धारा 420, 467, 468 और 34 के तहत  जिला प्रशासन द्वारा प्राथमिकी रिपोर्ट दर्ज करा दी गई है.


क्या कहा कलेक्टर कुंदन कुमार ने? 
इस संबंध में कलेक्टर कुंदन कुमार ने बताया कि शासकीय भूमि पर अतिक्रमण कर उसे गलत तरीके से बेचना ये कानूनी अपराध है. ऐसा एक कार्रवाई हुआ है उसमें शासकीय भूमि की खरीद बिक्री के मामले में संबंधित को नोटिस जारी किया गया है कि ऐसा क्यों हो रहा है, और जिस व्यक्ति ने खरीद बिक्री की है. जिनके नाम से हुआ है उन पर 420 का आरोप लगाकर एफआईआर दर्ज करने के निर्देश दिए गए थे. एसडीएम या तहसीलदार के माध्यम से एफआईआर हुआ है. शासकीय भूमि की बहुत ज्यादा जरूरत है. बहुत से प्रोजेक्ट के लिए शासकीय भूमि की आवश्यकता होती है, लेकिन मिलती नहीं है. तो उसको बचाना जिला प्रशासन का और जिला कलेक्टर के रूप में मेरा कर्तव्य है. कोई व्यक्ति या संस्था इस तरीके से शासकीय भूमि पर अतिक्रमण करेगी तो बिल्कुल बर्दाश्त नहीं किया जाएगा.