Chhattisgarh News: सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) और हाई कोर्ट (High Court) की तर्ज पर छत्तीसगढ़ के सरगुजा (Surguja) कलेक्टर विलास भोस्कर ने अब हर गुरुवार को दोपहर तीन बजे से कलेक्टर राजस्व कोर्ट की कार्रवाई ऑनलाइन करने की पहल की है. इस पहल से राजस्व कोर्ट की कार्रवाई में पारदर्शिता लाने के लिए की गई है. इस पहल के बाद सरगुजा ऐसा पहला जिला बन गया, जहां कलेक्टर कोर्ट की कार्रवाई ऑनलाइन यूट्यूब चैनल पर सीधे देखी जा सकती है. 


सरगुजा सहित पूरे प्रदेश में राजस्व कोर्ट के नियमित संचालन न होने की शिकायतें आ रही थी. साथ ही वकीलों और नागरिकों द्वारा राजस्व कोर्ट के संचालन के लिए अधिकारियों की भी मांग की जा रही थी. सरगुजा में अभी भी राजस्व मामलों की संख्या लगातार बढ़ रही है. कलेक्टर कोर्ट का ऑनलाइन प्रसारण हर गुरुवार तीन बजे सरगुजा जिले के अधिकारिक यूट्यूब चैनल पर होगा. 


कलेक्टर ने क्या कहा?
कलेक्टर विलास भोस्कर ने बताया कि 'कई बार आवश्यक कारणों से कोर्ट न आने पर आवेदक अपने केस पर हुई कार्रवाई को नहीं देख पाते हैं. इस सुविधा से आवेदक घर बैठे भी अपने केस पर कार्रवाई और फैसला देख सकते हैं. साथ ही आम लोग भी कोर्ट की कार्रवाई से रूबरू हो सकते हैं. ऑनलाइन सुविधा से आवेदक और उनके परिजन वकीलों के सबूतों, गवाहों और कोर्ट में हुए फैसले तुरंत जान सकेंगे.'


कलेक्टर ने आगे कहा कि 'कोर्ट में ज्यादातर दर्ज मामले जमीन से संबंधित हैं, जो काफी संवेदनशील मामला है. जिला प्रशासन द्वारा इन मामलों पर विशेष संज्ञान लिया जा रहा है, जिससे शासकीय भूमि क्षति के साथ ही आदिवासी जन और आम जन के भी जमीन से जुड़े प्रकरणों को समय पर हल किया जा रहा है. आवेदक की अनुपस्थिति में दूसरे प्रार्थी की पहचान भी ऑनलाइन प्रसारण से सुविधाजनक तरीके से होगी और ऑनलाइन सुनवाई में लोग अपना पक्ष भी बेहतर तरीके से रख सकेंगे.'


गांव-गांव होगी मुनादी
कलेक्टर कोर्ट के ऑनलाइन प्रसारण को गांव-गांव तक पहुंचाने के लिए सरगुजा कलेक्टर ने इसका हर गांव में मुनादी कराने का निर्देश भी दिया है. इससे गांव वाले अपने क्षेत्र से संबंधित मामलों की सुनवाई का सीधा प्रसारण देख सकें. इससे फर्जी गवाह और आवेदकों की पहचान भी आसानी से हो सकेगी. सरगुजा जिले में अभी 20 हजार से अधिक राजस्व मामले लंबित हैं.


इनमें सर्वाधिक 15 हजार प्रकरण सरगुजा के सभी आठ तहसील कार्यालय से संबंधित कोर्ट में है. जबकि नजूल अधिकारी कोर्ट में 1500, एसडीएम कोर्ट में दो हजार, अपर कलेक्टर कोर्ट में एक हजार से अधिक मामले अनुमानित रूप से लंबित है. सबसे कम पांच सौ के लगभग मामले कलेक्टर कोर्ट में अटके हैं.


निचले राजस्व कोर्ट में समस्या जस की तस
प्रदेश में पहली बार सरगुजा कलेक्टर कोर्ट के ऑनलाइन प्रसारण से अब उम्मीद की जा रही है कि शायद अब समस्या हल हो जाएगी. मगर अभी निचले राजस्व कोर्ट को लेकर समस्या जस की तस बनी हुई है. नायब तहसीलदार, तहसीलदार और एसडीएम सहित अन्य राजस्व कोर्ट में अभी भी समस्या बनी हुई है. 



यह भी पढ़ें: छत्तीसगढ़ लोकसभा चुनाव में कांग्रेस या BJP...कौन मारेगा बाजी? सर्वे में जनता ने बताया मूड