अजूबों की बस्ती ही नहीं... यहां ज़मीन पर उतर आते हैं बादल
छत्तीसगढ़ के सरगुज़ा जिले की पहाड़ियों में बसे पर्यटन स्थल मैनपाट की खूबसूरती पर्यटकों का मन मोह लेती है. यहां जानिए मैनपाट की कुछ खासियत के बारे में जो शायद आपको न पता हो.
Chhattisgarh News: छत्तीसगढ़ के सरगुज़ा की पहाड़ियों में बसे मैनपाट की खूबसूरती की प्रसिद्धि देश-विदेश तक है. सालभर ठंड पड़ने वाली इस जगह को छत्तीसगढ़ का शिमला कहा जाता है. यहां कई सैर-सपाटे की जगह मौजूद हैं. जो अन्य जगहों से बिल्कुल अलग है. मैनपाट में जमीन से ऊपर की ओर पानी बहता है. जैसा कभी हो नहीं सकता. फिर जलजली पॉइंट है. जहां उछल कूद करने से वहां की जमीन हिलने लगती है. मैनपाट के ये दो अजूबे सुनने में सच ना लगे. पर ये सच है. इसी तरह पहाड़ियों से घिरे मैनपाट की वादियों में अनेक झरने हैं. जिनकी कल-कल की आवाज दूर-दूर तक सुनाई देती है.
सरगुज़ा जिला मुख्यालय अम्बिकापुर से 50 किलोमीटर दूर पहाड़ों पर बसे मैनपाट को परिभाषित किया जाए. तो कहा जाता है मैन मतलब वहां की मिट्टी और पाट मतलब पठार. इस तरह से बना मैनपाट. मैनपाट की खास बात ये है कि यहां सालभर ठंड रहती है. आसमान के बादल जमीन पर उतर आते हैं. चारों तरफ प्रकृति सौंदर्य हरे-भरे जंगल सुखद एहसास दिलाती है. खूबसूरती के अलावा यहां तिब्बती बसे हुए है. जिनकी संस्कृति सभ्यता को जानने लोग यहां पहुंचते हैं. तिब्बतियों ने अपने इष्ट की मंदिर की भी स्थापना की है. जो अत्यंत मनमोहक है. इसे देखने दूर-दूर प्रदेशों के लोगों का आना होता है.
उल्टा पानी
मैनपाट में पर्यटन स्थलों की भरमार है. जहां एक दिन में नहीं घुमा जा सकता. उन्हीं में से एक है उल्टा पानी. दरअसल, मैनपाट में प्रवेश करने के बाद सबसे पहले आपको बिसरपानी गांव मिलेगा. वहां एक ऐसी जगह है जहां खेत का बहता पानी जमीन से ऊपर की ओर बहता है. कहा जाता है कि यहां गुरुत्वाकर्षण का नियम फेल है. हालांकि कई शोधकर्ता इस राज को जानने के लिए शोध कर रहे हैं. लेकिन अब तक सही-सही कारण पता नहीं चल सका है. उल्टा पानी को देखने के लिए छत्तीसगढ़ प्रदेश ही नहीं देश के अन्य राज्यों से भी लोग आते है.
जलजली
मैनपाट की चर्चा जलजली की वजह से भी होती है. दरअसल, मैनपाट में जलजली ऐसी जगह है. जहां आप चलेंगे, या उछल-कूद करेंगे. तो उस जगह की जमीन हिलने लगेगी. हालांकि पहली बार वहां जाने से डर जरूर लगता है. लेकिन अब वहां घूमना-फिरना आम हो गया है. पर्यटन विभाग द्वारा उस जगह को पर्यटन स्थल के रूप में घोषित किया गया है. पर्यटकों के लिए बैठने के लिए, और अन्य सुविधाओ का विस्तार किया जा रहा है. जलजली के बारे में कहा जाता है कि इस जगह पर ज्वालामुखी का द्वार था. इसलिए यहां की जमीन हिलती है. इसके अलावा की कई अलग-अलग तर्क दिए जाते हैं.
टाइगर पॉइंट
सरगुज़ा में झरनों का जिक्र हो तो टाइगर प्वांइट का झरना सबसे खास है. ये 20 फीट से ज्यादा की ऊंचाई से गिरता है. जहां झरना गिरता वह जगह चारों तरफ से जंगल से घिरा है और दो पहाड़ियों के बीच में है. यहां कई तरह के एडवेंचर गेम की भी व्यवस्था है. जिसका यहां घूमने आने वाले सैलानी लुफ्त उठाते हैं. जंगल के बीच होने की वजह से टाइगर पॉइंट झरना के पास बंदरों की भरमार रहती है. जिन्हें पर्यटक देख कर खुश होते हैं. वहीं टाइगर पॉइंट के पास स्थानीय लोगों द्वारा अब कई होटल, ढाबा खोले गए हैं. जिससे पर्यटकों को खाने-पीने के लिए दूर जाने की जरूरत नहीं पड़ती.
हर साल होता है मैनपाट महोत्सव का आयोजन
ग़ौरतलब है कि मैनपाट की खूबसूरती और संस्कृति को बढ़ावा देने के लिए जिला प्रशासन द्वारा हर साल तीन दिवसीय मैनपाट महोत्सव का आयोजन किया जाता है. जहां तीनों दिन स्थानीय और देश के ख्याति प्राप्त कलाकार प्रस्तुति देते हैं. जिन्हें देखने के लिए सरगुज़ा संभाग ही नहीं पूरे छत्तीसगढ़ से लोग पहुंचते हैं.
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