Surguja News: छत्तीसगढ़ के खाद्यमंत्री अमरजीत भगत को अपने ही गृहक्षेत्र में विरोध का सामना करना पड़ गया.साइकिल वितरण कार्यक्रम में पहुंचे मंत्री को सैकड़ों ग्रामीणों ने घेर लिया और जमकर नारेबाजी की. इस दौरान किसी तरह सुरक्षाकर्मियों और स्थानीय पुलिस ने उन्हें वहां से बचाकर निकाला और कार तक लेकर गए. इसके बाद उन्हें वहां से रवाना कर दिया गया. 


विरोध कर रहे ग्रामीण बतौली ब्लॉक के चिरंगा गांव में प्रस्तावित एलुमिना रिफाइनरी प्लांट को निरस्त करने की मांग कर रहे थे. क्योंकि जिस जगह पर प्लांट खुलना है वह मंत्री अमरजीत भगत के विधानसभा क्षेत्र में आता है.दरअसल, ग्राम चिरंगा में खुलने वाले एलुमिना रिफाइनरी प्लांट को लेकर पिछले कई साल से ग्रामीण विरोध प्रदर्शन कर रहे है. 


चार साल से ग्रामीणों द्वारा जिला प्रशासन से लेकर केंद्रीय मंत्री, प्रदेश मंत्री सहित राजनैतिक पार्टियों के नेताओं से कई बार शिकायत की गई, लेकिन इन ग्रामीणों की समस्या का निराकरण नहीं हो सका है. इस बीच आज खाद्य मंत्री अमरजीत भगत सीतापुर विधानसभा क्षेत्र के चिरंगा गांव में स्थित हायर सेकंडरी स्कूल में साइकिल वितरण कार्यक्रम में पहुंचे थे. इसी दौरान सैकड़ों की संख्या में वहां ग्रामीण पहुंचे और मंत्री का घेराव कर दिया.


एलुमिना रिफाइनरी प्लांट  लगने का विरोध कर रहे थे  ग्रामीण
आक्रोशित ग्रामीण चिरंगा में लगने वाले एलुमिना रिफाइनरी प्लांट का विरोध कर रहे थे. इस दौरान मंत्री ने ग्रामीणों से चर्चा की और उन्हें समझाने का प्रयास किया, लेकिन वो मानने को तैयार नहीं हुए. उन्होंने नारेबाजी शुरू कर दी. ग्रामीणों के आक्रोश को देखते हुए माहौल बिगड़ने की आशंका पर वहां तैनात पुलिसकर्मियों ने मंत्री भगत को चारों ओर से घेर लिया. फिर किसी तरह भीड़ से निकालकर उनकी गाड़ी तक लेकर गए. इसके बाद भी ग्रामीण वहां डटे रहे .पुलिस ने मंत्री को कार में बिठाया और वहां से रवाना किया.


चिरंगा गांव में एलुमिना रिफाइनरी प्लांट लगाना है प्रस्तावित
गौरतलब है कि, मैनपाट से निकलने वाले बॉक्साइट को रिफाइन करने के लिए बतौली ब्लॉक के चिरंगा गांव में एलुमिना रिफाइनरी प्लांट लगाना प्रस्तावित है.इसके लिए साल 2016 में पर्यावरण, वन और जलवायु मंत्रालय की ओर से अधिसूचना जारी की गई थी. इसके लिए 12 अप्रैल 2020 को जनसुनवाई हुई.  उसमे भी ग्रामीणों ने अधिकारियों को मारने के लिए दौड़ाया था. सितंबर 2021 में ग्रामीणों ने फर्जी ग्रामसभा के स्वीकृत करने की बात कहते हुए नेशनल हाईवे 43 जाम किया था. 


11 गांव के लोग इस प्लांट को लगाने का कर रहे विरोध
चिरंगा गांव में एलुमिना रिफाइनरी प्लांट शासकीय जमीन पर लगाना प्रस्तावित है. कुछ जमीनें निजी लोगों की है .ग्रामीणों का कहना है कि, दिन रात चलने वाले प्लांट से उड़ने वाली धूल से लोगों का जीना मुश्किल हो जाएगा .धूल जमने की वजह से आसपास के गांव की उपजाऊ जमीनें बंजर हो जाएगी. चिरंगा सहित आसपास के 11 गांव के लोग इस प्लांट के विरोध में हैं.


खाद्य मंत्री अमरजीत भगत ने क्या कहा?
इस मामले को लेकर क्षेत्रीय विधायक और खाद्य मंत्री अमरजीत भगत ने कहा "आज चिरंगा, करदला, बिलासपुर, बोदा में साइकिल वितरण का कार्यक्रम था. चिरंगा में साइकिल वितरण का कार्यक्रम हुआ. इसके बाद ग्रामीणों ने प्लांट के विरोध में कुछ बात कही. इसपर हमने कहा कि हम ग्रामीणों के साथ है. वहां एक साथ बहुत लोग बोलने लगे इसलिए गाड़ी में बैठकर निकल गए. मंत्री भगत ने आगे कहा मैंने शुरू में ही कहा है जब तक गांव वाले नहीं चाहेंगे, प्लांट नहीं लगेगा.अब गांव में दो पक्ष है.आधा लोग खुलवाने के लिए लड़ रहे है, आधा बंद करवाने के लिए. ग्रामीण पहले एकजुट हों. मंत्री ने कहा ग्रामीण जब हमसे मिले थे, ज्ञापन दिए, तो उनके पक्ष में पहले पत्र लिख चुके थे."


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