Chhattisgarh News: छत्तीसगढ़ के सरगुजा जिले में जमीन डायवर्सन में जानबूझकर आवदेन लटकाने और आवेदक को मानसिक रूप से परेशान करने के मामले में स्थाई लोक अदालत ने अम्बिकापुर एसडीएम पर 6 लाख रुपये का जुर्माना लगाया है. दरअसल, शहर के देवीगंज रोड निवासी अधिवक्ता मृगेंद्र सिंहदेव ने 28 फरवरी को डायवर्सन के लिए एसडीएम कार्यालय में आवेदन प्रस्तुत कर किया था.


आवेदन में बताया था कि उसके सरगंवा में स्थित भूखंड 71 के रकबा 16315.43 वर्गमीटर भूमि में कॉलोनी के लिए सभी महत्वपूर्ण कागजी कार्रवाई कर आवेदन प्रस्तुत किया था. जहां एसडीएम अम्बिकापुर को 15 दिनों के भीतर व्यपवर्तन आदेश देना था या उसे निरस्त करना था. लेकिन एसडीएम प्रदीप कुमार साहू ने ना ही डायवर्सन किया ना ही आवेदन को निरस्त किया और पूरे मामले को लटकाते रहे. 


जिसके बाद अधिवक्ता मृगेंद्र सिंहदेव ने पूरे मामले को स्थाई लोक अदालत में पेश किया. जिसपर अदालत की अध्यक्ष उर्मिला गुप्ता ने नाराजगी जाहिर करते हुए आदेश जारी किया. जिसमें बताया गया है कि 28 फरवरी को आवेदक मृगेन्द्र सिंहदेव और उनके भाई ने डायवर्सन के लिए आवेदन दिया था.


आवेदक के भाई के हिस्से की भूमि का डायवर्सन आदेश जारी हो गया, लेकिन जानबूझकर आवेदक के डायवर्सन प्रकरण का निराकरण नहीं किया गया और एसडीएम ने अपने दायित्वों का निर्वहन नहीं किया. इस तरह आवेदक को मानसिक और आर्थिक रूप से प्रताड़ित किया गया है. ऐसे में कोर्ट ने आवेदक को 6 लाख रुपये की क्षतिपूर्ति देने का आदेश पारित किया है. वहीं यदि 30 दिनों में जुर्माने की राशि अदा नहीं की जाती है. तो प्रकरण पेश करनें की तिथि 8 जुलाई से अदायगी तिथि तक 12 प्रतिशत ब्याज भी देना होगा. 


अधिवक्ता मृगेन्द्र सिंहदेव ने बताया कि मेरे हक एवं स्वामित्व की भूमि ग्राम सरगंवा में स्थित है. मैंने कॉलोनाइजर लाइसेंस लेकर काम शुरू किया कि अवैध कॉलोनियों का बढ़ावा ना हो. इसमें नक्शा पास कराने के बाद अंतिम चरण जो कि व्यपवर्तन का होता है. इसके लिए आवेदन लगाया. कानून की किताब में भी और सरकार की गाइडलाइन में भी है कि व्यपवर्तन के लिए आवेदन 15 दिन से ज्यादा लंबित नहीं होनी चाहिए. लेकिन अम्बिकापुर के अनुविभागीय अधिकारी (SDM) प्रदीप कुमार साहू ने उस प्रार्थना पत्र को बहुत लंबित रखा.


आधिकारिक विहीन दस्तावेजों की मांग को लेकर और साथ ही साथ तरह तरह की टालमटोल की बात करते रहे. मृगेंद्र सिंह ने आगे बताया कि जब वह आश्वस्त हो गए कि उनसे काम नहीं हो पाएगा, मेरा काम नहीं करेंगे. तब अदालत की शरण में गया और वहां से न्याय प्राप्त हुआ है. अनुविभागीय अधिकारी अम्बिकापुर प्रदीप कुमार साहू को 6 लाख रुपये जुर्माने से दंडित किया गया है. जिससे मैं काफी प्रसन्न हूं. उन्हें आदेश दिया गया है कि 30 दिवस के भीतर यह राशि अदालत में जमा करें, उनको करना पड़ेगा.


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