(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
Chhattisgarh News: टीबी का 'रामबाण इलाज' समझ कर ऑनलाइन मंगाई दवा, खाते ही बिगड़ी मरीज की हालत, केस दर्ज
Surguja News: ऑनलाइन दवा लेने के बाद फोन पर दवा खाने की विधि जानी. उसी अनुसार मां को दवा दी, मगर दवा का सेवन करने पर मां की तबीयत सुधरने के बजाए और बिगड़ गई.
Ambikapur News: छत्तीसगढ़ के सरगुजा जिले में क्षय रोग (Tuberculosis) की अचूक दवा बताकर अज्ञात लोगों ने एक ग्रामीण को स्तरहीन दवा थमा दी. यह दवा सेवन करने से मरीज की हालत और बिगड़ गई, जिसकी वजह से उन्हें अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा. इस संबंध में जानकारी मिलने जिला क्षय अधिकारी शैलेंद्र गुप्ता के मार्गदर्शन में पीड़ित ग्रामीण के द्वारा सीतापुर थाने में इस घटना की लिखित शिकायत करते हुए एफआईआर की मांग की गई है.
सीतापुर ब्लॉक अंतर्गत ग्राम खड़गंवा निवासी अमर साय माझी ने पुलिस को बताया कि उनकी मां क्षय रोग से पीडित है. अज्ञात व्यक्ति के द्वारा उन्हें फोन कर कहा गया कि मैं रायपुर से बोल रहा हूं. आपके घर में टीबी का मरीज है, जिससे मैंने जानकारी दी कि मां को टीबी है तो अज्ञात व्यक्ति ने क्षय रोग की अचूक दवा बताते हुए मुझे आयुर्वेदिक दवा लेने की सलाह दी गई. फोन करने वाले ने यह दावा किया कि इस आयुर्वेदिक दवा का सेवन करने से तुम्हारी मां पूरी तरह से ठीक हो जाएगी.
थाने में शिकायत दर्ज कराई गई
बीमारी की अचूक दवा का पता चलने पर वे खरीदी के लिए राजी हो गए. 3500 रुपये की दवा डाक के माध्यम से भेजी गई. यह दवा लेने के बाद उन्होंने फोन कर दवा सेवन की विधि की जानकारी ली और उसके अनुरूप मां को उक्त दवा खिला रहे थे, मगर यह दवा का सेवन करने पर मां की तबीयत सुधरने के बजाए और बिगड़ गई जिससे इलाज के लिए मां को अम्बिकापुर अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा. इसके बाद थाने में शिकायत दर्ज कराई गई. इस संबंध में पुलिस का कहना है कि मामले की जांच की जा रही है.
चिकित्सकों का पंजीयन समाप्त किया जा सकता है
जिला क्षय अधिकारी डॉ. शैलेंद्र गुप्ता ने बताया कि टीबी क्षय रोग का इलाज केवल क्षय रोग की प्रमाणित दवा के सेवन से ही होता है. अन्य दवा इस बीमारी में कारगर नहीं है. उन्होंने बताया कि क्षय रोग एक खतरनाक बीमारी है जो जानलेवा भी है. एनएमसी के द्वारा क्षय रोग को लेकर एलोपैथी चिकित्सकों को नियमावली का पालन करने सख्त निर्देश दिए गए है. जिसकी अवहेलना पर चिकित्सकों का पंजीयन समाप्त किया जा सकता है. इसका दवा शासकीय चिकित्सालय में निःशुल्क मिलता है.
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