Chhattisgarh News: छत्तीसगढ़ के सरगुजा (Surguja) जिले में स्व सहायता समूह की महिलाओं ने खीरा की खेती कर इसके बिक्री से 90 हजार 450 रुपये का मुनाफा कमाया है. दरअसल, छत्तीसगढ़ सरकार की महत्वपूर्ण नरवा, गरूवा, घुरूवा, बाड़ी योजना अंतर्गत बतौली जनपद के मंगारी गांव में आदर्श गौठान स्थापित किया गया है. इस गौठान में चंपा स्व सहायता समूह की महिलाएं मल्चिंग विधि से खेती कर रही है. इसका सकारात्मक परिणाम देखने को मिला है. यहां खीरे की बंपर पैदावार हुई है. जिससे समूह की महिलाओं ने अब तक 38 क्विंटल खीरा करीब 1 लाख 2 हजार रुपये का बेचा है.
उद्यानिकी विभाग के उप संचालक ने क्या कहा?
उद्यानिकी विभाग के उप संचालक एनएस लावत्रे ने बताया कि मंगारी के गौठान में बाड़ी विकास के तहत चंपा स्व सहायता समूह की महिलाओं को ड्रिप इरिगेशन और मल्चिंग विधि से आलमगीर और कृष वैरायटी के खीरा के लिए आवश्यक तकनीकी मार्गदर्शन उद्यान विभाग और वैज्ञानिक प्रशांत के द्वारा दिया गया. गौठान में करीब 75 डिसमिल में खीरे की खेती जुलाई माह में किया गया. कम समय में ही अच्छा उत्पादन शुरू होने से आसपास के बाजार में मांग बढ़ी, जिससे तेजी से बिक्री बढ़ा.
की जा रही है हल्दी की खेती
गौरतलब है कि सरगुजा कलेक्टर कुंदन कुमार के मार्गदर्शन और जिला पंचायत सीईओ विनय कुमार लंगेह की अगुवाई में जिले के गौठानों को आजीविका केंद्र के रूप में विकसित किया जा रहा है. गौठानों में सब्जी की खेती सहित अन्य आय मूलक गतिविधियां निरंतर संचालित है. कई गौठानों में हल्दी और शकरकंद की खेती भी की जा रही है. रीपा के तहत औद्योगिक इकाइयां स्थापित की गई है. जिसमें गोनायल, बोरा निर्माण, ब्रेड निर्माण, कच्ची घानी आदि कार्य चल रहे है.