Dantewada News: जिस स्कूल को कभी तबाह किया, अब उसी भवन को बनाकर सरेंडर नक्सली बच्चों में जगा रहे शिक्षा की अलख
सरेंडर नक्सलियों का कहना है कि संगठन में रहते उन्होंने खुद इस स्कूल भवन को पूरी तरह से ध्वस्त कर दिया था. वहीं अब सरकार की मुख्यधारा में जुड़ने के बाद शिक्षा की उपयोगिता को लेकर उन्हें एहसास हुआ
Chhattisgarh News: छत्तीसगढ़ के दंतेवाड़ा (Dantewada) जिले में कभी नक्सलियों का गढ़ कहे जाने वाले भांसी इलाके में खुद सरेंडर नक्सली (Naxalite) बच्चों में शिक्षा की अलख जगा रहे हैं. नक्सली संगठन में रहते जिन नक्सलियों ने भांसी गांव के मासापारा में स्थित प्राथमिक स्कूल को अपने हाथों से ध्वस्त किया था. अब उसी स्कूल को सरेंडर करने के बाद नक्सलियों ने अपने हाथों से स्कूल भवन को तैयार किया है. अब यहां स्कूल का संचालन भी हो रहा है और बकायदा गांव के करीब 40 बच्चे इस स्कूल में पढ़ने आ रहे हैं.
नक्सलियों ने बनाया स्कूल
सरेंडर नक्सलियों का कहना है कि संगठन में रहते उन्होंने खुद इस स्कूल भवन को पूरी तरह से ध्वस्त कर दिया था. वहीं अब सरकार की मुख्यधारा में जुड़ने के बाद शिक्षा की उपयोगिता को लेकर उन्हें एहसास हुआ और खुद उन्होंने दंतेवाड़ा के कलेक्टर और एसपी से मुलाकात कर इस स्कूल को खुद बनाने की इच्छा जाहिर की. इसके बाद करीब 9 से 10 सरेंडर नक्सलियों ने मजदूरों की मदद से कुछ ही महीनों में इस स्कूल भवन को तैयार कर लिया और अब बाकयदा पहली से पांचवी क्लास तक बच्चों की पढ़ाई भी यहां शुरू हो गई है.
साल 2015 में स्कूल भवन को तोड़ा था
दंतेवाड़ा एसपी सिद्धार्थ तिवारी ने बताया कि सरेंडर नक्सलियों ने संगठन में रहते साल 2015 में भांसी गांव के मासापारा में स्थित स्कूल भवन को ध्वस्त कर दिया था. इस स्कूल के तोड़े जाने से गांव में शिक्षा प्रभावित हुई थी. हालांकि, गांव से करीब 8 से 10 किलोमीटर दूर दूसरे स्कूल में गांव के कुछ बच्चे पढ़ाई करने पैदल जाते थे. इस गांव में सड़क नहीं बनने की वजह से बच्चों को स्कूल जाने के लिए काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता था. दंतेवाड़ा पुलिस द्वारा चलाए जा रहे "लोन वर्रा टू" अभियान के तहत प्रभावित होकर आसपास के इलाके में सक्रिय नक्सलियों ने एक के बाद एक कर आत्मसमर्पण किया.
गांव के बच्चों को मिली सुविधा
नक्सली संगठन में रहते जिस स्कूल को उन्होंने ध्वस्त किया था, उसे दोबारा बनाने की इच्छा जाहिर की. इसके लिए सरेंडर नक्सलियों ने एसपी कलेक्टर से मुलाकात की जिसके बाद कलेक्टर ने स्कूल बनाने की मंजूरी दी. इसके बाद नक्सलियों ने जिस हाथ से स्कूल को ध्वस्त किया था उसी हाथ से पूरी तरह से स्कूल भवन को बनाया और अब बाकायदा यहां गांव के बच्चे और खुद सरेंडर नक्सलियो के बच्चे पढ़ाई कर रहे हैं. हालांकि, इस गांव में सड़क बनाए जाने की भी जरूरत है. इसको लेकर कलेक्टर विनीत नंदनवार ने जल्द ही मंजूरी देने की बात कही है.
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