Chhattisgarh News: छत्तीसगढ़ के साथ-साथ राज्य के सीमावर्ती इलाको में भी अब बड़े नक्सली पुलिस के सामने हथियार डाल रहे हैं और लगातार बैकफुट पर भी नजर आ रहे हैं. छत्तीसगढ़-महाराष्ट्र के सीमा पर मौजूद गढ़चिरौली में भी एक नक्सली दंपति ने आत्मसमर्पण किया है, सरेंडर किए दोनों नक्सली प्लाटून नंबर 10 के सदस्य है, इन दोनों के ऊपर सरकार ने कुल 12 लाख रुपए का इनाम घोषित किया था. ये नक्सली दंपत्ति छत्तीसगढ़ और महाराष्ट्र बॉर्डर पर हुए कई बड़ी घटनाओं में शामिल रहे हैं और कई बड़ी वारदातों को भी अंजाम दे चुके हैं, अपने बड़े नक्सलियों के प्रताड़ना से तंग आकर और एक सुखी जिंदगी जीने के लिए हिंसा का रास्ता छोड़ उन्होंने आत्मसमर्पण किया, इस दंपति ने पुलिस के सामने नक्सली संगठन के बारे में कई बड़े खुलासे भी किए.


इन घटनाओं में थे शामिल


गढ़चिरौली जिले के एसपी अंकित गोयल ने बताया कि दोनों नक्सली नक्सलियों के PLGA के कंपनी नंबर 10 के सदस्य हैं. विकास पर 8 लाख रुपए का इनाम घोषित है. यह कुल 7 मुठभेड़ों में शामिल रहा है, जबकि इसकी पत्नी राजे उसेंडी 4 लाख रुपए की इनामी है, राजे कुल 3 मुठभेड़ों में शामिल रही है. संगठन में रहते हुए इन दोनों ने छत्तीसगढ़-महाराष्ट्र बॉर्डर पर जमकर उत्पात मचाया था, वहीं शादी के बाद दोनों ने हिंसा का रास्ता छोड़ने का मन बनाया और हथियार डाल दिए, ये दोनों कई बड़े लीडरों के साथ काम कर चुके हैं.




जन्मदिन पर मूलांक के अनुसार दें गिफ्ट तो खुलेगा भाग्य, जानें- कौन से मूलांक पर क्या दें उपहार


दोनों नक्सलियों के बीच हुआ प्यार फिर की शादी


एसपी अंकित गोयल ने बताया कि नक्सली विकास उर्फ विनोद छत्तीसगढ़ के नारायणपुर जिले का रहने वाला है, वहीं उसकी पत्नी राजे उसेंडी महाराष्ट्र के गढ़चिरौली जिले की है, नक्सली संगठन में रहते हुए ही दोनों को प्यार हुआ और फिर शादी भी कर ली, लेकिन दंपति के बच्चों के लिए नक्सली संगठन के बड़े कैडर के नक्सली राजी नहीं हुए. इनकी नसबंदी करानी चाही, लेकिन, दोनों पति-पत्नी ने अपना परिवार बढ़ाना चाहा, इसी वजह से दोनों ने हिंसा का रास्ता छोड़ने का मन बनाया, फिर किसी तरह से संगठन से भागकर दोनों गढ़चिरौली के एसपी अंकित गोयल के सामने आकर सरेंडर कर दिए.


इस वजह से है बच्चे पैदा करने की मनाही


बस्तर के आईजी सुंदरराज पी ने बताया कि नक्सली अपने संगठन में युवक-युवतियों को शादी की तो इजाजत देते हैं, लेकिन संगठन में बच्चा पैदा करने की साफ मनाही है और  इसके पीछे नक्सली संगठन कई वजह नक्सली युवक युवतियों को बताते है. नक्सलियों के बड़े लीडरों का मानना है कि बच्चे से उनके मिशन में रुकावट आती है, दंपति को बच्चे की ज़िमेदारी उठानी पड़ती है और दंपतियों का अपने मिशन से हटकर बच्चों में मोहमाया बढ़ता है. आईजी ने बताया कि नक्सलियों के इस फरमान से बीते कुछ सालों में बस्तर पुलिस के समक्ष कई नक्सली दंपतियो ने सरेंडर किया है और आज वे मुख्यधारा में जुड़कर अपने बच्चों के साथ हंसी खुशी जिंदगी बिता रहे हैं.


Chhattisgarh Board Results 2022: छत्तीसगढ़ बोर्ड 10वीं और 12वीं के नतीजे घोषित, जानें टॉपर्स से लेकर पास प्रतिशत तक सब कुछ