Chhattisgarh Elephant Terror: छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) के सरगुजा (Surguja) संभाग अंतर्गत सूरजपुर (Surajpur), सरगुजा, बलरामपुर (Balrampur), कोरिया (Korea) और जशपुर (Jashpur) जिले में हाथियों का उत्पात जारी है. आए दिन हाथियों का दल जंगलों के आसपास की बस्तियों में पहुंचकर फसलों के साथ मकानों क्षतिग्रस्त कर नुकसान पहुंचा रहे हैं. इससे वनों के आसपास के गांवों के लोग दहशत के साए में जीवन यापन करने पर मजबूर हैं.


वन विभाग की ओर से हाथियों पर निगरानी रखी जा रही है. जिन क्षेत्रों की ओर हाथियों का झुंड बढ़ रहा है, उन इलाकों में वन विभाग की अलग-अलग टीमें मुनादी कर लोगों को सतर्क कर रही है. वहीं हाथियों द्वारा किए नुकसान का आंकलन कर क्षतिपूर्ति के प्रकरण तैयार कर प्रभावितों को शीघ्र मुआवजा देने की कार्रवाई भी की जा रही है.


रिहायशी इलाकों में घुस रहे हाथी


सरगुजा संभाग के अलावा बिलासपुर संभाग के जंगलों में भी हाथियों का अलग-अलग दल विचरण कर रहा है. कुछ हाथी रिहायशी इलाकों में भी प्रवेश कर जा रहे हैं जो लोगों की दहशत का कारण बना हुआ है. बिलासपुर संभाग अंतर्गत कोरबा, गौरेला पेंड्रा मरवाही और रायगढ़ जिले में हाथी दल जंगल से निकलकर आसपास के गांव की ओर पहुंच रहे हैं. इसी क्रम में रायगढ़ जिले के धरमजयगढ़ विधानसभा क्षेत्र में बीती रात हाथी दल ने एक किसान के खेत में जमकर उत्पात मचाया. गुरुवार सुबह जब किसान अपने खेत पहुंचा और वहां का नजारा देखकर उसके आंखों में आंसू आ गए. धरमजयगढ़ क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले ग्राम सागरपुर में बीती रात जंगली हाथियों के दल ने जमकर उत्पात मचाया. जंगली हाथियों के एक दल ने क्षेत्र के किसान दयाल के मक्के की फसल को बुरी तरह तहस-नहस कर डाला. 


किसानों के खेत को पहुंचाया नुकसान


इस घटना की जानकारी मिलने के बाद आज 15 सितंबर गुरुवार की सुबह किसान जब अपने खेत पहुंचा तो वहां का नजारा देखकर वह रो पड़ा. किसान ने रोते हुए बताया कि काफी रकम खर्च करने के बाद वह अपने खेत में मक्के की फसल लगाया था. दिन रात काफी मेहनत करते हुए फसल को उस मुकाम तक पहुंचाया था जब उसमें फल लगने ही वाले थे. बीती 13 सितंबर बुधवार की रात जंगली हाथियों के द्वारा उसके फसल को पूरी तरह चौपट कर दिए जाने की वजह से उसके आर्थिक स्थिति पर इसका खासा असर पड़ेगा. चूंकि किसान ने जमा पूंजी खर्च कर अपने खेत में मक्के की फसल लगाया था ताकि फसल पकने के बाद उसे बाजारों में बेचकर वह अपनी आजीविका के लिए कुछ पैसे कमा सके. मगर फसल पकने से पहले ही जंगली हाथियों ने उसे पूरी तरह चौपट कर दिया .


दहशत के साए में जीने को मजबूर


रायगढ़ जिले के धरमजयगढ़ क्षेत्र में लंबे अर्से से जंगली हाथियों ने उत्पात मचाते हुए अपनी मौजूदगी से क्षेत्र के लोगों में दहशत का माहौल बना दिया. जंगली हाथियों के आतंक से क्षेत्र के स्कूली छात्रो में स्कूल आने-जाने में डर बना रहता है. दिन हो या रात कभी यहां जंगली हाथी जंगलों से निकलकर रिहायशी क्षेत्र में घुसकर जमकर तबाही मचाकर वापस जंगलों में लौट जाते हैं. हाथी प्रभावित क्षेत्र के ग्रामीणों को 24 घंटे जान माल का डरा बना रहता है. फसल नुकसान की घटना तो आम बात हो गई है. हाथी उत्पात के बाद किसानों को जो मुआवजा दिया जाता है वह किसानों के जख्मों पर नमक छिड़कने के बराबर है.


150 गांव को अलर्ट किया गया


बलरामपुर जिले के रघुनाथनगर और राजपुर वन परिक्षेत्र में वर्तमान में अलग-अलग दलों में कुल 49 हाथी विचरण कर रहे हैं. इसके अलावा जशपुर जिले के पांच वन परिक्षेत्र में 65 हाथी विचरण कर रहे हैं. ये हाथी रात में रिहायशी इलाकों में घुसकर खेत बाड़ी में लगे मक्का, धान की फसलों को नुकसान पहुंचाते हैं. इसके साथ ही कई मकानों को भी ध्वस्त कर दिया. जशपुर में हाथियों की वजह से 150 गांव में अलर्ट जारी किया गया. हाथियों से सुरक्षा के लिए वन विभाग की टीम जंगल के आसपास के ग्रामीणों को सुरक्षित ठिकानों पर पहुंचा रही है. गांव के आंगनबाड़ी, स्कूल और सामुदायिक भवनों को आश्रय स्थल बनाया गया है जहां रात में ग्रामीणों को ठहराया जाता है. 


कुल 49 हाथी घूम रहे


बलरामपुर वनमण्डलाधिकारी विवेकानंद झा के मुताबिक हाथियों से हुए क्षति का आंकलन कर मुआवजा प्रकरण बनाए जा रहे हैं. इसके साथ ही ग्रामीणों को हाथियों के दलों से दूर रहने की सलाह भी दी जा रही है. उन्होंने बताया कि हाथियों का दो ग्रुप था. एक ग्रुप में दो हाथी थे, जो राजपुर में दुप्पी चौरा के आसपास घूम रहे थे और एक 25 हाथी का ग्रुप है, जिसमें 10 बच्चे हैं. वो अभी वर्तमान में अलखडीहा के आसपास घूम रहे हैं. दुप्पी चौरा वाला ग्रुप भी अलखडीहा के आसपास आ गया. इसके अलावा दो और परिक्षेत्र में हाथी विचरण कर रहे हैं. धमनी परिक्षेत्र में 7 हाथियों का ग्रुप है.


रघुनाथनगर परिक्षेत्र में दो ग्रुप है. एक ग्रुप में 14 और दूसरा सिंगल है, यहां कुल 15 हाथी हैं. बलरामपुर जिले के अलग-अलग क्षेत्रों में कुल 49 हाथी घूम रहे हैं. पिछले हफ्ते दस दिन के आसपास फसल नुकसान हुए हैं. हाथियों ने लगभग 70 हेक्टेयर के आसपास फसल नुकसान किए हैं. हाथियों ने तीन मकान को नुकसान किये हैं और एक जनहानि हुई है.


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