Surguja News: छत्तीसगढ़ के सरगुजा जिले में स्कूल भवनों की जर्जर हालत किसी से छिपी नहीं है. सैकड़ों ऐसे स्कूल है जहां बच्चे अपनी जान जोखिम में डालकर पढ़ाई करने पर मजबूर है. सरगुजा ही नहीं प्रदेश भर में हजारों स्कूल मरम्मत के अभाव में जर्जर हो चुके हैं, इसके अलावा कई स्कूल अति जर्जर अवस्था में हैं, जिसे इन दिनों ढहाने की कार्रवाई की जा रही है. सरगुजा कलेक्टर कुंदन कुमार के निर्देशानुसार जर्जर स्कूल भवनों को ढहाने का कार्य तेजी से किया जा रहा है. वहीं लगातार खबर प्रकाशन के बाद मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने स्कूल भवनों को लेकर गंभीरता दिखाई और प्रदेश में नए स्कूल भवन निर्माण के लिए 500 करोड़ रुपए की स्वीकृति दी गई है.


विकासखंडवार ये है स्कूलों की स्थिति


जिला शिक्षा अधिकारी संजय गुहे ने बताया कि सरगुजा जिले में करीब 123 जर्जर स्कूल और 961 मरम्मत योग्य स्कूल भवन का चिन्हांकन किया गया है. इसमें उदयपुर विकासखंड में 11, लखनपुर में 26, अम्बिकापुर में 19, लुण्ड्रा में 32, बतौली में 10, सीतापुर में 17 तथा मैनपाट में 8 जर्जर स्कूल भवन चिन्हांकित है. इसी प्रकार उदयपुर विकासखंड में 146, लखनपुर में 53, अम्बिकापुर में 147, लुण्ड्रा में 106, बतौली में 80, सीतापुर में 125 तथा मैनपाट में 34 मरम्मत योग्य स्कूल भवन चिन्हांकित है. जर्जर स्कूल भवनों के स्थान पर नवीन स्कूल भवन तथा मरम्मत योग्य भवनों को मरम्मत कराने के लिए करीब 50 करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है.


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एक स्कूल में 800 से ज्यादा बच्चे


गौरतलब है कि सरगुजा के बतौली विकासखंड के शांतिपारा में संचालित शासकीय बालक उच्चतर माध्यमिक विद्यालय भवन पुराना हो गया है. बारिश होने पर स्कूल के छत से पानी टपकता है जिससे बच्चों को पढ़ाई करने में परेशानी का सामना करना पड़ता है. उक्त स्कूल में क्षेत्र के पांच किलोमीटर दायरे के गांव के 800 से ज्यादा बच्चे पढ़ते हैं. इसी तरह सीतापुर ब्लॉक के अंर्तगत ग्राम केशला में संचालित प्राथमिक शाला भवन जर्जर हो चुका है. जहां बच्चे अपनी जान जोखिम में डालकर पढ़ाई करने को मजबूर हैं. जिन कमरों में बच्चे पढ़ते है, उन कमरों के प्लास्टर टूटकर गिर रहे हैं. इसके अलावा अम्बिकापुर, उदयपुर, मैनपाट, लखनपुर और लुण्ड्रा ब्लॉक में सैकड़ों ऐसे स्कूल हैं. जहां बच्चे जर्जर स्कूल की छत के नीचे अपनी जान हथेली पर रखकर पढ़ाई करते है.


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