Chhattisgarh: छात्राओं को नहीं मिल रहा था खाना, अधिकारी पहुंचे तो लोगों ने हॉस्टल के अंदर बनाया बंधक
Chhattisgarh News: छत्तीसगढ़ में सहायक आयुक्त को ग्रामीणों ने बंधक (Hostage) बना लिया. काफी देर तक सहायक आयुक्त और ग्रामीणों में विवाद होता रहा. मामला भर्रीढांड में प्री मैट्रिक कन्या छात्रावास है.
Chhattisgarh People Hostage Officials in Hostel: छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) के गौरेला-पेंड्रा-मरवाही जिले में सहायक आयुक्त को ग्रामीणों ने बंधक (Hostage) बना लिया. दरअसल, हॉस्टल (Hostel) में रहने वाले बच्चों को खाना नहीं मिलने और गड़बड़ी की शिकायत मिलने पर कलेक्टर के निर्देश पर सहायक आयुक्त गर्ल्स हॉस्टल की जांच करने पहुंचे थे. इसी दौरान कुछ ग्रामीणों ने छात्रावास के मुख्य गेट पर ताला लगा दिया. इससे सहायक आयुक्त, हॉस्टल के स्टॉफ और बच्चियां अंदर ही लॉक हो गए. मामला मरवाही ब्लॉक के भर्रीढांड का है.
ग्रामीणों ने की थी शिकायत
दरअसल, आदिवासी विकास विभाग की ओर से भर्रीढांड में प्री मैट्रिक कन्या छात्रावास है, जहां रहने वाली बच्चियों को भोजन नहीं मिलने की शिकायत ग्रामीणों ने आदिवासी विकास विभाग से की थी. इसके बाद सहायक आयुक्त एएन मिश्रा निरीक्षण के लिए हॉस्टल पहुंचे. आरोप है कि हॉस्टल में समस्या होने के बावजूद उन्होने व्यवस्था दुरुस्त होने की रिपोर्ट बना दी जिसके बाद इस मामले ने तूल पकड़ लिया.
ग्रामीणों ने गेट पर बाहर से लगाया ताला
ग्रामीणों के माध्यम से ये मामला जिला कलेक्टर तक पहुंचा तो उन्होंने शिकायत की पुष्टि के लिए फिर सहायक आयुक्त को भर्रीढांड में प्री मैट्रिक कन्या छात्रावास के निरीक्षण के लिए भेजा. अधिकारी जब निरीक्षण के लिए पहुंचे थे वो शाम का समय था. हॉस्टल के बाहर लगभग 8 से 10 ग्रामीण इकट्ठे थे और वो बच्चों के लिए खाना लेकर आए थे. जैसे ही सहायक आयुक्त हॉस्टल के अंदर गए ग्रामीणों ने गेट पर बाहर से ताला लगाकर उन्हें बंधक बना लिया. इसको लेकर काफी देर तक सहायक आयुक्त और ग्रामीणों में विवाद होता रहा.
अधिकारी ने ली समस्याओं की जानकारी
इसकी सूचना सहायक आयुक्त ने एसडीएम और कलेक्टर को दी. जिसके बाद मौके पर पुलिस और मरवाही एसडीएम हितेश्वरी बाघे पहुंची. उन्होंने ग्रामीणों को समझाया और छात्रावास स्टॉफ, बच्चों से मिलकर उनकी समस्याओं के बारे में जानकारी ली. इसमें पता चला कि चावल तक खत्म हो गया है, खाने के लिए कई दिन से समस्या है. एसडीएम के पहुंचने के करीब 2 घंटे के हंगामे के बाद ग्रामीण तैयार हुए और बंधक सहायक आयुक्त को जाने दिया. एसडीएम की ओर से जांच प्रतिवेदन तैयार किया गया है, इसे कार्रवाई के लिए कलेक्टर को सौंपा जाएगा.
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