Bastar News: छत्तीसगढ़ के बस्तर संभाग को वनों का द्वीप कहा जाता है, यहां बेशकीमती लकड़ियां बहुत अधिक मात्रा में मिलती है, लेकिन पिछले 20 दिनों से वन कर्मियों के हड़ताल पर चले जाने से वनों की सुरक्षा राम भरोसे हो गया है और लगातार इमारती लकड़ियों की कटाई और अवैध परिवहन जोरों पर है. वन तस्कर इस कदर सक्रिय हो गए हैं कि आए दिन बस्तर संभाग के फॉरेस्ट रेंज में अवैध कटाई की शिकायत मिल रही है. बीजापुर, सुकमा और बस्तर में वन तस्कर सक्रिय हो गए हैं और पेड़ों की अंधाधुंध कटाई कर इमारती लकड़ियों की तस्करी कर रहे हैं. इधर अब वन कर्मचारियों के साथ-साथ फॉरेस्ट रेंजर भी हड़ताल में बैठ गए हैं जिससे वनों की सुरक्षा हाशिये पर है.
वनकर्मियों को मिला फॉरेस्ट रेंजरों का समर्थन
अपनी 11 सूत्रीय मांग को लेकर बस्तर में भी लगभग 1200 वन कर्मचारी अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले गए हैं, वहीं अब इस हड़ताल का समर्थन फॉरेस्ट रेंजर भी कर रहे हैं. इधर इतनी बड़ी संख्या में वन कर्मचारियों के हड़ताल पर चले जाने से विभाग के अधिकारियों के भी होश उड़ गए हैं. हालांकि बस्तर के सीसीएफ मोहम्मद शाहिद के निर्देश पर डीएफओ ने वन विद्यालय के ट्रेनिंग वनपालों को तैनात किया गया था जो गांव-गांव में सर्चिंग कर रहे थे.
जिससे तस्करों में अवैध लकड़ी पकड़ाने का भय था, लेकिन बीते 7 अप्रैल को सभी प्रशिक्षु वनपालो को ट्रेनिंग समाप्त होने पर वापस भेज दिया गया और उसके बाद से वनों की सुरक्षा राम भरोसे हो गई है, साथ ही वन की सुरक्षा करने वाले नहीं होने के चलते ग्रामीण अंदरूनी क्षेत्र में आग लगा रहे हैं जिस पर किसी का ध्यान नहीं है और वनों को भारी नुकसान भी पहुंच रहा है.
पुलिस और होम गार्ड की लेंगे मदद
इधर हड़ताल पर बैठे वन कर्मचारियों का कहना है कि पिछले 20 दिनों से वे लगातार हड़ताल पर बैठे हुए हैं, लेकिन अब तक सरकार की ओर से उनके आंदोलन को लेकर कोई भी प्रतिक्रिया नहीं आई है. वन कर्मियों ने ठान लिया है कि जब तक मांग पूरी नहीं होती वे हड़ताल पर डटे रहेंगे, वही फॉरेस्ट रेंजर भी वन कर्मचारियों के 11 सूत्रीय मांग के समर्थन पर उनके साथ हड़ताल पर बैठ गए हैं.
इसी की वजह से वन तस्करों सक्रिय हैं और आसानी से लाखों रुपए की इमारती लकड़ी बेच रहे हैं. साथ ही ग्रामीण महुआ बिनने के नाम से जंगलों में आग लगा रहे हैं. वन कर्मियों के साथ साथ रेंजर के भी हड़ताल पर बैठ जाने से वन विभाग CCF मोहम्मद शाहिद ने इस मामले में बताया कि बस्तर में वनों की सुरक्षा के लिए पुलिस और होमगार्ड की मदद ली जाएगी और इसके लिए बस्तर के आईजी को मदद के लिए पत्र भी उनके द्वारा भेजा जा रहा है.
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