Bastar News: दुर्लभ प्रजाति के जीव जंतुओं और नैसर्गिक वनों के साथ साथ प्राकृतिक गुफाओं की खूबसूरती के लिए पूरे देश में प्रसिद्ध छत्तीसगढ़ के बस्तर में मौजूद कांगेर वैली नेशनल पार्क अब एक नए स्वरूप में पर्यटकों के लिए तैयार होने जा रहा है. 1982 में राष्ट्रीय उद्यान का दर्जा प्राप्त करने वाले इस कांगेर घाटी राष्ट्रीय उद्यान में आने वाले पर्यटकों के लिए कई नई योजनाएं तैयार की जा रही है और इसके तहत अब इको टूरिज्म को बढ़ावा देने यहां पर केरल मॉडल की तर्ज पर कई सुविधाओं की शुरुआत होने जा रही है.
नेशनल पार्क में वन्य प्राणियों की सुरक्षा और संरक्षण के साथ यहां मौजूद कई प्रकार के जीव जंतुओं की संख्या बढ़ाने के लिए पहले ही विशेष अभियान चलाया जा रहा है, वही अब बस्तर घूमने आने वाले पर्यटकों के लिए कांगेर वैली नेशनल पार्क खास आकर्षण का केंद्र होगी, क्यूंकि यहाँ अब देसी और विदेशी पर्यटको के लिए होम स्टे की सुविधा की शुरुआत की जा रही है, पूरी तरह से बस्तर के आदिवासी संस्कृति, परम्परा और खानपान और रहन-सहन से जुड़ी इन होम स्टे में पर्यटक रुकने के साथ बस्तर के स्थानीय व्यंजनों का भी स्वाद चख सकेंगे.
देसी विदेशी पर्यटको के लिए होम स्टे की सुविधा
कांगेर घाटी नेशनल पार्क के संचालक धम्मशील गणवीर ने बताया कि कांगेर वैली नेशनल पार्क को पर्यटकों के लिए और आकर्षित बनाने के लिए इस पार्क का विकास किया जा रहा है. लगभग 200 वर्ग किलोमीटर के दायरे में फैले कांगेर घाटी में प्रकृति ने पहले से ही विशेष श्रृंगार किया है जिसकी खूबसूरती देखते ही बनती है. कांगेर घाटी नेशनल पार्क में इको टूरिज्म को बढ़ावा देने कई तरह के उपाय किए जा रहे हैं और इसके लिए इस इलाके में म्यूजियम और तीरथगढ़ वॉटरफॉल के पास बस्तर संस्कृति की झलक दर्शाती मिट्टी के आवास बनाए जा रहे हैं.
जहां बाहर से आए पर्यटकों के लिए रुकने की व्यवस्था होगी, इसके अलावा यहां पर दर्शनीय स्थलों को नए सिरे से भी तैयार किया जा रहा हैं ताकि बस्तर पहुंचने वाले सैलानी अधिक समय तक कांगेर घाटी नेशनल पार्क में समय बिता सके और बस्तर की खूबसूरती को महसूस कर सके, यही नहीं बस्तर आने वाले देसी विदेशी पर्यटक जो बस्तर के इस इलाके को जानना चाहते हैं और यहां के स्थानीय संस्कृति और रहन-सहन को समझना चाहते हैं उनके लिए घरों में रहने की व्यवस्था की जा रही है, खासकर कुटुमसर, मांझीपाल और तीरथगढ़ जैसे गांव में होम स्टे की व्यवस्था की जा रही है.
पर्यटकों के लिए होगी ट्रैकिंग की सुविधा
पार्क के संचालक ने बताया कि इस कांगेर वैली नेशनल पार्क को केरल मॉडल की तर्ज पर तैयार किया जा रहा है और इसके लिए कांगेर घाटी नेशनल पार्क के भीतर पर्यटक को घुमाने के लिए स्थानीय युवाओं को रोजगार भी दिया जा रहा है. ताकि ज्यादा से ज्यादा गांव के युवा इस कांगेर वैली नेशनल पार्क में जुड़कर रोजगार प्राप्त करने के साथ पर्यटकों को भी गाइड कर सके.
इसके अलावा उन्होंने बताया कि कांगेर घाटी नेशनल पार्क में घूमने आने वाले युवाओं के लिए ट्रैकिंग की सुविधा भी तैयार की जा रही है, ट्रैकिंग के लिए स्थानीय युवाओं को ट्रेनिंग दी दी जाएगी ताकि देश-दुनिया से कांगेर घाटी नेशनल पार्क घूमने आने वाले पर्यटक ट्रैकिंग का भी लुफ्त उठा सके, संचालक ने बताया कि आने वाले 5 से 6 महीनों में इस नेशनल पार्क को पूरी तरह से विकसित कर लिया जाएगा.
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