Anti Naxal Operation: छत्तीसगढ़ के बस्तर पुलिस और नक्सलियों के बीच हो रही लड़ाई में अब बड़ी संख्या में स्थानीय नक्सली सरेंडर कर सरकार की मुख्यधारा से जुड़ रहे हैं. पुलिस के एंटी नक्सल ऑपरेशन को देखते हुए और संभाग के अलग-अलग जिलों में स्थानीय पुलिस द्वारा चलाए जा रहे घर वापसी अभियान में बड़ी संख्या में स्थानीय नक्सली सरेंडर कर रहे हैं. सुकमा जिले में भी नक्सलियों के खोखले विचारधारा से तंग आकर और सरकार की पुनर्वास नीति के साथ चलाए जा रहे पूना नर्कोम अभियान (नई सुबह, नई शुरुआत) से प्रभावित होकर सोमवार को 24 नक्सलियों ने 'लाल आतंक' को छोड़ पुलिस के सामने सरेंडर किया है. सरेंडर करने वाले नक्सलियों में 10 महिला नक्सली भी शामिल है.


ग्रामीणों ने कराया सरेंडर


सुकमा एसपी सुनील शर्मा ने बताया कि लगातार जिले में नक्सल विरोधी अभियान चलाया जा रहा है. इसी के साथ नक्सलियों से आत्मसमर्पण करने के लिए अपील भी की जा रही है. जिससे प्रभावित होकर पिछले कुछ महीनों से लगातार स्थानीय नक्सली आत्मसमर्पण कर रहे हैं. सोमवार को भी एक साथ 24 नक्सलियों ने आत्मसमर्पण किया है. इसमें 10 महिला नक्सली शामिल है. एसपी ने बताया कि  किस्टारम थाना क्षेत्र में पोटकपल्ली में नये पुलिस कैंप की स्थापना की गई है.


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इस नये कैम्प में पहुंचे पोटकपल्ली के ग्रामीणों ने समाज की मुख्यधारा से भटककर नक्सली संगठन से जुड़े सदस्यों को कैंप में लाकर पुलिस के समक्ष आत्मसमर्पण करवाया है. ये नक्सल संगठन में रहकर किस्टारम थाना क्षेत्र के कई बड़ी नक्सली घटनाओं में शामिल रहे हैं. ये सभी सरेंडर नक्सली मिलिशिया सदस्य के रूप में संगठन में सक्रिय थे. पुलिस ने इन सभी समर्पित नक्सलियों को प्रोत्साहन राशि 10-10 हजार रुपये देते हुए जल्द ही सरकार की पुनर्वास नीति के तहत सुविधा दिलाने की बात कही है.


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