Surguja Latest News: छत्तीसगढ़ टूरिज्म बोर्ड ने देश-विदेश के पर्यटकों के लिए एक और सौगात दी है. स्वदेश दर्शन योजना अंतर्गत सरगुजा अंचल को करमा एथनिक रिसॉर्ट और जोहार हाईवे मोटेल मिला है. जिसका पर्यटन मंत्री ताम्रध्वज साहू ने मैनपाट, कमलेश्वरपुर में लोकार्पण किया. अब छत्तीसगढ़ के शिमला के रूप में विख्यात मैनपाट में पर्यटक उच्च स्तरीय सुविधाओं के साथ नए वर्ष का स्वागत कर सकेंगे.


दरअसल, भारत सरकार के पर्यटन मंत्रालय ने विभिन्न थीमों पर आधारित पर्यटन विकास की स्वदेश दर्शन योजना वर्ष 2015-16 में प्रारंभ की थी. जिसके अंतर्गत छत्तीसगढ़ राज्य में यहां की आदिवासी/जनजातीय एवं ग्रामीण संस्कृति से पर्यटकों को परिचित कराने के उद्देश्य से वर्ष 2016 में "ट्रायबल टूरिज्म सर्किट" की परियोजना स्वीकृत की गई. इस परियोजना में प्रदेश के आदिवासी बाहुल्य क्षेत्रों के कुल 13 डेस्टिनेशन्स को विकसित किया गया है. 




करमा एथनिक रिसॉर्ट विकसित


इस परियोजना के ट्रायबल टूरिज्म सर्किट के अंतर्गत सरगुजा जिले के कमलेश्वरपुर (मैनपाट) में 'ईको एथनिक टूरिस्ट डेस्टिनेशन' के रूप में करमा एथनिक रिसॉर्ट विकसित किया गया है. यह रिसॉर्ट सरगुजा क्षेत्र के ग्रामीण परिवेश की थीम पर 21 करोड़ 37 लाख रुपए की लागत से तैयार किया गया है.




राज्य सरकार के द्वारा इस परियोजना के लिए कमलेश्वरपुर में 46 एकड़ भूमि उपलब्ध कराई गई थी. जिसका शुक्रवार को छत्तीसगढ़ के पर्यटन मंत्री ताम्रध्वज साहू के मुख्य आतिथ्य और मंत्री टीएस सिंहदेव की अध्यक्षता में करमा एथनिक रिसॉर्ट एवं सोनतराई मोटेल, सीतापुर का लोकार्पण किया गया. 


'करमा एथनिक रिसार्ट' कमलेश्वरपुर (मैनपाट) में टूरिस्ट रिसेप्शन एवं सुविधा केंद्र, 20 कक्ष (क्राफ्ट एवं हर्बल हाट-आर्टिसन सेंटर), कैफेटेरिया, ओपन एम्फीथिएटर, सोवेनियर शाप, ट्रायबल इंटरप्रिटेशन सेंटर, ट्रायबल वर्कशाप सेंटर, 2 इलेक्ट्रिक व्हीकल (8 सीटर), इलेक्ट्रिक चार्जिंग स्टेशन, सायकल ट्रैक (प्रकाशीकरण सहित) समेत उच्च स्तरीय सुविधाएं स्थापित की गयी हैं. जो पर्यटकों के आकर्षण का केंद्र बनेंगी. सोनतराई मोटल, सीतापुर में 05 कक्ष, डारमेटरी हाल, लान, कैफेटेरिया (डायनिंग हाल), स्टोर रूम, पार्किंग जैसी सुविधाओं का निर्माण किया गया है.  


इस योजना के परिचालन से मैनपाट में पर्यटकों की संख्या में वृद्धि होगी. पर्यटकों को रूकने के लिए अन्य आवास सुविधा के साथ ग्रामीण परिवेश में रूकने का अतिरिक्त विकल्प उपलब्ध होगा. स्थानीय लोगों को रोजगार एवं आय के अतिरिक्त स्रोत उपलब्ध होंगे. यहां स्थानीय लोगों एवं हस्तशिल्प कलाकारों के साथ पर्यटकों को हस्तशिल्प प्रशिक्षण दिया जा सकेगा.


स्थानीय तिब्बतन संस्कृति से भी पर्यटक परिचित होंगे, जिससे उनके द्वारा निर्मित प्रोडक्ट्स का विक्रय बढ़ेगा, स्थानीय हस्तशिल्प, वनउपज/हर्बल प्रोडक्ट का विक्रय के लिये सोवेनियर शाप्स में स्थान उपलब्ध होगा. व्यावसायिक दृष्टि से कांफ्रेंस सुविधा उपलब्ध हो सकेगी. मैनपाट में भविष्य में होमस्टे को बढ़ावा मिलेगा एवं अन्य पर्यटन गतिविधियों में भी बढ़ोतरी होगी.


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