Bastar News: छत्तीसगढ़ में धूम मचा रही बस्तर की महुआ चाय, पर्यटकों की बनी पसंद, जानिए इसके फायदे
छत्तीसगढ़ के बस्तर में महुआ से बनी चाय पर्यटकों को खूब पसंद आ रही है. डॉक्टरों ने बताया कि महुआ लड्डू गर्भवती महिलाओं और इम्यूनिटी बढ़ाने के लिए रामबाण हो सकती है.
Chhattisgarh News: छत्तीसगढ़ के बस्तर में महुआ से बनी चाय लोगों को खुब पसंद आ रही है. ठंड के मौसम में इस चाय का लोग काफी लुत्फ उठा रहे हैं. दरअसल, अब तक महुआ से बस्तर के ग्रामीण नशीली पेय पदार्थ बनाते आए हैं, लेकिन बस्तर में रहने वाली रजिया शेख ने इससे महुआ टी बनाया और जगदलपुर शहर में महुआ टी का स्टॉल लगाया.
दरअसल, ठंड के मौसम में इस महुआ टी का स्वाद चखने बड़ी संख्या में लोग पहुंच रहे हैं. महुआ लड्डू के बाद महुआ टी इन दिनों बस्तर पहुंचने वाले पर्यटकों के लिए भी पसंद बनी हुई है. इस चाय की चुस्की के लिए बड़ी संख्या में पर्यटक पहुंच रहे हैं. रजिया शेख ने बताया कि आने वाले दिनों में छत्तीसगढ़ के पूरे जिले में महुआ टी स्टॉल उपलब्ध हो इसके लिए पूरी कोशिश की जा रही है.
बस्तर में पाया जाता है महुआ
बस्तर में महुआ अधिक मात्रा में पाई जाती है और महुआ ग्रामीणों के मुख्य वनोपज में भी शामिल है. हर साल बस्तर से महुआ का अच्छा व्यापार भी होता है. यहां के स्थानीय ग्रामीण इस महुआ से नशीली पेय पदार्थ बनाते आए हैं, लेकिन इस महुआ फल के फायदे जानकर बस्तर फूड की संचालिका रजिया शेख ने शुरुआत में महुआ से लड्डू बनाना शुरू किया. जिसमें ड्राई फुट मिलाकर इसे पूरी तरह से लड्डू की तरह तैयार किया. जिसके बाद इस लड्डू की जमकर तारीफ होने लगी. यह लड्डू धीरे धीरे पूरे क्षेत्र में मशहूर हो गया और इसकी अच्छी बिक्री होने लगी.
क्या कहा डॉक्टरों ने?
खुद डॉक्टरों ने भी माना कि महुआ लड्डू गर्भवती महिलाओं और इम्यूनिटी बढ़ाने के लिए रामबाण हो सकती है. वहीं अब महुआ से चाय की खोज करने से अब इस चाय को भी लोगों का अच्छा रिस्पांस मिल रहा है. रजिया शेख ने बताया कि देशभर में ग्रीन टी मशहूर है. इसके अलावा अदरक और कई तरह की चाय का भी लोग लुफ्त उठाते हैं. इसे ध्यान में रखते हुए उन्होंने महुआ से चाय बनाने की विधि सीखी और इसे तैयार किया. चार बनने के बाद धीरे-धीरे महुआ चाय की जमकर तारीफ होने लगी. उन्होंने बताया कि उनका पूरा स्टाफ महुआ से बनी चाय ही पिता है. रजिया शेख ने बताया कि महुआ से बनी चाय में कोई नशा नहीं होता है. महुआ फल को पेड़ से तोड़ने के बाद इसे सुखाया जाता है और फिर धोया जाता है. जिसके बाद इससे चाय तैयार की जाती है. उन्होंने दावा किया कि इसके कोई साइड इफेक्ट भी नहीं होती है. बैली फैट के लिए भी यह फायदेमंद हो सकती है.
क्या कहा रजिया शेख ने?
रजिया शेख ने बताया कि बस्तर में जगदलपुर शहर और अन्य जिलों में भी महुआ टी के छोटे-छोटे स्टॉल लगाए गए हैं. जहां लोगों का काफी अच्छा रिस्पांस मिल रहा है. वहीं ऑनलाइन भी महुआ टी उपलब्ध होगी. जिसे आसानी से भारत के साथ ही विदेशों में रहने वाले लोग भी महुआ टी का लुफ्त उठा सकेंगे. महुआ टी पेपर पैकेट में पैक कर दिया जा रहा है. किसी तरह के प्लास्टिक का यूज नहीं किया जा रहा है और 100 ग्राम की महुआ टी की चाय की कीमत 60 रुपये रखी गई है और एक पैकेट से 7 से 8 बार चाय बनाई जा सकती है. सभी मानकों पर खरा उतरने के बाद महुआ से चाय तैयार की जा रही है. जिसको अच्छा रिस्पांस भी स्थानीय लोगों के साथ दूर दराज से बस्तर घूमने आने वाले पर्यटक दे रहे हैं.