Chhattisgarh News: सरकार के खिलाफ बड़े आंदोलन की तैयारी में आदिवासी, 17 जून से बोलेंगे हल्ला
आंदोलन में सरगुजा, बालोद और बस्तर के हजारों आदिवासी शामिल होंगे. आदिवासी समाज ने आंदोलन की तैयारियां पूरी कर लेने की बात कही है. सरकार की उदासीनता से आदिवासी समाज में काफी आक्रोश है.
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Chhattisgarh News: छत्तीसगढ़ में आदिवासी राज्य सरकार के खिलाफ जेल भरो आंदोलन की तैयारी कर रहे हैं. आंदोलन में हजारों आदिवासी एक साथ सड़क पर उतरकर सरकार के खिलाफ हल्ला बोलेंगे. आदिवासियों पर लगातार अत्याचार से समाज में नाराजगी है. आरोप है कि सरकार कार्यवाही करने के बजाए मामलों को टालने की कोशिश कर रही है. सरकार की लापरवाही के खिलाफ आदिवासियों ने आंदोलन का मूड बना लिया है. 17 जून को सर्व आदिवासी समाज के बैनर तले प्रदेश व्यापी जेल भरो आंदोलन होगा.
इंसाफ की मांग के लिए जेल भरो आंदोलन की तैयारी
आंदोलन में सरगुजा, बालोद और बस्तर के हजारों आदिवासी शामिल होंगे. आदिवासी समाज ने आंदोलन की तैयारियां पूरी कर लेने की बात कही है. समाज के प्रमुखों का कहना है कि बीजापुर और सुकमा जिले की सीमा पर सिलगेर में साल 2021 में 21 मई को पुलिस के जवानों ने निर्दोष ग्रामीणों पर गोली चलाई. पुलिस की गोली से 3 लोगों की मौत हो गयी जबकि भगदड़ में एक महिला ने दम तोड़ दिया. मारे गए ग्रामीणों को पुलिस के जवानों ने नक्सली बताया था. जांच के बाद सभी निर्दोष ग्रामीण निकले.
मामले में अब तक दोषियों पर सरकार ने किसी तरह की कोई कार्यवाही नहीं की है. पिछले 1 साल से न्याय की मांग कर रहे बीजापुर और सुकमा के अलावा आसपास गांव के हजारों ग्रामीण सिलगेर में धरने पर बैठे हुए हैं. बावजूद उनकी मांग पूरी नहीं की जा रही है. इसके अलावा सरगुजा में हसदेव अरण्य परसा कोल ब्लॉक के खिलाफ राज्यस्तरीय विरोध के बाद भी आदिवासी गांवों को उजाड़ा जा रहा है और हजारों पेड़ काटे जा रहे हैं. खनन कार्य को पूरी तरह बंद करने की मांग पर अब प्रदेश स्तरीय जेल भरो आंदोलन करने के लिए आदिवासी समाज सड़क पर उतरेगा.
सरकार के उदासीन रवैये से आदिवासियों में आक्रोश
समाज का आरोप है कि बालोद के डौंडी ब्लॉक तुएगोंदी में आदिवासी पारंपरिक पूजा कर रहे थे और गुंडे बुलाकर तलवार, लाठी और कांच की बोतलों, पत्थरों से समाज के लोगों पर हमला किया गया था. हमले में कई लोग गंभीर रूप से घायल हुए. बदमाशों ने जान से मारने की धमकी भी दी. घटना का विरोध के बावजूद आरोपियों पर किसी तरह की कोई कार्रवाई नहीं की गई. सरकार की उदासीनता से आदिवासी समाज में काफी आक्रोश है.
आरोप है कि बस्तर से सरगुजा और बालोद में सरकार आदिवासियों का हक छीनने की कोशिश करने के साथ ही अत्याचार भी कर रही है. सरगुजा से लेकर बस्तर में चल रहे आदिवासी आंदोलनों में अब तक सरकार की तरफ से किसी तरह का न्याय नहीं मिला है. इसलिए इंसाफ की मांग के लिए आदिवासी समाज जेल भरो आंदोलन करने जा रहा है.
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