Tribal Tourism Circuit: छत्तीसगढ़ में ट्राइबल टूरिज्म सर्किट के पहले फेज का कार्य हुआ पूरा, अब मिलेगी ये सुविधाएं
Chhattisgarh News: छत्तीसगढ़ के कई इलाकों में ट्राइबल टूरिज्म सर्किट का पहला फेस पूरा हुआ. यहां के लोगों को अब कई तरह की बेहतरीन सुविधाओं का लाभ मिलेगा. फेज-2 के लिए भी कार्य योजना बना ली गई है.
Chhattisgarh Tribal Tourism Circuit: इन दिनों गर्मियों की छुट्टी मनाने के लिए शहरों से लोग वनवासी इलाकों की तलाश कर रहे हैं. ऐसे में छत्तीसगढ़ का ट्राइबल सर्किट लोगों के लिए काफी पसंदीदा है. हरियाली के लिए हर साल बड़ी संख्या में पर्यटक छत्तीसगढ़ पहुंचते हैं. लेकिन सुविधाओं का विस्तार नहीं होने से लोगों को निराशा मिलती थी. अब इन इलाकों में भी सुविधाओं का विस्तार किया जा रहा है.
ट्राइबल टूरिज्म सर्किट का पहला फेस पूरा
दरअसल छत्तीसगढ़ में स्वदेश दर्शन योजना के तहत छत्तीसगढ़ के ट्राइबल टूरिज्म सर्किट का पहला फेज का कार्य पूरा कर लिया गया है. इसमें राज्य के प्रमुख ट्राइबल टूरिज्म सर्किट को शामिल किया गया है. राज्य सरकार ने प्रदेश में पर्यटन की संभावनाओं को देखते हुए विभिन्न स्थलों को चिन्हित कर पर्यटन के रूप में विकसित किया जा रहा है.
इसी के चलते स्वदेश योजना के तहत राज्य के वनाचंल क्षेत्र जशपुर, कुनकुरी, कमलेश्वरपुर, मैनपाट, महेशपुर, कुरदर, सरोधा दादर, गंगरेल, नथियानवागांव, कोण्डागांव, जगदलपुर, चित्रकोट और तीरथगढ़ को ‘ट्राइबल टूरिज्म सर्किट’ बनाने के लिए प्रथम फेस का कार्य पूरा किया गया है.
किन इलाको में सुविधाओं का विस्तार हुआ
पर्यटन विभाग के अधिकारियों ने बताया कि स्वदेश योजना के तहत ट्राइबल टूरिज्म सर्किट के लिए चिन्हित जशपुर को एथनिक पर्यटन ग्राम के रूप में विकसित किया गया है. वहीं कुनकुरी में मार्ग सुविधा केन्द्र, कमलेश्वपुर में इको एथनिक डेस्टीनेशन, मैनपाट में इको एथनिक डेस्टीनेशन, पर्यटन सुविधाएं, महेषपुर में मार्ग सुविधा केन्द्र, कुरदर में इको टूरिस्ट डेस्टीनेशन, सरोधा दादर में एथनिक पर्यटन ग्राम, गंगरेल में ईको एथनिक टूरिस्ट डेस्टीनेशन, नथियानवागांव में मार्ग सुविधा केन्द्र, कोण्डागांव में एथनिक पर्यटक ग्राम,
जगदलपुर में एथनिक टूरिस्ट डेस्टीनेशन (लामनी पार्क-कैफैटेरिया पार्किंग), चित्रकोट में ईको एथनिक टूरिस्ट डेस्टीनेशन और तीरथगढ़ में ईको एथनिक टूरिस्ट डेस्टीनेशन (नेचर ट्रेल, सीढ़िया रेलिंग) के रूप में विकसित किया गया है. इसके लिए 94 करोड़ 23 लाख रुपए खर्च किया गया है.
दूसरे फेस के लिए इन इलाकों की पहचान
इससे अलावा फेस-2 में चिल्फी घाटी, अचानकमार, अमरकंटक घाटी और हसदेव बांगो डैम के सीमावर्ती क्षेत्र को ‘इको टूरिज्म सर्किट’ के रूप में विकसित किया जाएगा. इसको लेकर अधिकारियों ने बताया कि स्वदेश दर्शन योजना फेस-2 के अंतर्गत इको टूरिज्म सर्किट की कार्य योजना तैयार कर ली गई है. इसके लिए 81 करोड़ 26 लाख रुपए में सुविधाओं में विस्तार किया गया है.
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