Chhattisgarh assembly budget session: छत्तीसगढ़ विधानसभा बजट सत्र के पांचवें दिन विपक्ष ने जमकर हंगामा किया है. रेडी टू ईट के निर्माण और वितरण व्यव्स्था में बदलाव के निर्णय पर विपक्ष ने आपत्ति जताई है. बीजेपी ने सरकार पर 16 हजार से अधिक महिलाओं के काम छीनने का आरोप लगाया है. इस मामले पर महिला और बाल विकास विभाग के मंत्री अनिला भेड़िया ने सदन में जवाब दिया है.


रेडी टू ईट निर्माण और वितरण में बदलवा पर हंगामा


दरअसल छोटे बच्चों को कुपोषण से बाहर निकालने के लिए पूरक पोषण आहार व्यवस्था अंतर्गत रेडी टू ईट फूड निर्माण और वितरण का कार्य स्थानीय महिला स्व सहायता समूह के स्थान पर कृषि विकास एवं किसान कल्याण, जैव प्रौद्योगिकी विकास अंतर्गत छत्तीसगढ़ राज्य बीज एवं कृषि विकास निगम द्वारा स्थापित किए जाने के निर्देश दिए गए. यह व्यवस्था 1 अप्रैल 2022 से लागू की जाएगी. इस मामले में शुक्रवार को सदन में प्रश्नकाल के दौरान बीजेपी ने आक्रामक तेवर दिखाया और जमकर विरोध दर्ज कराया. 


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इतनी महिलाओं का काम छीनने का आरोप


बीजेपी नेताओं ने कहा कि व्यवस्था बदलने से 16 हजार से अधिक महिलाओं बेरोजगार हो जाएंगी. सरकार महिला स्व सहायता समूह का काम छीन रही है. नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक ने 16 हजार से अधिक महिलाएं रेडी टू ईट का काम करती है और उनके द्वारा लोन लिया गया है. सुप्रीम कोर्ट ने ये बात कहीं नहीं कहा है ये ठेका किसी एक ठेकदार को देना है. हरियाणा की एक कंपनी है 26-74 फीसदी की भागीदारी है.इसको बेचने का काम छत्तीसगढ़ सरकार कर रही है. इसको लेकर आसंदी से जांच की मांग की गई है.


मंत्री अनिला भेड़िया का सदन में जवाब


दूसरी तरफ महिला और बाल विकास विभाग की मंत्री अनिला भेड़िया ने सुप्रीम कोर्ट के दिशा-निर्देश का जिक्र करते हुए बताया कि इसमें रेडी टू ईट निर्माण का कार्य मानव रहित मशीनों के माध्यम से किया जाना है और इसका वितरण का कार्य महिला स्व सहायता समूह को दिया जाएगा. एग्रो फूड बीज निगम की हिस्सेदारी 26 फीसदी है और निजी कंपनी पीबीएस फूड प्राइवेट लिमिटेड की हिस्सेदारी 74 फीसदी है. इसमें जांच कराने की जरूरत नहीं है.


क्यों लिया मशीनों से निर्माण का फैसला?


गौरतलब है की छोटे बच्चों को कुपोषण मुक्त करने के लिए महिला स्व सहायता समूह द्वारा रेडी टू ईट निर्माण और वितरण किया जाता था. लेकिन लगातार क्वालिटी शिकायत मिलने पर सरकार ने मशीन से रेडी टू ईट निर्माण कराने का फैसला लिया है. इसको लेकर प्रदेश में जमकर बवाल मचा हुआ है.


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