Chhattisgarh Vegetable Price Hike: छत्तीसगढ़ के बस्तर में भी सब्जियों के दाम आसमान छू रहे हैं, जिले के सभी सब्जी मंडियों में अचानक हरी सब्जियों के कीमतों में उछाल आने से बस्तर वासियों के रसोई का बजट बिगड़ गया है, आलू- प्याज के दाम प्रति किलो 50 रुपये के पार पहुंच गए है, वहीं हरी सब्जियों में गोभी, भिंडी, शिमला मिर्च, कुंदरु, बरबट्टी, करेला के दाम भी प्रति किलो 70 से 80 रुपये के पार हो गए हैं, इसके अलावा टमाटर किलो भी 60 से 70 रुपये तक पहुंच गया है, पिछले कुछ दिनों से लगातार सब्जियों के दामो में वृद्धि होने से बस्तर वासियों को हरी सब्जी खरीदने में महंगाई की मार झेलनी पड़ रही है.



जगदलपुर शहर के  संजय बाजार के सब्जी विक्रेता संजय अधिकारी ने बताया कि मानसून लगने के बाद लगातार सब्जियों के दाम में वृद्धि हो रही है, बारिश से सब्जियां खराब होने के कारण बाजार में इसकी आवक कम हो रही है, और इसके दाम में काफी ज्यादा वृद्धि हो रही है, मंडी में भी सब्जी विक्रेता काफी ऊंचे दामों में सब्जी खरीद रहे हैं, यही वजह है कि सब्जी खरीदने पहुंच रहे लोग सब्जी की खरीददारी कम कर रहे हैं.


15 दिनों से काफी ज्यादा बढ़े हुए है सब्जी के दाम
गरीब और आम जनता महंगी सब्जी नहीं खरीद सकते इसलिए हरी सब्जियों की खरीददारी में काफी गिरावट आ रही है, वहीं सब्जी विक्रेता संजय अधिकारी ने बताया कि आने वाले दिनों में सब्जियों के दाम और भी बढ़ सकते हैं हालांकि इनके दाम कब तक घटेंगे इस पर कुछ नहीं कहा जा सकता फिलहाल आलू प्याज से लेकर टमाटर और सभी हरी सब्जी के दाम के रेट पिछले 15 दिनों से काफी ज्यादा बढ़े हुए है..


सब्जियों के महंगे दामों से रसोई का बजट गड़बड़ाया
इधर कुछ दिनों पहले प्रति किलो 40 में बिकने वाली फूलगोभी 80 से 100 प्रति किलो बिक रही है, वहीं 20 रुपये किलो में बिकने वाला टमाटर 60 से 70 किलो में बिक रहा है ,साथ ही भिंडी, बरबटी, करेला, लौकी, कुम्हड़ा, कुंदरु ,धनिया ,मिर्च ,प्याज, आलू , लाल भाजी ,पालक भाजी सहित अन्य सब्जियों की कीमतों में भी काफी ज्यादा वृद्धि हुई है, इधर सब्जी खरीदने बाजार पहुंच रहे लोगों का कहना है कि जिस तरह से लगातार सब्जियों के दाम में वृद्धि हो रही है उससे रसोई का बजट बिगड़ गया है.


जहां वे पहले आलू ,प्याज ,टमाटर की तीन से चार किलो की खरीददारी करते थे ,अभी इनके रेट दो से तीन गुने बढ़ जाने के कारण खरीददारी भी कम कर रहे हैं, वहीं गरीब और मध्यम वर्ग के परिवार भी सब्जियों के तेजी से बढ़ रहे दाम को देखते हुए दाल चावल से ही अपनी भूख मिटा रहे हैं, या फिर काफी कम मात्रा में हरी सब्जियां खरीद रहे हैं.


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