Chhattisgarh News: विश्व हिंदू परिषद (विहिप) ने बुधवार को मांग की कि छत्तीसगढ़ सरकार को राज्य में ‘अवैध धर्मांतरण’ के खिलाफ कड़ा कानून बनाना चाहिए और इस तरह की गतिविधियों को रोकने के लिए संवैधानिक रूपरेखा के दायरे में सभी प्रयास होने चाहिए. राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) से संबद्ध विहिप के यह मांग करने से दो दिन पहले छत्तीसगढ़ के नारायणपुर में धर्मांतरण की संदिग्ध घटना को लेकर आदिवासियों के एक समूह द्वारा प्रदर्शन के दौरान एक गिरजाघर में कथित रूप से तोड़फोड़ की गयी थी और आईपीएस अधिकारी समेत छह पुलिस कर्मियों पर हमला किया गया था तथा वे घायल हो गये थे.
विहिप महासचिव मिलिंद परांडे ने क्या कहा
विहिप महासचिव मिलिंद परांडे ने एक बयान में कहा कि इस घटनाक्रम ने राज्य में धर्मांतरण रोकने के लिए सख्त कानून की जरूरत को एक बार फिर रेखांकित किया है. उन्होंने मांग की कि छत्तीसगढ़ सरकार इस मामले में गंभीर और त्वरित कदम उठाए.उन्होंने आरोप लगाया कि यदि राज्य सरकार ने धर्मांतरण रोकने के लिए समय पर कदम उठाये होते तो आदिवासियों को प्रदर्शन के लिए सड़कों पर नहीं आना होता.
छत्तीसगढ़ की जनता के साथ खड़ा है विहिप- महासचिव मिलिंद परांडे
परांडे ने कहा, ‘‘छत्तीसगढ़ की जनता ने इस तरह की गतिविधियों को रोकने के लिए दृढ़संकल्प के साथ काम किया है और विश्व हिंदू परिषद उनके साथ खड़ा है.’’उन्होंने कहा, ‘‘हम यह भी मानते हैं कि अवैध धर्मांतरण को रोकने के लिए संविधान तथा कानून के दायरे में समस्त प्रयास किये जाने चाहिए.’’विहिप नेता ने छत्तीसगढ़ सरकार और स्थानीय प्रशासन से राज्य के आदिवासी समाज के साथ दृढ़ता से खड़े होने को कहा.
बता दें नक्सलवाद का गढ़ कहे जाने वाले छत्तीसगढ़ के नारायणपुर जिले में धर्मांतरण की आग तेजी से फैल रही है. जिले के 25 से 30 गांव के हजारों लोगों ने क्रिश्चियन धर्म को अपना लिया है.