(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
Chhattisgarh: बीजापुर के उफनती इंद्रावती नदी में बहा ग्रामीण, 40 घंटें बाद भी नहीं मिला सुराग, रेस्क्यू ऑपरेशन जारी
Bijapur: भैरमगढ़ तहसीलदार मोहन साहू ने बताया शख्श के रेस्क्यू के लिए नगर सेना और राजस्व की टीम जुटी हुई है. बारिश की वजह से इंद्रावती नदी उफान पर है, जिसके चलते रेस्क्यू में दिकक्त हो रही है.
Chhattisgarh News: छत्तीसगढ़ के बीजापुर (Bijapur) जिले में उफनती इंद्रावती नदी को डोंगी में पार करते समय डोंगी में सवार सात लोगों में से एक नदी में बह गया है और अब तक उसका कोई सुराग नहीं मिल पाया है. हालांकि, अन्य 6 लोगों ने नदी में तैरकर अपनी जान बचा ली. इधर लापता शख्स की खोजबीन के लिए लगातार नदी में नगर सेना की टीम रेस्क्यू ऑपरेशन चला रही है, लेकिन 40 घंटे बीतने के बाद भी अब तक शख्स का कोई सुराग नहीं मिल पाया है. बताया जा रहा है कि नदी का बहाव काफी तेज है, ऐसे में रेस्क्यू टीम को काफी दिक्कतों का भी सामना करना पड़ रहा है.
40 घंटों से रेस्क्यू ऑपरेशन जारी
बता दें कि, यह मामला बीजापुर जिले के नीलकोंडा घाट का है. भैरमगढ़ ब्लॉक के पल्लेवाया गांव के रहने वाले मंगलू पोडियामी तुमनार बाजार जाने के लिए शनिवार की सुबह घर से निकले थे. वहीं मंगलू के साथ 6 अन्य लोग भी डोंगी से इंद्रावती नदी के नीलकोंडा घाट को पार कर रहे थे. इसी बीच शनिवार दोपहर 12 बजे के करीब नदी के बहाव से डोंगी अनियंत्रित होकर पलट गई. डोंगी के पलटने से उसमें सवार सातों लोगों में से 6 लोगों ने तैरकर अपनी जान बचा ली, लेकिन मंगलू नदी के तेज बहाव में बह गया. इसके बाद ग्रामीणों ने इसकी जानकारी पुलिस को दी, जिसके बाद मौके पर नगर सेना और प्रशासन की टीम पहुंची. घटना के बाद से लगातार शख्स को नदी में ढूंढने का प्रयास किया जा रहा है. वहीं 40 घंटे बीत जाने के बाद भी अबतक शख्स का कोई सुराग नहीं लग पाया है.
बीते साल भी नदी में बहने से दो लोगों की हुई थी मौत
वहीं भैरमगढ़ तहसीलदार मोहन साहू ने बताया कि ग्रामीण मंगलु के रेस्क्यू के लिए नगर सेना और राजस्व की टीम शनिवार से जुटी हुई है. बारिश की वजह से इंद्रावती नदी उफान पर है, जिसके चलते ग्रामीण मंगलू को ढूंढने में काफी मशक्कत करनी पड़ रही है. गौरतलब है कि भारी बारिश की वजह से सबसे ज्यादा बस्तर संभाग का बीजापुर जिला प्रभावित होता है. यहां भारी बारिश की वजह से इंद्रावती नदी उफान में होने के चलते कई गांव टापू में तब्दील हो गए हैं. वहीं अंदरूनी इलाकों के ग्रामीण नदी पर पुल न होने के कार उफनती नदी को जान जोखिम में डालकर पार कर रहे हैं. बीते साल भी नदी के तेज बहाव में बहने से दो ग्रामीणों की मौत हो गई थी. वहीं शनिवार को हुए हादसे के बाद नदी में बहे ग्रामीण का अब तक कोई सुराग नहीं लग पाया है. फिलहाल, नगर सेना की टीम मोटर बोट के माध्यम से लगातार नदी में लापता ग्रामीण को ढूंढने का प्रयास कर रही है.