Chhattisgarh Election 2023: मतदान केन्द्रों की शिफ्टिंग के विरोध में ग्रामीणों ने किया धरना प्रदर्शन, 6 पोलिंग बूथ को शिफ्ट करने का लगाया आरोप
Chhattisgarh Assembly Election 2023: सुकमा जिले के गुफड़ी, मानकापाल, गोंडेरास और गोंदपल्ली ग्राम पंचायत के सैकड़ों आदिवासी ग्रामीणों ने मतदान केन्द्रों की शिफ्टिंग के विरोध में धरना प्रदर्शन किया.
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Sukma News: छत्तीसगढ़ के बस्तर के नक्सल प्रभावित इलाकों में आपने चुनाव बहिष्कार की खबरें अक्सर सुनी होंगी, लेकिन लोकतंत्र का हिस्सा बनने के लिए आदिवासियों का धरना प्रदर्शन नहीं सुना होगा. दरअसल सुकमा जिले के गुफड़ी, मानकापाल, गोंडेरास, मारोकी और गोंदपल्ली ग्राम पंचायत के सैकड़ों आदिवासी ग्रामीणों ने मतदान केन्द्रों की शिफ्टिंग के विरोध में धरना प्रदर्शन किया और मुख्य निर्वाचन अधिकारी के नाम सुकमा तहसीलदार को ज्ञापन सौंपा. ग्रामीणों की मांग है कि पोलिंग बूथ को गांव में यथावत रखा जाए. शिफ्टिंग से मतदाताओं को बड़ी परेशानी होगी और मतदान केंद्र तक पहुंचने के लिए मतदाताओं को नदी नाले पहाड़ पारकर 10 से 15 कि.मी लंबा सफर तय करना होगा.
गांव से 10 से 15 किलोमीटर दूर केंद्रों को किया गया है शिफ्ट
दरअसल, सुकमा जिला प्रशासन ने मारोकी, गुफड़ी, गोंदपल्ली, गोंडेरास, डब्बा और पाण्डूपारा के मतदान केंद्रों को अतिसंवेदनशील बताते हुए शिफ्ट कर दिया है. उक्त सभी मतदान केंद्रों में करीब 5 हजार से ज्यादा मतदाता हैं. ग्रामीणों का कहना है कि लोकतंत्र के इस महापर्व में आदिवासी बढ़ चढ़कर हिस्सा लेना चाहते हैं, लेकिन जिला और स्थानीय पुलिस प्रशासन द्वारा नक्सलियों का डर दिखाकर वोट देने से वंचित किया जा रहा है. जबकि उक्त सभी पंचायतों में नक्सलियों का प्रभाव कम हुआ है और आसपास पुलिस कैंप भी खोले गए हैं. गांव के मतदाता अपने गांव में ही वोटिंग के लिए बहुत उत्सुक हैं. ग्रामीणों ने बताया कि शिफ्टिंग मतदान केंद्र तक पहुंचने के लिए मतदाताओं को नदी-नाले और पहाड़ को पार कर पहुंचना पड़ेगा. युवा मतदाता किसी तरह इन मतदान केन्द्रों तक पहुंच जाएंगे लेकिन बुजुर्ग और महिलाओं को भारी परेशानी होगी. सभी 6 मतदान केंद्रों को 10 से 15 किमी दूर शिफ्ट किया गया है. जबकि अधिकांश मतदान केन्द्रों के करीब पुलिस कैंप स्थापित किए गए हैं. ग्रामीणों ने यह भी आरोप लगाया है कि कोंटा विधानसभा के दावेदार और वर्तमान मंत्री कवासी लखमा को चुनाव में लाभ पहुंचाने के लिए मतदान केन्द्रों को जानबूझकर शिफ्ट किया गया है.
2018 के चुनाव में यथावत थे पोलिंग बूथ
वही मतदान केंद्रों के शिफ्टिंग का विरोध कर रहे स्थानीय ग्रामीणों ने प्रशासन के निर्णय पर सवाल उठाते हुए बताया कि 2018 के विधानसभा चुनाव में ये पोलिंग बूथ यथावत थे. ग्रामीणों ने गांव में ही मतदान किया था, लेकिन पांच साल में सरकार और प्रशासन, नक्सलियों को बैकफुट में धकेलने और अंतिम व्यक्ति तक विकास पहुंचाने का दावा कर रही है और वहीं दूसरी तरफ इस साल होने वाले विधानसभा चुनाव में नक्सलियों का भय बताकर इन केंद्रों को शिफ्ट कर दिया गया है. जबकि पोलिंग बूथ के करीब दो से तीन नए पुलिस कैंप भी खोले गए हैं.
नक्सली भय की वजह से किया गया है शिफ्ट
इस मामले में सुकमा कलेक्टर एस.हरीश का कहना है कि सुरक्षा के लिहाज से इस क्षेत्र के 6 मतदान केंद्रों को शिफ्ट किया गया है. पुलिस प्रशासन ने चुनाव में किसी तरह की अनहोनी ना हो इसके लिए मतदान केंद्रों को शिफ्ट करने का निर्णय लिया है. ग्रामीणों को शिफ्ट किए गए मतदान केंद्रों तक पहुंचने में परेशानी ना हो इसके लिए कोई हल निकाला जा रहा है.
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