छत्तीसगढ़ के बस्तर में नक्सलवाद के खात्मे के लिये बस्तर में नक्सल मोर्चे पर तैनात अर्द्धसैनिक बलों और केंद्र राज्य सरकार के पुलिस अधिकारियों द्वारा समय-समय पर रणनीति में बदलाव किया जाता रहा है, लेकिन कुछ सालों से घोर नक्सल प्रभावित इलाकों में रहने वाले ग्रामीणों ने आरोप लगाया है कि फोर्स जमीन की लड़ाई के साथ साथ अब इस इलाके में हवाई बमबारी कर ग्रामीणों को नुकसान पहुंचाने का काम कर रही है. ग्रामीणों ने कहा कि  बीते कुछ सालों में हुए हवाई हमले के प्रमाण पेश किए गए हैं. बावजूद इसके फोर्स द्वारा हेलीकॉप्टर से फायरिंग और ड्रोन से बमबारी लगातार जारी है.


नक्सलियों के खात्मे की तैयारी अंतिम चरण में होने का किया था दावा


दरअसल बीजापुर और सुकमा जिले के बॉर्डर पर मौजूद जंगलों से एक बार फिर हवाई बमबारी का आरोप नक्सलियों ने और स्थानीय ग्रामीणों ने लगाया है. नक्सली संगठन के दक्षिण बस्तर सब जोनल ब्यूरो की प्रवक्ता समता ने प्रेस नोट जारी कर हवाई बमबारी की जानकारी दी और केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह के सुकमा दौरे को इस हमले के लिये जिम्मेदार ठहराया.


अमित शाह ने बस्तर दौरे के दौरान नक्सलियों के खात्मे की तैयारी अंतिम चरण में होने का दावा किया था. इस बयान के बाद से लगातार बस्तर के अंदरूनी इलाकों में ड्रोन से हमले किये जा रहे हैं. सुकमा और बीजापुर जिले के सरहद पर नक्सलियों के बाद ग्रामीणों ने भी हवाई बमबारी करने का आरोप लगाया है और साक्ष्य के तौर पर ग्रामीणों ने बम के अवशेष को दिखाते हुए विरोध जताया है.


4 महीने के भीतर दो बार ड्रोन से बमबारी


ग्रामीणों ने बताया कि 2021 से अब तक दक्षिण बस्तर के जंगलों में 4 बार हवाई बमबारी की गई है. इस साल 4 महीने के भीतर दो बार ड्रोन से बमबारी की गई है, ऐसे में आदिवासी किसान भयभीत हैं, बमबारी के दौरान कुछ ग्रामीण खेतों और कुछ महुआ बीनने का  काम कर रहे थे.


ड्रोन से बमबारी के बाद हेलीकॉप्टर से भी फायरिंग की गई, ग्रामीण हवाई हमले से बचने अपने घर की तरफ भागने लगे. इस दौरान गिरने से कई लोग घायल हो गये हैं, जिसमें महिलाएं भी शामिल हैं. ग्रामीणों का कहना है कि उनका जीवन यापन खेती बाड़ी और वनोपज पर निर्भर है, इसके लिए उन्हें जंगल में हर रोज जाना पड़ता है. बमबारी के दौरान मौके पर भगदड़ मच गया, जिसमें कई ग्रामीण घायल हो गये हैं.


मंत्री कवासी लखमा ने कहा- गलत है हवाई बमबारी


इधर पहले ही बस्तर के आईजी सुंदरराज पी ने इस इलाके में किसी तरह की ड्रोन से बमबारी और हवाई हमले की बात से साफ इनकार किया है और गांव में जो ड्रोन के अवशेष मिले हैं उसे जल्द ही जब्त कर जांच करने की बात कह रहे हैं, इधर इस मामले में इस विधानसभा क्षेत्र के विधायक और प्रदेश के आबकारी मंत्री कवासी लखमा का बयान सामने आया है. मंत्री ने कहा कि छत्तीसगढ़ सरकार को ड्रोन से हमले करने की कोई जानकारी नहीं मिली है और अगर ऐसा हो रहा है तो यह गलत है और इस तरह उनके क्ष्रेत्र में गलत होने नहीं दिया जाएगा.


ग्रामीणों ने बमबारी के विरोध में धरना देकर जताया विरोध


जब्बागट्टा गांव में रहने वाले कलमू जोगा ने बताया कि जब ड्रोन से बम गिराया गया उस वक्त वह महुआ बीन रहा था, जैसी ही बमबारी हुई वह घर की तरफ भागने की कोशिश कर रहा था,भीषण बमबारी और फायरिंग के बीच वह अपने आप को बचाने की कोशिश में गिरकर घायल हो गया जिससे उसके सिर और कान में चोट आई है. ग्रामीणों का आरोप है कि शुक्रवार सुबह जिले के जब्बागट्टा, मीनागट्टा, कवरगट्टा, भट्टिगुड़ा गांव के मोरकोमेट्टा पहाड़ी में ड्रोन से हमला किया गया.


ग्रामीणों के अनुसार सुबह 6 बजकर 05 बजे पहली बमबारी की गई, फिर 5-5 मिनट के अंतराल में लगातार ड्रोन से बम गिराए गए. इसके बाद 3 हेलीकॉप्टर मौके पर पहुंचे और ताबड़तोड़ गोलीबारी की.  


ग्रामीणों का कहना है कि बीतें 3 सालों में 4 बार ड्रोन से अटैक किया गया है और ये हमले लगातार जारी हैं, इस तरह के हमले से सभी ग्रामीण डरे हुए हैं. ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि हमारे ही देश में सरकार हमारे ऊपर ड्रोन से बराबरी कर रही है, जिसके विरोध में चारों गांव के सैकड़ों ग्रामीण इकट्ठा होकर और पुलिस के खिलाफ नारेबाजी कर इस बमबारी का विरोध जता रहे हैं. ग्रामीणों के पास ड्रोन से किए गए बमबारी के सबूत के तौर पर अवशेष भी मौजूद हैं.


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