Chhattisgarh violence News: छत्तीसगढ़ में बेमेतरा जिले के बीरनपुर गांव में हुई सांप्रदायिक हिंसा के खिलाफ दक्षिणपंथी संगठनों के राज्यव्यापी बंद के आह्वान पर सोमवार को राज्य के अधिकतर शहरों में ज्यादातर दुकानें और व्यावसायिक प्रतिष्ठान बंद रहे. अधिकारियों के मुताबिक, रायपुर और बेमेतरा में आगजनी की दो घटनाओं को छोड़कर पूरे राज्य में बंद शांतिपूर्ण रहा.


उन्होंने बताया कि बीरनपुर के बाहरी इलाकों में भीड़ ने खाली घर में आगजनी की, जबकि कुछ प्रदर्शनकारियों ने रायपुर स्थित एक बसस्टैंड पर यात्री बस पर पत्थरबाजी की, जिससे वाहन के शीशे टूट गए.


पुलिस ने जगह-जगह अवरोधक लगाए 
छत्तीसगढ़ प्रदेश बीजेपी अध्यक्ष अरुण साव और बड़ी संख्या में पार्टी नेताओं व कार्यकर्ताओं को पुलिस ने बेमेतरा जिले के साजा इलाके में स्थित पिपरिया चौक पर उस समय रोक दिया, जब वे हिंसा ग्रस्त बीरनपुर गांव में जाने की कोशिश रहे थे.


अधिकारियों ने बताया कि पुलिस ने जगह-जगह अवरोधक लगाए थे और बीजेपी कार्यकर्ताओं को रोकने के लिए हिंसाग्रस्त गांव को जाने वाले रास्तों पर रणनीति के तहत बस और ट्रक खड़े किए थे तथा साव सहित कई बीजेपी नेताओं और कार्यकर्ताओं को हिरासत में लिया गया.


विश्व हिंदू परिषद् (विहिप) और बजरंग दल समेत हिंदू संगठनों के कार्यकर्ताओं ने भगवा ध्वज लेकर रायपुर, बेमेतरा, राजनांदगांव, बिलासपुर, दुर्ग, जगदलपुर, कोरिया समेत कई जगहों पर पैदल और मोटरसाइकिल से मार्च निकाला और व्यवसायियों से अपने प्रतिष्ठान बंद रखने की अपील की.


कई स्थानों पर सार्वजनिक परिवहन नहीं चले
बीजेपी कार्यकर्ताओं को भी सड़क पर लोगों से बंद के समर्थन में अपने-अपने प्रतिष्ठानों को बंद करने की अपील करते हुए देखा गया. अधिकारियों ने बताया कि बंद में आवश्यक सेवाएं और शिक्षण संस्थान प्रभावित नहीं हुए. कई स्थानों पर सार्वजनिक परिवहन नहीं चले.


उन्होंने बताया कि प्रदर्शनकारियों ने राज्य के विभिन्न स्थानों पर बंद के तहत कुछ समय के लिए सड़कों को बाधित किया, जिससे यातायात जाम की स्थिति उत्पन्न हुई. हालांकि, शाम को विभिन्न शहरों में दुकानें खुल गईं.


बीरनपुर गांव के बाहरी इलाके में स्थित घर के जलने का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ है.


वीडियो में पुलिस महानिरीक्षक (दुर्ग रेंज) आनंद छाबड़ा और अन्य पुलिसकर्मी आग को बुझाने की कोशिश करते नजर आ रहे हैं. अधिकारियों ने बताया कि आग में किसी के झुलसने की खबर नहीं है.


साव  कहा, ‘‘जिस तरह से बीरनपुर में निर्दोष युवक की भीड़ ने नृशंस तरीके से हत्या की, वह निंदनीय है. भूपेश बघेल नीत कांग्रेस सरकार छत्तीसगढ़ को तालिबान की तरह बनाना चाहती है, लेकिन छत्तीसगढ़ के बेटे और बेटियां यह किसी भी कीमत पर नहीं होने देंगे.’’


उन्होंने कहा, ‘‘हम मृतक भुवनेश्वर साहू को न्याय मिलने तक लड़ाई जारी रखेंगे. हम उसके परिवार के साथ हैं.’’ साव ने बीजेपी कार्यकर्ताओं को गांव जाने से रोकने के लिए की गई पुलिस कार्रवाई की निंदा की. उन्होंने आरोप लगाया कि पुलिस भीड़ द्वारा साहू की हत्या के मामले की ठीक ढंग से जांच नहीं कर रही है और अब तक केवल 11 लोगों को गिरफ्तार किया गया है.


पत्रकार को पत्थरबाजी के दौरान सिर में चोट लगी
इस बीच, रायपुर के साजा इलाके में स्थित पिपरिया चौक पर विरोध प्रदर्शन को कवर करने गए एक पत्रकार को पत्थरबाजी के दौरान सिर में चोट लगी है और उसे अस्पताल में भर्ती कराया गया है.


बेमेतरा कस्बे से लगभग 60 किलोमीटर दूर स्थित इस गांव में कथित तौर पर स्कूली बच्चों के बीच झगड़े के बाद हिंसा भड़क उठी थी. इस घटना में आठ अप्रैल को भुवनेश्वर साहू (23)की मौत हो गई थी और तीन पुलिसकर्मी घायल हो गए थे.


स्थानीय प्रशासन ने इलाके में धारा 144 लगा दी है और कानून व्यवस्था की स्थिति बनाए रखने के लिए करीब सात सौ पुलिसकर्मियों को गांव और उसके आसपास तैनात किया गया है. हिंसा में मारे गये भुवनेश्वर साहू (23) का रविवार को कड़ी सुरक्षा के बीच अंतिम संस्कार किया गया.


छत्तीसगढ़ प्रदेश कांग्रेस में संचार इकाई के प्रमुख सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि बीजेपी और राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ (आरएसएस) इस मु्द्दे का राजनीतिकरण नहीं करे और सांप्रदायिक रंग नहीं दे. उन्होंने कहा कि पुलिस मामले में जरूरी कार्रवाई कर रही है.