Narayanpur News: छत्तीसगढ़ के बस्तर में पिछले कुछ दिनों से लगातार आदिवासियों का आंदोलन उग्र होता जा रहा है, हाल ही में सुकमा कलक्ट्रेट का घेराव करने के दौरान आदिवासियों ने शक्ति प्रदर्शन करते हुए कलेक्ट्रेट का मुख्य गेट तोड़ते हुए अंदर प्रवेश कर कलेक्टर के खिलाफ जमकर नारेबाजी की थी. इस दौरान सैकड़ों की संख्या में ग्रामीण मौजूद थे, इसके बाद दंतेवाड़ा जिले के कटेकल्याण ब्लॉक में तहसील कार्यालय का घेराव करने के बाद शुक्रवार को नारायणपुर जिले में भी ग्रामीणों ने रावघाट खदान को बंद करने की मांग को लेकर उग्र आंदोलन किया.
इस दौरान यहां भी ग्रामीणों की भीड़ कलेक्ट्रेट के मुख्य गेट को तोड़कर अंदर घुसने की कोशिश की और इस दौरान मौके पर तैनात पुलिस बलों के साथ ग्रामीणों की जमकर झूमा झटकी हुई और इस झड़प में कई पुलिसकर्मी घायल हो गए साथ ही ग्रामीणों को भी चोट आई. दरअसल जिले के रावघाट खदान क्षेत्र के ग्रामीणों के द्वारा लंबे समय से इस खदान को बंद करने की मांग की जा रही है.
इसी मांग को लेकर रावघाट संघर्ष समिति के द्वारा जिला प्रशासन को 12 सूत्रीय मांग को लेकर ज्ञापन सौंपा जाना था. जिला प्रशासन को ज्ञापन सौंपने के लिए रावघाट संघर्ष समिति के साथ बड़ी संख्या में ग्रामीणों की भीड़ भी कलक्ट्रेट पहुंची थी. जिसे रोकने के लिए पुलिस के द्वारा अलग अलग जगहो पर बेरिकेट्स लगाए गए थे, ग्रामीणों की भीड़ जब कलेक्टर कार्यालय के परिसर में घुसने लगी तो इस दौरान पुलिस के साथ उनकी झड़प हुई.
पुलिस पर लाठी चार्ज का आरोप
रावघाट संघर्ष समिति के सदस्य सोमनाथ ने बताया कि ग्रामीण लंबे समय से रावघाट खदान को बंद करने की मांग कर रहे हैं, और इस खदान को बंद कराने के पीछे खदान को बिना ग्रामसभा के अनुमति लिए बगैर चलाना बताया जा रहा है, यही नही रावघाट की पहाड़ियों से ग्रामीणों की आस्था जुड़ी होने की बात कहते हुए इस जगह को देवस्थल बताया है. साथ ही किसी भी कीमत पर इस क्षेत्र में उत्खनन नहीं होने देने की बात कही है.
इसके अलावा अन्य 11 सूत्रीय मांगों को लेकर ज्ञापन सौपने की बात कही है, वहीं संघर्ष समिति से जुड़े एक युवा ने कहा कि शुक्रवार को ज्ञापन देने की जानकारी पहले से जिला प्रशासन को दे दी गई थी ,बावजूद इसके ग्रामीणों पर पुलिस ने लाठीचार्ज किया जो सरासर गलत है, रावघाट उत्खनन का ग्रामीणों द्वारा शुरू से विरोध किया जा रहा है लेकिन आज तक प्रभावित क्षेत्र के ग्रामीणों से किसी भी प्रशासनिक अधिकारी ने मुलाकात करना जरूरी नहीं समझा, उन्होंने कहा कि उनकी मांगे नहीं मानी गई तो आगे ग्रामीण उग्र आंदोलन करेंगे.
शांतिपूर्ण ढंग से रोका गया
वहीं ग्रामीणों पर हुए लाठीचार्ज के आरोप में नारायणपुर के एडिशनल एसपी नीरज चंद्राकर ने कहा कि ग्रामीणों को रोकने के लिए बल की तैनाती की गई थी और उन्हें शांतिपूर्ण ढंग से रोका गया, ग्रामीणों के द्वारा जो लाठीचार्ज का आरोप लगाया जा रहा है वह गलत और भीड़ अधिक होने की वजह से ग्रामीण बेरिकेट्स तोड़ने की कोशिश में घायल हुए हैं, वहीं इस पूरे मामले में नारायणपुर एसडीएम जितेंद्र कुर्रे ने कहा की ग्रामीणों के द्वारा 12 सूत्रीय मांग को लेकर ज्ञापन मिला है, जिसे शासन और मुख्यमंत्री के संज्ञान में लाकर उचित निर्देश पर आगे कार्यवाही की जायेगी.
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