Chhattisgarh News: छत्तीसगढ़ स्वामी विवेकानंद यूनिवर्सिटी में एक ऐसा ड्रोन इजात किया गया है जोकि एक ही उड़ान में 1000 हेक्टेयर जमीन का कुछ ही मिनटों में डिजिटल मैप तैयार कर देगा. चाहे वह जंगल हो या पहाड़ हो या फिर ग्रामीण क्षेत्र हो या शहरी क्षेत्र, यह ड्रोन चंद मिनटों में उस इलाके का डिजिटल मैप तैयार कर देगा.
1 सेकेंड में 5 से अधिक डिजिटल फ़ोटो खींचता है ड्रोन
जानकारी के अनुसार इस ड्रोन की खासियत है कि यह एक सेकंड में ही 3 से 4 या उससे अधिक फोटो खींच सकता है, वह भी 3D इमेज में. इस ड्रोन की मदद से छत्तीसगढ़ का डिजिटल मैप तैयार किया जाएगा. हालांकि मुख्यमंत्री के उद्घाटन के बाद सुचारू रूप से इस ड्रोन को प्रदेश के विकासकार्यों में उपयोग किया जाएगा.
छत्तीसगढ़ स्वामी विवेकानंद यूनिवर्सिटी के पास देश का पहला डिजिटल मैपिंग ड्रोन
इस ड्रोन के माध्यम रोड, पानी टंकी से लेकर जमीन की 5 सेंटीमीटर की चीज भी मैप में दिखाई देगी. विश्वविद्यालय के कुलपति एम के वर्मा ने बताया के यह मानव रहित विमान करीब ढाई करोड़ की लागत का है, जिसे सर्वेक्षण में उपयोग करने के लिए खरीदा गया है और इसका उपयोग सरकार के बड़े प्रोजेक्ट के सर्वे के लिए उपयोग किया जा रहा है. यह मानव रहित विमान देश का पहला विमान जो सिर्फ से सीएसवीटीयू के पास है. इसके अलावा देश के किसी भी तकनीकी विश्वविद्यालय के पास नहीं हैं.
छत्तीसगढ़ के विकास कार्यो में इस ड्रोन से मिलेगा लाभ
किसी भी कार्य की सफलता का नींव उसके शुध्द परिमाण सहित बनाए गए ड्रॉइग डिजाइन पर निर्भर करता है. इसी कड़ी में विश्वविद्यालय के पास उपलब्ध तकनीकी संसाधनों का शासन के सिंचाई विभाग, लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग, वन विभाग, खनिज संसाधन विकास विभाग, पर्यटन विभाग, राजस्व विभाग, राजमार्ग विभाग, लोकनिर्माण विभाग, कृषि विभाग, ऊर्जा विभाग, हाउसिंग बोर्ड आदि से संबंधित सभी प्रकार के जनकल्याणकारी परियोजनाओं के सफल क्रियान्वयन के लिए उपयोग किया गया है. कम समय व कम लागत में सभी परियोजनाओं के शुद्ध परिमाण सहित सर्वेक्षण ड्राइंग व डिजाइन के कार्य किए जा सकते हैं.
अब तक इस ड्रोन से किया गया काम
इस ड्रोन की मदद से अब तक बिलासपुर जिले में छत्तीसगढ़ की पहली भूमिगत पाइप सिंचाई सुविधा का सर्वे इसी मानव रहित विमान से किया गया है. इसी के साथ ही पाटन ब्लॉक में बरवा रेस्टॉरेशन योजना का डिजाइन बनाया गया है. धमतरी और बालोद जिले में जल जीवन मिशन के तहत गांवों में पेयजल वितरण का कार्य भी किया जा रहा है. विश्वविद्यालय कन्सलटेंसी के तहत कन्सलटेंसी से निरंतर विश्वविद्यालय को आय हो रही है.
यह भी पढ़ें-
जगदलपुर: पीएम आवास योजना के नाम पर लाखों की धोखाधड़ी, बीजेपी ने FIR दर्ज करने की मांग की