Ambikapur News: छत्तीसगढ़ के सरगुजा संभाग के हाथी प्रभावित क्षेत्रों में मतदान के दौरान सुरक्षा चुनौती बनेगी. हालांकि वन विभाग का कहना है कि हाथी रात के समय बस्तियों की ओर रुख करते हैं इसलिए दिन के समय मतदान होने पर किसी भी तरह के खतरे की संभावना नहीं होगी. इसके बावजूद ग्रामीणों को लगातार सतर्क किया जा रहा है और हाथियों की निगरानी की जा रही है. मौजूदा समय में 13 सदस्यीय हाथियों का दल सरगुजा जिले के मैनपाट और बोरो रेंज की सरहद पर लंबे समय से डंटा हुआ है. जिसके द्वारा दोनों ओर फसलों को नुकसान पहुंचाया जा रहा है. मैनपाट के ग्राम डांडकेसरा, सरभंजा, केसरा, पुरंगा, कंडराजा, बरडांड, बावपहाड़ क्षेत्र को हाथी प्रभावित माना जाता है. इन गांवों में पिछले 6-7 महिने में जंगली हाथियों के द्वारा कई बार फसलों को नुकसान पहुंचाते हुए उत्पात मचाया गया.


वहीं हाथियों का दूसरा दल प्रेमनगर और उदयपुर सीमा के आसपास विचरण कर रहा है. बोरो रेंज की ओर विचरण कर रहे हाथी कभी मैनपाट तो कभी लखनपुर की ओर पहुंच रहे है. वहीं प्रेमनगर के सरहदी क्षेत्र में विचरण कर रहे दूसरे दल उदयपुर क्षेत्र में भी उत्पात मचा रहा है. वर्तमान समय में उदयपुर क्षेत्र में हाथी नहीं है, मगर इनके प्रेमनगर क्षेत्र से पुनः प्रवेश करने की संभावना से भी इंकार नहीं किया जा सकता. सरगुजा के इन हाथी प्रभावित इलाकों में हाथियों के भय के कारण ग्रामीणों की दिनचर्या बदल रही है. हाथी जिस ओर विचरण करते है उस ओर से लगे बस्तियों में शाम होने से पहले ग्रामीण भोजन कर सुरक्षा के लिए घर छोड़ परिवार के सदस्यों के साथ रतजगा करते है. हाथियों का दल रात में उत्पात मचाने के बाद भोर होने से पहले वापस जंगल की ओर लौट जाता है. इसके बाद ग्रामीण पुनः बस्ती में पहुंचते है और उनकी दैनिक दिनचर्या शुरू होती है.


बस्ती से तीन से चार किमी की दूरी में है हाथी


मैनपाट रेंजर फेंकु चौबे ने बताया कि वर्तमान समय में हाथियों का दल मैनपाट और रायगढ़ सरहद पर बोरो रेंज के जंगल में डटा हुआ है. हाथी जिस ओर विचरण कर रहे हैं उस क्षेत्र से मैनपाट के सरहदी गांवों की दूरी लगभग तीन से चार किमी की है. उन्होंने बताया कि हाथी रात के समय ही बस्तियों की ओर रुख करते है. जिससे दिन के समय खतरा काफी कम होता है और मतदान पर हाथियों का प्रभाव पड़ने की संभावना कम है.


निगरानी के साथ कर रहे लोगों को सतर्क


वन विभाग के अधिकारियों का कहना है कि जंगली हाथियों की मैदानी अमले के द्वारा लगातार निगरानी की जा रही है और ग्रामीणों को हाथियों से दूर रहने की सलाह दी जा रही है. उन्होंने बताया कि जैसे मतदान की तिथि नजदीक आ रही है. वैसे-वैसे मैदानी अमले को और अलर्ट किया जा रहा है. हाथी मित्र दल के साथ जागरूक ग्रामीणों का भी सहयोग लिया जा रहा है. रात के समय अलाव जलाकर ग्रामीण रतजगा करते है वहीं वन विभाग का अमला हाथियों की निगरानी में जुटा हुआ है.


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