Chhattisgarh Heatwave: छत्तीसगढ़ में लू और हीट स्ट्रोक का खतरा! सीएम भूपेश बघेल ने जरूरी कदम उठाने के निर्देश
Chhattisgarh Heat Stroke: छत्तीसगढ़ में अप्रैल में ही तापमान 44 डिग्री सेल्सियस पहुंच गया है. कामकाजी लोगों को लू लगने का खतरा पैदा हो गया है. इसे देखते हुए सीएम भूपेश बघेल ने निर्देश जारी किए हैं.
Raipur : छत्तीसगढ़ में भीषण गर्मी को लेकर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने राज्य के सभी कलेक्टरों को लू और हीट स्ट्रोक से बचाव के लिए आवश्यक कदम उठाने के निर्देश दिए हैं. इसके अलावा मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने प्रदेशवासियों को भी लोगों को गर्मी और लू से बचने की अपील की है. श्रम एवं रोजगार कार्यालय में दोपहर 12 बजे से 3 बजे तक बाहरी काम और लू से बचने के लिए कार्यकालीन समय में बदलाव करने के लिए कहा है.
छत्तीसगढ़ के कई शहरों में टेंपरेचर 40 के पार
दरअसल, छत्तीसगढ़ के कई बड़े शहरों में तापमान 44 डिग्री सेल्सियस से पार हो चुका है. इसलिए प्रदेश में लू लगने की संभावना बढ़ गई है. ऐसे में आम लोगों की परेशानियों को देखते हुए मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने प्रशासनिक स्तर पर सभी आवश्यक इंतजाम सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं. उन्होंने गर्मी और लू से बचाव के लिए राजस्व एवं आपदा प्रबंधन विभाग को निर्देश दिए हैं. इसके बाद सभी कलेक्टरों को गर्मी महीने में लू से बचाव के लिए पत्र लिखा गया है.
हीट स्ट्रोक से बचाव के लिए नोडल अधिकारी की होगी नियुक्ति
विभाग की पत्र में सभी कलेक्टरों को गर्मी को देखते हुए लू से बचाव के संबंध में जिला, तहसील और ग्राम पंचायत स्तर पर शिक्षकों, स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं, पंचायत सचिवों और कोटवारों के माध्यम से जन समुदाय को जागरूक करने को कहा गया है. हीट स्ट्रोक से बचाव की तैयारी के लिए जिला स्तर पर नोडल अधिकारी भी नियुक्त करने की बात कही गई है. इसके साथ ही सभी प्रमुख विभागों को आवश्यक तैयारियां सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए हैं.
कार्यकालीन समय में समय बदलाव के निर्देश
पत्र में नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग को गर्मी के मौसम में पेयजल आपूर्ति करने के साथ ही एनजीओ, लायंस क्लब, रोटरी क्लबों द्वारा पीने के पानी की व्यवस्था में आवश्यक सहयोग लेने और शहरी क्षेत्रों में ग्रीन एरिया को बढ़ाने के लिए प्रयास करने कहा गया है. स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा विभाग को सभी अस्पतालों में लू से बचाने के साथ ही लू से पीड़ित लोगों के इलाज के निर्देश दिए गए हैं. श्रम एवं रोजगार विभाग को गर्मी के समय (दोपहर 12ः00 बजे से 3ः00 बजे तक) बाहरी काम और लू से बचने के लिए कार्यकालीन समय में आवश्यकता अनुसार परिवर्तन करने कहा गया है.
बस स्टैंड में चिकित्सा की सुविधा उपलब्ध कराने के निर्देश
पशु चिकित्सा विभाग को पशुओं को लू से बचाने के लिए अवश्यक दवाईयों के साथ ही चारे पानी का इंतजाम रखने के निर्देश दिए हैं. परिवहन विभाग को जिलों के मुख्य बस स्टैण्ड/टर्मिनल पर प्राथमिक चिकित्सा की सुविधा की उपलब्धता सुनिश्चित करने को कहा गया है. शिक्षा विभाग को गर्मी के समय में शिक्षण संस्थानों के समय में आवश्यक परिवर्तन और शालाओं में शीतल पेयजल/ओआरएस की व्यवस्था सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए हैं. इसके साथ ही पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग को मनरेगा में काम करने के लिए कार्य स्थलों पर पीने का पानी और छाया की व्यवस्था करने को कहा गया है.
जंगलों में आग लगने पर निगरानी रखने के निर्देश
वन विभाग को जंगल की आग से बचने के लिए वन क्षेत्र में निरंतर निगरानी रखने और वन क्षेत्रों के जंगली जानवरों और पक्षियों के लिए पेयजल की व्यवस्था करने को कहा गया है. जल संसाधन विभाग को गर्मी को देखते हुए ट्यूबवेलों की मरम्मत और राज्य में किसी भी स्थान पर जल संकट होने की स्थिति में तुरंत कार्रवाई के लिए जरूरी व्यवस्था सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए हैं. कृषि विभाग एवं उद्यानिकी फसलों पर पड़ने वाले मौसम के प्रभाव के बारे में किसानों को जागरूक करने, खाद्य विभाग को उचित मूल्य की दुकानों पर पेयजल की व्यवस्था सुनिश्चित करने, लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग को जल संकट वाले क्षेत्रों में विशेष रूप से बंद हैंडपंपों की मरम्मत करवाने, ग्रामीण और शहरी इलाकों में जल की कमी का आंकलन और पेयजल संकट से निपटने के लिए आवश्यक तैयारी करने के निर्देश दिए गए हैं.
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