Korba News: मौसम विभाग के अनुसार अगले एक पखवाड़े तक मॉनसून की प्रदेश में दस्तक होने जा रही है. बारिश का मौसम जहां गांव के किसानों के लिए खुशहाली का पैगाम लेकर आएगा, तो वहीं नदी तट पर बसे गांवों के बाढ़ के संभावित खतरे के दायरे में आने का अंदेशा भी हो सकता है. यही अंदेशा व्यक्त करते हुए जल प्रबंधन विभाग ने बाढ़ प्रभावित गांवों के लिए अलर्ट जारी किया है. जल प्रबंधन विभाग ने लोगों को बाढ़ संभावित क्षेत्रों से अपनी संपत्तियां तुरंत हटाने को कहा है.
'बाढ़ संभावित क्षेत्रों से अपनी संपत्तियां हटाएं'
जल प्रबंधन संभाग रामपुर, कोरबा के कार्यपालन अभियंता हसदेव बरॉज ने कोरबा जिले के लोगों और अधिकारियों को सूचित किया है कि आगामी बारिश के दौरान आवश्यकता होने पर हसदेव बरॉज दर्रे से नदी में पानी प्रवाहित किया जायेगा. इसलिए लोग उक्त बांध से नीचे, हसदेव नदी के किनारे, बाढ़ क्षेत्र में स्थापित अपने चल-अचल सम्पत्ति को समय रहते सुरक्षित स्थानों पर स्थानांतरित कर लें. इसी प्रकार बाढ़ प्रभावित क्षेत्र में स्थापित खनिज, खदान ठेकेदार, औद्योगिक इकाईयां, संस्थानों आदि को भी सूचित किया गया है कि वे अपनी परिसम्पत्तियों को बाढ़ क्षेत्र से बाहर कर लेना सुनिश्चित करें. आकस्मिक बाढ़ से होने वाली किसी भी प्रकार की क्षति के लिए जल प्रबंध संभाग उत्तरदायी नहीं होगा.
सालभर सूखे रहने वाले नदी के कई हिस्सों में स्थायी मकान
कोरबा में बड़ी संख्या में ऐसे किसान भी हैं जो रबी की फसल व शाक-सब्जियों की फसल करने के लिए कुछ माह नदी किनारे व नदी की सूखी जमीन पर आकर बस जाते हैं, यहां वे अस्थायी मकान बनाकर फसल लेते हैं और परिवार समेत वहीं रहकर उनकी रखवाली करते हैं. हालांकि नदी के कई हिस्सों के सालभर सूखे रहने की वजह से कई किसानों ने नदी के किनारे स्थाई मकान बना लिए हैं. जल प्रबंध विभाग ने ऐसे लोगों तो तुरंत वहां से हटने की चेतावनी दी है, विभाग ने कहा कि यदि बांध के गेट खोले गए तो उनके घर डूब सकते हैं, इसलिए इन मकानों को तुरंत खाली करें.
कोरबा व जांजगीर-चांपा के 18 गांव बाढ़ प्रभावित क्षेत्र घोषित
कोरबा व पड़ोसी जिला जांजगीर-चांपा समेत विभाग ने कुल 18 गांवों के लिए अलर्ट जारी करते हुए परिसंपत्तियां हटाने के निर्देश दिए हैं. ये सभी गांव हसदेव नदी के किनारों पर हैं, जहां बाढ़ की स्थिति में जान-माल का खतरा हो सकता है. विभाग की ओर से जारी की गई जानकारी के अनुसार बाढ़ प्रभावित क्षेत्र में आने वाले संभावित गांवों में चारपारा, खैरभवना, बलरामपुर, भलपहरी, जोगीपाली, कोहड़िया, राताखार, गेवराघाट, इमलीडुग्गु, कुदुरमाल, बरीडीह, कटवितला, मोहरा, चिचोली, झींका, ठिठोली व जांजगीर चांपा जिले के चाम्पा व देवरी गांव शामिल हैं.
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