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Chhattisgarh Weather Report: छत्तीसगढ़ में गर्मी से हाल बेहाल, हमेशा ठंडा रहने वाला मैनपाट भी हुआ गर्म, जानें- क्या है इसके पीछे की वजह?
Chhattisgarh Weather Report: मौसम विज्ञानी का कहना है कि अभी नॉर्मल कंडीशन है, अप्रैल में इससे ज्यादा अधिक तापमान गया है. इस साल सबसे ज्यादा तापमान मंगलवार को 41.8 डिग्री सेल्सियस दर्ज हुआ है.
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(प्रतीकात्मक तस्वीर)
Chhattisgarh Weather Report: इस साल मार्च-अप्रैल के महीनों में ही भीषण गर्मी ने लोगों को घरों में कैद कर दिया है. छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) के सरगुजा (Sarguja) जिले में इन दिनों तापमान हर दिन 40 डिग्री के पार जा रहा है, जिसकी वजह से लोगों का घर से निकलना मुश्किल हो गया है. आमतौर पर बरसात में छाते का अधिक इस्तेमाल किया जाता है. लेकिन जिला मुख्यालय अम्बिकापुर (Ambikapur) में अप्रैल के महीने में लोग गर्मी से बचने के लिए छाते का इस्तेमाल कर रहे हैं. अम्बिकापुर शहर में सुबह 9 बजे ही गर्मी अपना प्रकोप दिखाना शुरू कर दे रहा है.
लगभग एक सप्ताह से अम्बिकापुर शहर में दोपहर के बाद लोगों का आवागमन कम हो जाता है. इसकी वजह भीषण गर्मी है. हवा के साथ जमीन भी तप गई है. छत्तीसगढ़ का शिमला कहा जाने वाला सरगुजा जिले के मैनपाट में साल भर ठंडी पड़ती है. लेकिन इस बार मैनपाट भी गर्म हो गया है. आखिर क्यों मार्च-अप्रैल के महीने में इतनी भीषण गर्मी पड़ रही है. इसको लेकर एबीपी न्यूज़ ने मौसम विज्ञानी और भूगोल के विशेषज्ञ से बात की.
मंगलवार को दर्ज हुआ सबसे ज्यादा तापमान
मौसम विज्ञानी एएम भट्ट का कहना है कि अभी नॉर्मल कंडीशन है, गर्मी बहुत ज्यादा नहीं बढ़ी है. बल्कि अप्रैल में इससे ज्यादा अधिक तापमान गया है. इस साल सबसे ज्यादा तापमान मंगलवार को 41.8 डिग्री सेल्सियस दर्ज हुआ है. पिछले साल शुरुआत में गर्मी ज्यादा थी, लेकिन जब पश्चिमी विक्षोभ सक्रीय हुआ तो कम था. इससे दो साल पहले की बात करें तो इतनी ही गर्मी थी. 1989 में अम्बिकापुर का तापमान 45 डिग्री तक गया था. मतलब पहले भी गर्मी पड़ती थी. लगातार 44 डिग्री के आस-पास के तापमान रहे तो कह सकते हैं कि गर्मी बहुत ज्यादा बढ़ी है.
"पहले 11-12 बजे शुरू होती थी गर्मी"
एक-दो दिन का तापमान उतार-चढ़ाव तो होगा ही. ये बात है कि पहले दिन में 11-12 बजे गर्मी शुरू होती थी, वो अब सुबह 8-9 बजे की महसूस होने लगी है और शाम हो जाने के बाद भी गर्मी महसूस होती है. लेकिन ग्रामीण इलाकों में अब भी वही हालत हैं कि सूरज ढलते ही तापमान गिरना शुरू हो जाता है. शाम को ठंडी हवाएं चलती हैं. मैनपाट में मौसम का परिवेश काफी बदल रहा है. पहले वहां पक्की सड़कें नहीं थीं, पक्के मकान नहीं थे, जंगल पर्याप्त था. लेकिन पिछले 10-12 साल में काफी बदलाव हुआ है. पक्की सड़कें बन रही हैं. पक्के मकान बहुत बन गए. जंगल कट गए रहे हैं.
जानिए क्यों बढ़ रहा है मैनपाट का तापमान
पीजी कॉलेज के भूगोल के प्रोफेसर रमेश जायसवाल का कहना है कि अभी जो गर्मी पड़ रही है वो राजस्थान का जो रेगिस्तानी भाग है, वहां बहुत ज्यादा गर्म हो रहा है और उसी का असर इस एरिया में है. अभी जो गर्मी पड़ रही है वो पश्चिमी विक्षोभ की वजह से पड़ रहा है, जो राजस्थान से उठ रही है. मैनपाट में गर्मी पड़ने का कारण यह है कि वहां पेड़ पौधे खत्म हो जा रहे हैं. पहले वहां का ज़मीन पथरीला था, लेकिन अब तमाम जगह सड़कें बन गई हैं. पक्के मकान बन रहे हैं, बारिश की कमी है. जनसंख्या बढ़ रहा है. इस सब के कारण मैनपाट का तापमान बढ़ रहा है.
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रुमान हाशमी, वरिष्ठ पत्रकार
Opinion