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Chhattisgarh: छत्तीसगढ़ में पर्यटकों से गुलजार हुआ टाटामारी ईको टूरिज्म प्लेस, खूबसूरती के दीवाने हुए लोग

Chhattisgarh Tourist Place: छत्तीसगढ़ में ठंड ने दस्तक दे दी है. यहां घना कोहरा के साथ ही कड़कड़ाती ठंड पड़ रही है. जिस वजह से ठंड के मौसम में टाटामारी पर्यटन स्थल पर्यटकों से गुलजार हो गया है.

Chhattisgarh Weather Update: छत्तीसगढ़ के बस्तर जिसे में इस साल नवंबर माह से ही ठंड के मौसम ने दस्तक दे दी है. बस्तर संभाग के लगभग सभी जिलों में घना कोहरा छाए रहने के साथ कड़कड़ाती ठंड भी पड़ रही है.  इस ठंड के मौसम में प्राकृतिक सौंदर्य से परिपूर्ण बस्तर के पर्यटन स्थलों का नजारा देखते ही बन रहा है और इन दिनों सभी पर्यटन स्थल पर्यटकों से गुलजार हो चुका है. इन्हीं पर्यटन स्थलों में से एक है कोंडागांव के केशकाल में मौजूद टाटामारी ईको पर्यटन स्थल. केशकाल घाट के एक कोने पर स्थित टाटामारी इको पर्यटन क्षेत्र में पर्यटन के साथ रोमांचकारी खेलोरॉक क्लाइंबिंग, धनुर्विद्या, पैरा सेलिंग और  ट्रैकिंग के शौकीनों के लिए ट्रैकिंग रूट भी तैयार किया गया है. इसके अलावा माझीनगढ़ पहाड़ के ऊपर भंगाराम मंदिर यहां के प्राकृतिक खूबसूरती का नजारा, वॉटरफॉल्स और एतिहासिक जगहों की खोजकर इस पर्यटन सर्किट में जोड़ नई पहचान दी गई है.

जिसके चलते टाटामारी पर्यटन स्थल की खूबसूरती में चार चांद लग गए है. यहीं नहीं मुरवेंड में पहाड़ियों की गोद में बने प्राकृतिक तालाब के किनारे 7 करोड़ रुपए की लागत से लिमदरहा वॉटरफॉल  पर लिमदरहा मिडवे रिजॉर्ट का निर्माण किया गया हैऔर यहां कॉटेज और रेस्टोरेंट के साथ पर्यटकों के रुकने का भी प्रबंध किया गया है. जिस वजह से केशकाल घूमने आने वाले पर्यटको की टाटामारी पर्यटन स्थल पहली पसंद बनी हुई है. जानकारी के मुताबिक यहां बीते साल करीब ढाई लाख से ज्यादा पर्यटक आ चुके हैं. वहीं इस साल जनवरी से नवम्बर माह तक एक लाख से ज्यादा पर्यटक पहुंच चुके हैं. अनुमान लगाया जा रहा है कि दिसंबर और जनवरी माह में पर्यटकों की संख्या बढ़कर करीब 2 से ढाई लाख पहुंच सकती है.

टाटामारी बनी पर्यटकों की पहली पसंद

राजधानी रायपुर से करीब 160 किलोमीटर और जगदलपुर मुख्यालय से करीब 130 किलोमीटर दूरी पर केशकाल के पहाड़ियों में बने टाटामारी ईको पर्यटन स्थल में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए 10 करोड़ से ज्यादा की राशि खर्च की गई है. हिल स्टेशन होने की वजह से यहां की नैसर्गिक खूबसूरती देखते ही बनती है. ठंड के मौसम में टाटामारी पर्यटन स्थल का नजारा और भी खूबसूरत हो जाता है. यही वजह है कि बस्तर घूमने आने वाले पर्यटक केशकाल के टाटामारी की प्राकृतिक खूबसूरती देखने जरूर पहुंचते हैं.  कोंडागांव कलेक्टर दीपक सोनी ने बताया कि टाटामारी इको पर्यटन स्थल में पर्यटकों के लिए सुविधाओं का विस्तार करने के बाद इको पर्यटन स्थल में पर्यटको का अच्छा रिस्पांस मिल रहा है और बड़ी संख्या में पर्यटक टाटामारी घूमने पहुंच रहे हैं.

वहीं पूरे केशकाल को पर्यटन सर्किट के रूप में विकसित करने के लिए  केशकाल क्षेत्र में स्थित 17 से भी ज्यादा वाटरफॉल्स को पर्यटन के क्षेत्र के रूप में विकसित करने  का कार्य भी प्रशासन की तरफ से किया जा रहा है. ताकि केशकाल टाटा मारी पर्यटन स्थल में ज्यादा से ज्यादा दिन पर्यटक गुजार सकें. वहीं 7 करोड़ रुपए की लागत से कॉटेज और रिसॉर्ट भी बनाया गया है. इसके अलावा पर्यटन स्थल में बस्तर के आदिवासियों की कला संस्कृति और कल्चर की झलक देखने को मिले इसके लिए स्थानीय ग्रामीणों के तरफ से छोटे-छोटे व्यापार भी यहां लगाए गए हैं. आने वाले समय में इस पर्यटन स्थल में पर्यटकों के सुविधाओं के लिए यहां और भी कार्य किया जाना है.

पर्यटन स्थल पर्यटकों से हुए गुलजार

केशकाल में मौजूद टाटामारी के अलावा बस्तर के कांगेर वैली नेशनल पार्क, दंतेवाड़ा के हंदावाड़ा वॉटरफॉल, ढोलकाल गणेश और बस्तर में मौजूद सभी प्रसिद्ध वॉटरफॉल्स के साथ ही  हिल स्टेशन में बड़ी संख्या में पर्यटक पहुंच रहे हैं और ठंड के मौसम में खूबसूरत नजारे का लुत्फ उठा रहे हैं.

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