Chhattisgarh Weather Report: इस बार आषाढ़ महीने के आखिरी दिनों में जमकर बादल बरसे हैं. दरअसल, तीन जुलाई यानी आज आषाढ़ का आखिरी दिन है. इसके बाद कल यानी चार जुलाई से सावन (sawan 2023) की शुरूआत हो जाएगी. वहीं इस साल मानसून छत्तीसगढ़ में देरी से पहुंचा, लेकिन जब पहुंचा तो कई दिनों तक झमाझम बारिश हुई. इस साल मानसून में देरी से आषाढ़ महीने का पहला पखवाड़ा तेज गर्मी और तपिश में बीता. वहीं महीने के अंत में जब मानसून सक्रिय हुआ तो पिछले एक हफ्ते से हर दिन झमाझम बारिश हो रही है, जिससे लोगों का जन-जीवन प्रभावित हो गया है.


दरअसल, जब मानसूनी बारिश शुरू हुई तो खेतों में पानी की कमी पूरी हुई, जिसके बाद अब किसान खेतों में पहुंच कर खेतों की जुताई के काम में जुट गए हैं, क्योंकि मानसून की देरी की वजह से खरीफ फसलों की बोआई का काम कुछ दिन पिछड़ गया है. ऐसे में अब तेजी से जुताई का काम चल रहा है. बता दें कि, इस सीजन में प्रमुख रूप से धान की खेती की जाती है. इसके साथ ही तिलहन और दलहन की फसलें भी बोई जाती हैं और इसके अलावा प्रत्येक किसान अपनी बाड़ी में मक्के की खेती भी करते हैं, जिसके लिए कुछ दिनों की देरी हो गई है. यही कारण है कि मौसम खुलने के साथ ही खेतों में जुताई का काम तेजी से शुरू हो गया है. अब कुछ दिनों तक मौसम साफ रहा तो इस सीजन की कई फसलों की बोआई के लिए मौका मिल जाएगा.


कई दिनों बाद रुकी बारिश


छत्तीसगढ़ के कोरिया जिले में मानसून के सक्रिय होने के बाद लगातार कई दिनों तक झमाझम बारिश हुई. वहीं बीते एक जुलाई को मौसम साफ हुआ और सुबह से लेकर दोपहर तक धूप खिली रही, लेकिन दोपहर होते-होते आसमान में फिर बादलों छाने लगे और शाम होते-होते जिला मुख्यालय बैकुंठपुर में हल्की बारिश शुरू हो गई. बता दें कि, कल से सावन का महीना शुरू हो रहा है. इस बार जिस तरह से आषाढ़ के अंतिम दिनों में लगातार झमाझम बारिश हुई है. वैसी बारिश शायद सावन के शुरूआत में देखने को नहीं मिलेगी. जबकि कई साल औसा हुआ है कि, आषाढ में कम बारिश होती है, लेकिन सावन में जमकर बारिश होती है.



यह भी पढ़े: बस्तर में मौसमी बीमारी से लोग परेशान, लगातार बिगड़ रहे हालात, 25 से ज्यादा लोग अस्पताल में भर्ती